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वाराणसी के अजगरा विधायक कैलाश सोनकरः टूट जाएगा BJP का घमंड
कैलाश सोनकर भले ही मौजूदा वक्त में सुभासपा से विधायक हों लेकिन राजनीति की शुरुआत उन्होंने बीजेपी से ही की है। वो दौर था 1990 का, जब पूरे देश में राम नाम की लहर थी। लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में बीजेपी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन छेड़ रखा था।
आशुतोष सिंह
वाराणसी। पिछले विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने साथ चुनाव लड़ा। सरकार बनने के बाद से ही दोनों पार्टियों में तलवारें खिंची रही। कई ऐसे मौके आए जब दोनों ही पार्टियां दुश्मनों की तरह लड़ते दिखी। आखिरकार दोनों ही पार्टियों की राहें जुदा हो गईं। गठबंधन की टीस सुभासपा विधायक कैलाश सोनकर को आज भी सालती है। वाराणसी के अजगरा विधानसभा सीट से विधायक कैलाश सोनकर कहते हैं कि यकीनन बीजेपी के पास धनबल है। बाहुबल है। लेकिन जनबल ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है। अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का घमंड चूर-चूर हो जाएगा।
बीजेपी से शुरू किया सियासत का सफर
कैलाश सोनकर भले ही मौजूदा वक्त में सुभासपा से विधायक हों लेकिन राजनीति की शुरुआत उन्होंने बीजेपी से ही की है। वो दौर था 1990 का, जब पूरे देश में राम नाम की लहर थी। लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में बीजेपी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन छेड़ रखा था।
कैलाश सोनकर भी एक सच्चे रामभक्त और बीजपी कार्यकर्ता की तरह आंदोलन में कूद पड़े थे। 1991 में बीजेपी जिला संगठन में उन्हें उपाध्यक्ष का ओहदा भी हासिल हुआ। हालांकि बाद में पार्टी की विचारधारा और स्थानीय नेताओं से बढ़ती दूरियों की वजह से उन्होंने बीजेपी को बाय-बाय बोल दिया और समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।
भांजी को बनवाया जिला पंचायत अध्यक्ष
समाजवादी पार्टी के अंदर कैलाश सोनकर की गिनती एक किंगमेकर की रही। कैलाश सोनकर की बदौलत ही समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के तिलिस्म को तोड़ते हुए जिला पंचायत पर अपना कब्जा जमाया।
कैलाश सोनकर ने अपनी भांजी अपराजिता सोनकर को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया, हालांकि उनका ये दांव उल्टा पड़ गया। अपराजिता ने अपने मामा का साथ छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर लिया। इस बात की टीस कैलाश सोनकर के दिल में आज भी है।
न्यूजट्रैक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘’भगवान ऐसा भांजी किसी को ना दे। जिस भांजी के लिए मैंने अपनी पूरी राजनीति को दांव पर लगा दिया, वही मुझे ऐसा धोखा देगी, सपने में भी नहीं सोचा था ।’’
साईकिल से चलने वाला भी विधायक
मौजूदा राजनीति को लेकर कैलाश सोनकर ने बेबाकी से अपनी राय रखी।
उन्होंने कहा कि ‘’भले ही चुनाव में पानी की तरह पैसे बहाये जाए, लेकिन जीत उसी की होती है जो जनता के दिलों पर राज करता है। समाज के सामने कई ऐसे उदाहरण है, जिससे जो साबित करता है कि साइकिल से चलने वाला एक साधारण व्यक्ति भी सत्ता के शिखर तक पहुंच सकता है।‘’
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये कैलाश सोनकर बताते हैं "ये सच है की मौजूदा चुनाव व्यवस्था में वही कामयाब होगा जो जनता के बीच रहेगा। आप हमारे क्षेत्र की जनता से पूछ सकते है कि कैलाश सोनकर किस तरह उनके सुख-दुख में साथ खड़ा रहता है। "
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग पर तोड़ी चुप्पी
राज्यसभा के अन्दर क्रास वोटिंग के मुद्दे पर पहली बार उन्होंने चुप्पी तोड़ी।
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उन्होंने कहा कि संविधान में अब ये सबको हक है कि वो अपने हिसाब से वोट करे। जहाँ तक क्रॉस वोटिंग की बात है तो ये आरोप निराधार है। मैंने अगर क्रॉस वोट किया होता शायद गठबंधन के उम्मीदवार नहीं जीत पाते। चुनाव में एक-एक वोट का महत्व है।
बेलगाम नौकरशाही ने जनता ही नहीं जनप्रतिनिधि भी त्रस्त
नौकरशाही की बढ़ती दखल पर भी विधायक कैलाश सोनकर ने बेबाकी से राय रखी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में जनप्रतिनिधि अपना काम करा लें, यही बहुत है। जिस तरह से नौकरशाहों का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है, वो खेदजनक है।
वह कहते हैं किसी भी सरकारी दफ्तर में जाईये, भ्रष्टाचार का खेल जारी है। बगैर घूस के एक काम नहीं होता। बड़े अधिकारी आम जनता की छोडिए, खुद बीजेपी के सांसद और विधायक की नहीं सुनते हैं।
अधूरा रहा इंजीनियर बनने का सपना
कैलाश सोनकर एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गांव में हुई। इसके बाद उन्होंने बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय से स्नातक की परीक्षा पास की।
न्यूज़ट्रैक से बात करते हुये कहा कि "मेरी ख्वाहिश थी कि बड़ा होकर इंजीनियर बनूं। लेकिन घर के हालात और पिता की बीमारी की वजह से ये सपना पूरा नहीं हुआ। हालांकि इसका कोई मलाल नहीं है। समाजसेवा के जरिये राष्ट्र सेवा के मिशन को आगे बढ़ा रहा हूं।"
कोरोना काल में फेल हुआ "योगी मॉडल" !
कोरोना काल का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि "योगी मॉडल पूरी तरह फेल हो चुका है। सरकारी अस्पतालों में लोग इलाज कराने से दर रहे हैं। प्राईवेट अस्पतालों में लूट मची है। बेचारी गरीब जनता मरने पर मजबूर है।
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सब छोडिए.. वाराणसी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है ना। यहां का सर सुन्दरलाल अस्पताल मरीजों के लिये कब्रगाह बन गया है। आये दिन इस अस्पताल से लापरवाही की ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है, जिसे देखने के बाद लोग हैरान हो जाते हैं।"
कैलाश सोनकर ने "दिल्ली मॉडल का जिक्र किया और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को दिल्ली से सबक लेना चाहिये। जिस तरह से दिल्ली में कोरोना पीड़ितो का इलाज हो रहा है, वो बेहतरीन उदाहरण है। "