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मंडलायुक्त का निर्देश, निजी अस्पताल नॉन कोविड पेशेंट को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते

मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने आयुक्त सभागार में इंडियन मेडिकल ऐसो, प्राइवेट नर्सिंग होम के चिकित्सक तथा सरकारी चिकित्सकों से झांसी में कोविड-19 की बिगड़ती स्थिति को कैसे सुधारा जाए

Newstrack
Published on: 14 July 2020 1:52 PM GMT
मंडलायुक्त का निर्देश, निजी अस्पताल नॉन कोविड पेशेंट को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते
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झांसी: मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने आयुक्त सभागार में इंडियन मेडिकल ऐसो, प्राइवेट नर्सिंग होम के चिकित्सक तथा सरकारी चिकित्सकों से झांसी में कोविड-19 की बिगड़ती स्थिति को कैसे सुधारा जाए, बढ़ते हुए मरीजों की गति को कैसे रोका जाए ताकि झाँसी को बचाया जा सके पर आत्ममंथन किया। उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कि समाज हित में आप आगे आएं और प्रतिकूल समय में सहयोग दें। जिले में कोविड मौत की एक वजह प्रॉपर समय से इलाज ना हो पाना है। मरीज आखिरी समय में अस्पताल आ रहा है लोगों को आपके माध्यम से जागरूक किया जाए ताकि लोग बीमारी छुपाए नहीं तत्काल अस्पताल आए। तभी जीवन सुरक्षित किया जा सकता है। इमरजेंसी में मेडिकल कॉलेज ही क्यों मरीज आए अन्य निजी अस्पताल चिन्हित किए गए वहां क्यों नहीं जा रहे हैं, उन्हें भी जिम्मेदारी दी जाए।

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मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने आईएमए व निजी चिकित्सकों से बात करते हुए कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से कैसे रोका जाए सुझाव दें। बैठक में उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज कोविड/ नॉन कोविड पूर्ण क्षमता से संचालित हो। जो बेड बढ़ाए गए हैं उनमें मैनपावर, भोजन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित हो। जनपद में लगभग एल-1हॉस्पिटल में 1200 बैड तैयार कर लिए गए हैं परंतु अभी आधे का इस्तेमाल हो रहा, सभी का इस्तेमाल करें।निजी नर्सिंग होम ट्रूनेट मशीन/ लैब खोलने के लिए आगे हैं शासन से अनुमति जल्द दिलाई जाएगी। प्राइवेट हॉस्पिटल के 50% स्टाफ को भी इस्तेमाल किया जा सकता है यदि मैनपावर की कमी है। यदि स्टॉफ आनाकानी करता है तो एपेडेमिक एक्ट का इस्तेमाल करेंगे।

साहब, झूठे बोलते हैं नर्सिग होम संचालक, नहीं कर रहे हैं मरीज भर्ती

मंडलायुक्त ने लाइफ लाइन, चिरंजीवी, निर्मल हॉस्पिटल सहित अन्य प्राइवेट नर्सिंग होम को ताकीद करते हुए कहा कि मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं करेंगे। जनपद में अभी 4 नर्सिंग होम चिन्हित है। नोन कोविड हॉस्पिटल में और भी नर्सिंग होम आगे आये, उन्होंने कहा कि पेशेंट को मरने नहीं दे सकते यह आपका पेशा है जिम्मेदारी लेंगे तो समस्या हल हो जाएगी। आप सभी समाज की बेहतरी में सहयोग करें। वहीं, मंगलवार को मरीज नर्सिंग होम में उपचार करने के लिए गए लेकिन उन्होंने स्पष्ट रुप से मना कर दिया है। कहा कि कोरोना को छोड़कर अन्य मरीज उनके नर्सिंग होम में भर्ती नहीं हो सकते हैं।

न मिलता नाश्ता, न चाय, झूठ बोल रहे हैं जिला अस्पताल का स्टॉफ

बैठक में जिला अस्पताल में उपलब्ध 250 बेड के सापेक्ष मात्र 24 बेड ही मरीजों से भरे होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला अस्पताल मैं ट्रूनेट मशीन उपलब्ध है अतः मरीजों की जांच करते हुए मरीज भर्ती करें भर्ती मरीजों को समय से चाय, नाश्ता, खाना के साथ सफाई व्यवस्था, चादर बदला जाना समय से सुनिश्चित हो। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला अस्पताल में 16 बेड की इमरजेंसी है जिसे तत्काल 50 बेड के वार्ड में इमरजेंसी घोषित करें ताकि अधिक से अधिक मरीजों को भर्ती किया जा सके और चिकित्सीय सुविधाएं दी जा सके। वहीं, कमिश्नर के आदेश को जिला अस्पताल का स्टॉफ भी नहीं मानता हैं। मरीजों को न चाय और न ही नाश्ता दिया जा रहा है। स्टॉफ के लोग लगातार झूठ बोल रहे हैं। कोरोना का खौफ इतना है कि एक दूसरे से बात तक नहीं करते हैं।

कंटेनमेंट जोन में नियमों का सख्ती से करें पालन

बैठक में कंटेनमेंट जोन में नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए। पालन ना होने पर सख्त कार्रवाई की जाए। बिना मास्क लगाएं लोगों का चालन हो। मंडलायुक्त ने कहा की कंटेनमेंट जोन में होम क्वॉरेंटाइन वाले घर पर ही रहे बाहर ना निकले ना लोगों से मिले। उन्होंने कहां की लोगों को मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व भीड़ से बचने की भी जानकारी दें, उन्हें जागरूक करें।

ट्रूनेट मशीन से टेस्टिंग में तेजी लाएं

निदेशक पैरामेडिकल कॉलेज डाक्टर एस एन सेंगर ने सुझाव देते हुए कहा कि ट्रूनेट मशीन से टेस्टिंग में तेजी लाएं और नॉन कोविड एरिया में टेस्टिंग करके स्थिति को सुधार सकते हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में कोविड आईसीयू 20 बेड थे परंतु अब बढ़ाकर 90 बेड कर दिए गए हैं वेंटीलेटर की सुविधा है। अभी और हालात बिगडे़गे की संभावना है, इसके लिए हमें और तैयारी करनी होगी।

मरीज को देखने के लिए बात तो सभी करे रहे, मगर ध्यान कौन देगा?

डॉ राजीव सिन्हा ने सुझाव दिया कि प्राइवेट सेक्टर को भी खोला जाए ताकि वहां भी मरीजों को देखा जा सके। उन्होंने स्टाफ के भागने की बात कही। जिस पर मंडलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के प्रति जो जिम्मेदारी है, उसका निर्वहन करें। लाइफ लाइन हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रवीण कुमार ने ट्रूनेट मशीन की सुविधा जल्द उपलब्ध कराए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि ट्रूनेट निजी हॉस्पिटल में लगाना आसान नहीं है। डॉ सतीश अग्रवाल ने कहा कि बुखार वाले मरीजों को देखने की गाइड लाइन में मनाही है, इसलिए हम उन्हें नहीं देख रहे हैं। यदि मरीज कोविड निगेटिव है तो उसका प्रॉपर इलाज किया जाएगा।

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महामारी को रोकने में सहयोग करें: आईजी

आईजी एसएस बघेल ने चिकित्सकों के सुझाव को सुनते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया हैं कि अभी पीक टाइम आना है। आज जनपद में 650 टेस्टिंग में 112 पॉजिटिव आये हैं। क्या समाज के प्रति आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि आप आगे आकर इस महामारी को रोकने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सभी नर्सिंगहोम में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित होगी।

इस मौके पर जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी, एसएसपी डी प्रदीप कुमार, अपर आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित, सीएमओ डॉक्टर गजेंद्र कुमार निगम, एसपी सिटी राहुल श्रीवास्तव, डॉ अन्नु निगम, डॉ अंशुल जैन, डॉक्टर श्वेताशं, डॉक्टर सुदीप सहित अन्य चिकित्सक व अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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