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इलाहाबाद हाईकोर्ट में माफिया भूपेन्द्र यादव की जमानत नामंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमीरपुर के माफिया भूपेन्द्र यादव की दूसरी जमानत अर्जी भी नामंजूर करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। हत्या के प्रयास के मामले में इससे पूर्व कोर्ट ने 29 अगस्त 16 को भूपेन्द्र की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद उसने दोबारा जमानत अर्जी दाखिल की।

Rishi
Published on: 29 March 2019 8:42 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट में माफिया भूपेन्द्र यादव की जमानत नामंजूर
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमीरपुर के माफिया भूपेन्द्र यादव की दूसरी जमानत अर्जी भी नामंजूर करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। हत्या के प्रयास के मामले में इससे पूर्व कोर्ट ने 29 अगस्त 16 को भूपेन्द्र की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद उसने दोबारा जमानत अर्जी दाखिल की।

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जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति ओमप्रकाश ने इसके विरुद्ध दर्ज गंभीर आपराधिक मुकदमों और लंबे आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत नामंजूर कर दी हैं प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कांत और राज्य सरकार की विशेष अधिवक्ता स्वाती अग्रवाल ने जमानत का विरोध किया।

जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि याची के खिलाफ तमाम आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। उसके डर से कोई उसके खिलाफ गवाही नहीं देता है इसलिए कई मुकदमे में बरी हो गया हैं सरकार और वादी मुकदमा ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। याची समाज के लिए एक आतंक है और जमानत पर रिहा किया जाना समाज के हित में नहीं है।

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बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि याची को राजनीतिक विद्वेष के कारण फंसाया गया है। याची तमाम मुकदमों में बरी हो चुका है। सिर्फ एसएलपी दाखिल न होने के आधार पर उसे जेल में रखना उचित नहीं है। कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलील नामंजूर करते हए जमानत अर्जी खारिज कर दी है।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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