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सुरक्षा की मांग कर रहे बाहुबली नेता धनंजय सिंह की बढ़ सकती है परेशानी
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बाहुबली नेता धनंजय सिंह द्वारा अपनी सुरक्षा से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेज की एसआईटी जांच रिपोर्ट 17 अप्रैल को सील बन्द लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया है। प्रमुख सचिव गृह ने गोपनीय दस्तावेज लीक मामले की एसआईटी जांच का आदेश दिया है।
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बाहुबली नेता धनंजय सिंह द्वारा अपनी सुरक्षा से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेज की एसआईटी जांच रिपोर्ट 17 अप्रैल को सील बन्द लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया है। प्रमुख सचिव गृह ने गोपनीय दस्तावेज लीक मामले की एसआईटी जांच का आदेश दिया है।
कोर्ट इस गोपनीय दस्तावेज के लीक होने पर काफी खफा थी। कोर्ट का कहना था कि वह इस याचिका को निस्तारित कर देती। परन्तु इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वह जांच आने के बाद ही अब इस मामले में कोई आदेश देगा।
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मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की खंडपीठ के समक्ष धनंजय सिंह की याचिका की सुनवाई के दौरान यह तथ्य उजागर हुआ। मालूम हो कि याची अधिवक्ता ने कोर्ट में गोपनीय दस्तावेज पेश किया। यह सुरक्षा देने के विजिलेंस जांच सम्बन्धी अति गोपनीय दस्तावेज था।
कोर्ट ने मुख्य सचिव से जांच रिपोर्ट मांगी कि ऐसा दस्तावेज याची को कैसे मिला। मुख्य सचिव ने हलफनामा दाखिल कर अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव ने बताया कि धनन्जय सिंह ने बयान दिया है कि एक पत्रकार ने उन्हें दस्तावेज की जानकारी दी और कहा कि उसके पास है तो याची ने दस्तावेज अपने वकील को देने को कहा कि जरूरी होगा तो वह कोर्ट में पेश करेंगे।
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याची की सुरक्षा वापस लेने के खिलाफ यह याचिका दाखिल की गयी है। याचिका में उपलब्ध पत्रजातो के अनुसार याची धनंजय सिंह के खिलाफ 28 आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। कोर्ट को यह भी बताया गया कि गृह सचिव ने एसआईटी जांच बैठा दी है। इस पर कोर्ट ने जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।