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उत्तराधिकार अधिनियम के तहत लिया जा सकता है वसीयत का अधिकार पत्र

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 57 एवं हाईकोर्ट रूल्स के चैप्टर 30 के तहत वसीयत का प्रोवेट (अधिकार पत्र) जिला जज की कोर्ट से लिया जा सकता है। अधिनियम में हिन्दू, सिक्ख, जैन, बौद्ध को प्रोवेट लेने पर कोई रोक नहीं है।

Rishi
Published on: 7 May 2019 9:20 PM IST
उत्तराधिकार अधिनियम के तहत लिया जा सकता है वसीयत का अधिकार पत्र
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 57 एवं हाईकोर्ट रूल्स के चैप्टर 30 के तहत वसीयत का प्रोवेट (अधिकार पत्र) जिला जज की कोर्ट से लिया जा सकता है। अधिनियम में हिन्दू, सिक्ख, जैन, बौद्ध को प्रोवेट लेने पर कोई रोक नहीं है। जिला जज ने वाद की पोषणीयता पर आपत्ति निरस्त कर दी थी जिसे हाईकोर्ट में अपील में चुनौती दी गयी थी।

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कोर्ट ने जिला जज के आदेश को सही माना है और अपील खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी.केशरवानी ने नलगंज-लहरगिरी, झांसी के निवासी रमेश चन्द्र गुप्ता व अन्य की अपील पर दिया है। मालूम हो कि रामदास ने पंजीकृत वसीयत की। जिला जज की अदालत में प्रोवेट के लिए वाद दायर किया गया। विपक्षियों ने धारा 57 हिन्दुओं पर न लागू होने की आपत्ति की किन्तु कोर्ट ने आपत्ति निरस्त कर दी जिसे चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने कहा कि अचल सम्पत्ति की वसीयत का प्रोवेट हिन्दू ले सकता है।

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खस्ताहाल सड़क का मामला डीएम व नगर आयुक्त तलब

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रयागराज के जिलाधिकारी व नगर आयुक्त को कल 8 मई को तलब किया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति अली जामिन की खण्डपीठ ने शब्बीर अली की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि घर के सामने सीवर बिछायी गयी किन्तु सड़क की मरम्मत नहीं की गयी। प्रशासन ने कोर्ट में सड़क बनाने का आश्वासन देने के बाद भी नहीं बनाया। कोर्ट ने कहा कि सड़क को भारी क्षति की गयी है। समय देने के बाद भी निर्माण नहीं किया गया। यह समझ से परे है कि छह माह से अधिक समय से खोदी गयी सड़क का निर्माण नहीं कराया गया। कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए जिलाधिकारी व नगर आयुक्त को तलब किया है।

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नैनी जेल की जमीन पर कब्जे पर कार्यवाई का निर्देश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव कारागार प्रशासन को नैनी सेंट्रल जेल की जमीन पर अवैध कब्जे की जांच कर कार्यवाई करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.के.गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने उदयराज कुशवाहा व दस अन्य की याचिका पर दिया है। याची की तरफ से अधिवक्ता रितेश श्रीवास्तव ने बहस की कि साकिब अहमद ने अतिक्रमण कर अवैध कब्जा कर रखा है। जेल की यह जमीन मिर्जापुर रोड पर स्थित है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव को दोनों पक्षों को सुनकर कार्यवाई करने का निर्देश दिया है।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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