×

प्रवासी मजदूरों के पलायन पर छलका अखिलेश यादव का दर्द, कही ये बड़ी बात

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि देश का मजदूर और कामगार बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है। 1947 के बाद भारत में ऐसी स्थिति कभी नहीं आयी। जिनसे न्याय की उम्मीद है, वही सरकार अन्याय और असहनीय पीड़ा पहुंचा रही है।

Aditya Mishra
Published on: 17 May 2020 12:47 PM GMT
प्रवासी मजदूरों के पलायन पर छलका अखिलेश यादव का दर्द, कही ये बड़ी बात
X

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि देश का मजदूर और कामगार बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है। 1947 के बाद भारत में ऐसी स्थिति कभी नहीं आयी। जिनसे न्याय की उम्मीद है, वही सरकार अन्याय और असहनीय पीड़ा पहुंचा रही है। बेसहारों पर लाठियां बरसाई जा रही है। यह घोर अमानवीय कृत्य है। अच्छा हो, सरकार गरीब की जिंदगी पर ही रासुका लगा दे।

सपा अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि यूपी में प्रशासन की पंगुता से जैसी अफरातफरी मची है उससे साबित होता है कि ‘‘समाज में दूरी‘‘ पैदा करने वाली भाजपा का सारा ध्यान कोरोना नियंत्रण और गरीब को रोजी-रोटी की सुविधा देने पर नहीं अपनी चुनावी चालों पर है।

लॉकडाउन की जमकर उड़ाई गई धज्जियां, यहां से 100 प्रवासी मजदूर गिरफ्तार

राज्य की सीमाओं पर क्या कोई विदेशी हमला होने वाला है: अखिलेश यादव

उन्होंने सवाल किया कि देश के मजदूरों पर आये इस संकट का जिम्मेदार कौन है? आखिर 54 दिन से केन्द्र और राज्य की सरकारें क्या करती रही? उन्होंने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार का आदेश है कि प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश की सीमा में न घुसने देंगे, न रेल ट्रैक पर चलने देंगे, न ट्रक-दुपहिया से जाने देंगे।

जबकि भाजपा की गरीब विरोधी नीतियां ही लोगों को ये सब काम करने को मजबूर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दतिया, झांसी, जालौन, कानपुर, गाजियाबाद, सहारनपुर की सीमाओं पर संघर्ष तबाही के शिकार श्रमिकों का कसूर क्या है?

राज्य की सीमाओं पर क्या कोई विदेशी हमला होने वाला है? क्या अपने राज्य के कामगार विदेशी है? उन्नाव में सड़क जाम है। प्रशासन ने 10-10 किलोमीटर का जाम क्यों लगाया? इसका जवाब तो मुख्यमंत्री की टीम-11 को देना पड़ेगा।

सिर पर सामान नदी को पार करते श्रमिकों का जत्था क्या यही उत्तर प्रदेश का परिचय है? ये सभी कितनी बेबसी के शिकार है। ऐसा दुव्र्यवहार तो बेगानों के साथ भी नहीं होता है।

हकीकत से कोसों दूर प्रवासी मजदूरों को सरकारी मदद पहुंचाने के दावें

प्रवासी मजदूरों के पलायन पर अखिलेश ने उठाए सवाल

अखिलेश ने कहा कि अगर सरकार का गरीब मजदूरों के प्रति ऐसा ही दुर्भावनापूर्ण और उपेक्षापूर्ण व्यवहार बना रहा तो भला किस पर विश्वास कर ये प्रवासी मजदूर काम पर वापस लौटेंगे।

उन्होंने कहा कि अमीरों की इस सरकार ने अब तो मजदूरों से श्रम कानूनों का रक्षा कवच भी छीन लिया है। भाजपा ने श्रमिकों-कामगारों और गरीबों को जितना अपमानित किया, वह अनन्त दास्तान है। इस पीड़ा और कष्ट को श्रमिक कभी भूल नहीं पायेगा।

श्रमिकों पर दोहरी मार एक कोरोना और दूसरी भाजपा सरकार का आचरण। यह कैसी विडम्बना है आजाद भारत में लाचार श्रमिक और उनकी भूख साथ चलने को मजबूर है। यह स्थिति राष्ट्रीय त्रासदी से कम नहीं है। यह लोकतंत्र के साथ भद्दा मजाक है।

गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखा पत्र, प्रवासी मजदूरों पर दिए ये निर्देश

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story