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बैनामे का पंजीकृत करार लागू कराने की डिक्री वैध, अपील खारिज

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि पंजीकृत विक्रय करार को न मानने पर बैनामा करने का आदेश देने के दावे को कोर्ट को सुनवाई करने का अधिकार है। कोर्ट का बैनामा करने के लिए डिक्री देना विधि सम्मत है। बैनामा करने को बाध्य करने की डिक्री के खिलाफ दाखिल प्रथम अपील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।

Rishi
Published on: 7 May 2019 3:58 PM GMT
बैनामे का पंजीकृत करार लागू कराने की डिक्री वैध, अपील खारिज
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प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि पंजीकृत विक्रय करार को न मानने पर बैनामा करने का आदेश देने के दावे को कोर्ट को सुनवाई करने का अधिकार है। कोर्ट का बैनामा करने के लिए डिक्री देना विधि सम्मत है। बैनामा करने को बाध्य करने की डिक्री के खिलाफ दाखिल प्रथम अपील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी.केशरवानी ने सासनी हाथरस के मुकेश सिंह व अन्य की अपील पर दिया है। 11 जून 14 को 2.196 हेक्टेयर जमीन का 35 लाख में सौदा तय हुआ। दस लाख पेशगी पर बैनामे के समय शेष 25 लाख देने का करार हुआ। किन्तु विक्रेता ने इंकार कर दिया और कहा कि दस लाख मय ब्याज वापस करने को तैयार है। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट को करार को लागू कराने का आदेश देने का अधिकार है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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