TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

यूपी सरकार को तगड़ा झटका: दंगाइयों के पोस्टर हटाने का कोर्ट ने दिया आदेश

दंगाइयों के पोस्टर केस में कोर्ट ने योगी सरकार को आरोपियों का पोस्टर हटाने का आदेश दिया है। वहीं पुलिस कमिश्नर और DM को 16 मार्च तक रिपोर्ट देने को कहा है।

Shivani Awasthi
Published on: 9 March 2020 8:49 AM IST
यूपी सरकार को तगड़ा झटका: दंगाइयों के पोस्टर हटाने का कोर्ट ने दिया आदेश
X

लखनऊ: सीएए के खिलाफ विरोध करने वाले दंगाइयों के पोस्टर लखनऊ के कई चौराहों पर सार्वजनिक तौर पर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस की सुनवाई की। इसी मामले में हाईकोर्ट ने योगी सरकार और पुलिस विभाग से स्पष्टीकरण माँगा था। केस में आज अदालत अपना फैसला सुनाते हुए योगी सरकार को सभी आरोपियों का पोस्टर हटाने का आदेश दिया है। वहीं लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और DM को 16 मार्च तक कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है।

पोस्टर लगाने के मामले में फैसला आज:

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दंगाइयों के पोस्टर मामले की सुनवाई रविवार को पूरी हो चुकी हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जिसपर आज कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए सरकार को आरोपियों की तस्वीर हटाने को कहा है। बता दें कि मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को तलब किया और पूछा कि किस नियम के तहत फोटो लगाए गए।

हिंसा आरोपियों का पोस्टर लगाने पर HC ने सरकार से माँगा स्पष्टीकरण:

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे और डीएम अभिषेक प्रकाश को तलब किया। इसके साथ ही यूपी सरकार से भी मामले में स्पष्टीकरण माँगा है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई का फैसला किया है।

ये भी पढ़ें: CAA प्रदर्शन पर हाईकोर्ट ने दिया ये बड़ा आदेश, जानिए पूरा मामला

चीफ जस्टिस ने कहा:

चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने कहा कि पोस्टर लगाना सरकार के लिए भी अपमान की बात है और नागरिक के लिए भी। उन्होंने लखनऊ के डीएम और पुलिस कमिश्नर से पूछा कि किस कानून के तहत लखनऊ की सड़कों पर इस तरह के पोस्टर सड़कों पर लगाए गए? उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर संबंधित व्यक्ति की इजाजत के बिना उसका फोटो या पोस्टर लगाना गलत है।

पोस्टर पर बोले डीएम, घर के बाहर चस्पा हो सकते हैं:

वहीं इस मामले में डीएम अभिषेक प्रकाश का कहना है कि उपद्रवियों के पोस्टर और होर्डिग्स लगाने से दूसरे लोगों को सबक मिलेगा कि आगे किसी तरह के प्रदर्शन में बहकावे में आकर हिंसा या तोडफोड़ नहीं करें। ऐसा करने पर इसी तरह उनके घर के बाहर भी पोस्टर चस्पा हो सकते हैं।

ये भी पढ़ें: ऐसे बनी करोड़पति: दुनिया की है सबसे अमीर महिला, बड़े-बड़े अरबपति भी फेल

क्या है मामला

गौरतलब है कि सीएए के विरोध में लखनऊ में 19 दिसम्बर को हुई हिंसा में शहर को काफी नुक्सान हुआ था। जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से वसूली आदेश जारी हुआ है। हालाँकि इस बाबत डीएम लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने निर्देशानुसार हिंसा फैलाने वाले सभी जिम्‍मेदार लोगों के लखनऊ में पोस्टर व बैनर लगाए गए। इन लोगों की संपत्ति कुर्की की भी बात कही गयी। लखनऊ के सभी चौराहों पर उनके पोस्टर लगाये गये।

ये भी पढ़ें: आज ही करें ये काम, नहीं तो सालभर रहेगा मलाल, जानिए कितना समय है आपके पास

इस कार्रवाई के बाद कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सवाल किया, कानून के किस प्रावधान के तहत इस प्रकार का पोस्टर लगाया जा रहा है। कोर्ट ने कहा है कि पोस्टर्स में इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि किस कानून के तहत पोस्टर्स लगाए गए हैं। कोर्ट का मानना है कि सार्वजनिक क्षेत्रों में किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसका फोटो या पोस्टर लगाना गलत है। यह राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story