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कानपुर संरक्षण गृह कांड: इस पर राजनीति गर्म, अखिलेश ने की जांच की करी मांग

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार सुबह टवी्ट करके कहा है कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई खबर से उप्र. में आक्रोश फैल गया है। कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है।

Rahul Joy
Published on: 22 Jun 2020 9:23 AM GMT
कानपुर संरक्षण गृह कांड: इस पर राजनीति गर्म, अखिलेश ने की जांच की करी मांग
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akhilesh yadav

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ। कानपुर में राजकीय बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने के मामलें में अब राजनीति गर्म होने लगी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।

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सपा अध्यक्ष ने सोमवार सुबह किया टवी्ट

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार सुबह टवी्ट करके कहा है कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई खबर से उप्र. में आक्रोश फैल गया है। कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है। इनमे 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गयी है, इनका तत्काल इलाज हो। उन्होंने कहा कि सरकार शारीरिक शोषण करने वालों के खिलाफ तुरंत जांच बैठायें।

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जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जा रहा

इससे पहले रविवार को कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने टवी्ट कर इस मामले में कहा था कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियां गर्भवती निकली और एक को एड्स पाजिटिव निकला। उन्होंने कहा था कि बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में पुनः इस तरह की घटना का सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है। लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही है।

रेस्क्यू के समय ही दोनों किशोरी थी गर्भवती

इधर, कानपुर के जिलाधिकारी ने भी इस मामलें पर टवी्ट किया है कि कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर गलत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई हैं। आपदाकाल में ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है। कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जांचे बिना पोस्ट न करें। जिला प्रशासन इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए लगातार तथ्य एकत्र कर रहा है। जबकि कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि सभी बालिकाएं संरक्षण गृह में लाए जाने के वक्त ही गर्भवती थीं। पांच संक्रमित संवासिनी आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर के बाल कल्याण समिति से संदर्भित करने के बाद यहां रह रही थीं।

एसएसपी ने कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत एक किशोरी कन्नौज और दूसरी किशोरी आगरा से कानपुर आई है। रेस्क्यू के समय ही दोनों गर्भवती थीं और दिसंबर 2019 में संरक्षण गृह में भेजी गई थीं। दोनों 6 महीने पहले कानपुर बालिका गृह में आई हैं, जबकि गर्भ 8 महीने का है। कानपुर के संरक्षण गृह आने के समय से ही दोनों के गर्भवती होने का रिकॉर्ड है।

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