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शिक्षा अधिकरण की प्रधानपीठ प्रयागराज में स्थापित करने की मांग

एसोसिएशन की बैठक की अध्यक्षता एम.के. तिवारी व संचालन सचिव जी.पी. सिंह ने किया। बैठक में बीरेंद्र सिंह, गौरी शंकर केशरवानी, संजय जायसवाल, दिनेश मिश्र, पी.एन. गंगवार, राजकुमार, मनीष, जी.पी. अस्थाना, योगेंद्र कुमार यादव आदि मौजूद थे।

SK Gautam
Published on: 13 Aug 2019 9:34 PM IST
शिक्षा अधिकरण की प्रधानपीठ प्रयागराज में स्थापित करने की मांग
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प्रयागराज: उ.प्र. जूनियर लायर्स एसोसिएशन ने उ.प्र. शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधानपीठ प्रयागराज में स्थापित करने की मुख्य मंत्री से मांग की है। एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के मद्रास बार एसोसिएशन केस व एल चन्द्र कुमार केस के फैसले के तहत हाईकोर्ट की प्रधान पीठ जहाँ हो अधिकरण वही गठित होना चाहिए। एसोसिएशन का कहना है कि राज्य सेवा अधिकरण की पीठ भी प्रयागराज में स्थापित की जाय।

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एसोसिएशन की बैठक की अध्यक्षता एम.के. तिवारी व संचालन सचिव जी.पी. सिंह ने किया। बैठक में बीरेंद्र सिंह, गौरी शंकर केशरवानी, संजय जायसवाल, दिनेश मिश्र, पी.एन. गंगवार, राजकुमार, मनीष, जी.पी. अस्थाना, योगेंद्र कुमार यादव आदि मौजूद थे। एसोसिएशन ने मुख्य मंत्री व मुख्य न्यायाधीश से मांग की है कि न्यायिक मानदंडों का पालन करते हुए सभी अधिकरणों की प्रधानपीठ प्रयागराज, (इलाहाबाद) में स्थापित किया जाय।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रदेश के तीन चैथाई जिलों का क्षेत्राधिकार शामिल है। लखनऊ खण्डपीठ में केवल दो कमिशनरियों के क्षेत्राधिकार है। ऐसे में अधिकरणों की प्रधान पीठें प्रयागराज में ही गठित की जाय। एसोसिएशन ने शिक्षा सेवा अधिकरण व जीएसटी अपीलीय अधिकरण की मुख्यपीठ प्रयागराज में स्थापित कर न्यायिक स्वतंत्रता व निष्पक्षता को मजबूत करने की राज्य व केंद्र सरकार से मांग की है।

दुराचार के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर

इलाहाबाद- हाईकोर्ट ने एससी एसटी एक्ट के तहत अपराधों व दुराचार के प्रयास के आरोप में झाँसी के पंकज यादव की सशर्त जमानत मंजूर कर लिया है। विशेष न्यायाधीश झाँसी के जमानत पर छोड़ने से इंकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने पंकज यादव की आपराधिक अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। अपील पर अधिवक्ता ए.के. ओझा ने बहस की। इनका कहना था कि अपीलार्थी पर झूठे आरोप लगाए गए है। एफआईआर घटना के तीन माह बाद दर्ज कराई गई है।

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पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट व साक्ष्यों में मेल नहीं है। गाल पर काटे का निशान अपीलार्थी पर आरोपों के महीनों बाद का है। एफआईआर में आरोप है कि आरोपी लाठी लेकर घर में घुस आया। जातिसूचक गालियां दी। छेड़छाड़ की। दुराचार करने का प्रयास किया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी विवेचना में सहयोग करेगा, साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, गवाहों पर दबाव नहीं डालेगा। कोई अपराध नहीं करेगा। शर्तों का उल्लंघन करने पर कोर्ट जमानत निरस्त कर सकेगी।



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SK Gautam

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