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अखिलेश यादव ने नई शिक्षा नीति पर उठाये सवाल, बोले- RSS का एजेंडा
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा बनायी गई नई शिक्षा नीति को आरएसएस का एजेण्डा करार दिया है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा बनायी गई नई शिक्षा नीति को आरएसएस का एजेण्डा करार दिया है। अखिलेश ने कहा है कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के पीछे उद्देश्य आरएसएस के एजेण्डा को लागू करना है। इस एजेण्डा के मुताबिक नई पीढ़ी को ढालने की कोशिश में अब पाठ्यक्रम को भी एक विशेष रंग में प्रस्तुत किया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि यूपी में तो पूरी शैक्षिक व्यवस्था ही गड़बड़ है। यहां शैक्षिक समय सारिणी तक का पालन नहीं हो पा रहा हैै। इसके साथ ही सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के विधायकों और सांसदों में भी अपने नेतृत्व के लिए असंतोष पनप रहा है।
सपा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि जो सरकार सामाजिक समरसता और सद्भाव के सांस्कृतिक मूल्यों तथा संविधान के सिद्धांतों को निरन्तर नष्ट कर रही हैं और उनसे स्वयं कोई शिक्षा नहीं ले रही है। वह शिक्षा नीति में कोई भी बदलाव कर ले या मंत्रालय का नाम बदल लें उससे कुछ होने वाला नहीं है। भाजपा बच्चों के भविष्य का राजनीतिकरण न करें। शिक्षा-व्यवस्था ऐसी हो, जिसमें उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।
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नाम बदलने में विशेषज्ञता हासिल करके ही खुश
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार, केन्द्र की हो या प्रदेश की बस नाम बदलने में विशेषज्ञता हासिल करके ही खुश है, काम करने की कोई जरूरत नहीं है। इस नाम बदल में भी उनकी कोई मौलिकता नहीं दिखती है क्योंकि पहले की भी सरकारें ये खेल कर चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में तो भाजपा ने अब तक अपनी एक भी योजना नहीं लागू की, सपा सरकार की योजनाओं पर ही अपना नाम चस्पा कर खुद की वाहवाही कर लेती है।
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के इस छल-प्रपंच को जन साधारण के साथ भाजपा के विधायक-सांसद जान गए हैं और वे भी अब विरोध में आवाज उठाने लगे हैं। भाजपा नेतृत्व के तमाम जनविरोधी कृत्यों से इसके सांसदों और विधायकों में भी असंतोष पनप रहा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में तो 100 विधायक एक बार सामूहिक विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं और अब उन्नाव के सदर से विधायक ने सदर कोतवाली में 5 घंटे तक धरना दिया।
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विधायक ने कहा कि पुलिस कर्मी और सदर सीओ जनता को प्रताड़ित करते हैं और अभद्रता करते हैं। हरदोई के भाजपा विधायक अपनी सरकार के विरोध में आवाज उठा रहे है और उनकी बात नहीं सुनी जाती। भाजपा के सांसद भी अपनी मायूसी जता चुके हैं। मगर भाजपा सरकार पर इस सबसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। मुख्यमंत्री भी जानते हैं कि चलाचली की बेला में कुछ ही दिन बाकी बचे है, वे दिन भी रो-गाकर कट ही जाएंगे।
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