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संकट में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी: कुलपति समेत कई प्रोफेसर ने दिया इस्तीफा, ये है वजह...
इन दिनों इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बुधवार को यूनिवर्सिटी के कुलपति रतनलाल हांगलू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं उनके साथ ही कई प्रोफेसरों और विश्वविद्यालय कार्यालय से संबंधित अधिकारियों ने भी अपना इस्तीफा दिया है।
प्रयागराज: इन दिनों इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (Allahabad University) में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बुधवार को यूनिवर्सिटी के कुलपति रतनलाल हांगलू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं उनके साथ ही कई प्रोफेसरों और विश्वविद्यालय कार्यालय से संबंधित अधिकारियों ने भी अपना इस्तीफा दिया है। वहीं कुलपति के इस्तीफे को मंजूरी देते हुए उनकी फाइल राष्ट्रपति कार्यालय भेज दी गयी है। गौरतलब है कि कुलपति पर गंभीर आरोप लगाते हुए छात्रों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
मंत्रालय ने इस्तीफा मंजूर कर राष्ट्रपति के पास भेजी फ़ाइल:
इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय के कुलपति ने बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपना इस्तीफा भेज दिया है। वहीं कुलपति के इस्तीफे को मंत्रालय ने फ़ौरन मंजूरी भी दे दी और उनकी फाइल राष्ट्रपति के पास भिजवा दी। बता दें कि प्रोफेसर हांगलू के चार साल का कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा हो चुका है।
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इन्होने दिया इस्तीफा:
कुलपति रतनलाल हांगलू के अलावा पीआरओ चितरंजन कुमार ने भी बुधवार की देर शाम इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बताया, 'विश्विद्यालय के कामकाज में बाहरी दखलंदाजी बढ़ गई है। ऐसे विपरीत प्रस्थितियों में कार्य करने में असमर्थ हूं।' वहीं पीआरओ ने ये भी बताया कि यूनिवर्सिटी के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस्तीफा दिया है। इनमें चीफ़ प्राक्टर प्रो. रामसेवक दूबे, रजिस्ट्रार एनके शुक्ला समेत कई प्रोफेसरों का नाम शामिल है।
कुलपति के इस्तीफे की यह है वजह:
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में विवाद चल रहा है। जिसके चलते कुलपति हांगलू सुर्ख़ियों में थे। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, जिसे बाद कई छात्र-छात्राएं उनके इस्तीफे की मांग को लेकर महिला छात्रावास के बाहर कई दिनों से धरने पर बैठे थे।
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कुलपति पर लगे आरोप:
बता दे कि कुलपति पर छात्राओं ने कई गंभीर आरोप लगाये थे। उनका आरोप है कि कुलपति ने गैर-कानूनी नियुक्तियां की, जैसे ओएसडी और स्पोर्ट्स ट्रेनर। जबकि ये पद है ही नहीं। वहीं वित्तीय अनियमितताएं जिनमें अपनी सुरक्षा पर 10 लाख का मासिक खर्च और वीसी के घर की मरम्मत के लिए 70 लाख खर्च किये गये।
इसके अलावा शैक्षिक अनियमितताएं जैसे यूनिवर्सिटी के अंडरग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और रिसर्च प्रोगाम्स के लिए प्रवेश परीक्षा में अनियमितता और कैंपस में खराब माहौल जैसे असुरक्षा की भावना आदि मुद्दों पर छात्राएं वीसी के खिलाफ धरना दे रही थीं।