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बीमार हुआ स्वास्थ्य सिस्टम: ठेले पर हुआ प्रसव, आखिर कौन है इसका जिम्मेदार
फोन करने के बाद भी ना तो आशा बहू का सहयोग मिला और ना ही एंबुलेंस की सुविधा मिली। ठेले पर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही पीड़िता का प्रसव हुआ। सीएचसी पर भी पैसे की मांग पूरी ना होने पर इलाज शुरू नहीं हो सका।
अम्बेडकर नगर: जिले में स्वास्थ्य विभाग का पूरा सिस्टम बन्द कमरों तक सीमित होकर रह गया है। किसी भी सवाल पर एक ही जबाब आता है, कोरोना है,इसलिए दिक्कत है। पर सच्चाई इससे बिलकुल अलग है। पूरा सिस्टम कोरोना के दौरान हुए खेल को ठिकाने लगाने में ही दिमाग खपा रहा है ऐसे में जन समस्या को देखने की फुर्सत कहां।
सुविधा के अभाव में प्रसव पीडिता ने ठेले पर जना बच्चा
तभी तो फोन करने के बाद भी ना तो आशा बहू का सहयोग मिला और ना ही एंबुलेंस सुविधा ही मिली।ठेले पर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही पीड़िता का प्रसव हुआ। सीएचसी पर भी पैसे की मांग पूरी ना होने पर इलाज शुरू नहीं हो सका। बाद में डायल 112 पुलिस कर्मियों के हस्तक्षेप के बाद प्रसूता का इलाज हो सका। यह हैरतअंगेज प्रकरण जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहांगीरगंज का है।गोल्हईपुर गांव निवासिनी समिता पत्नी सरोज को शुक्रवार को प्रसव वेदना शुरू हुई तो मायके के परिजन गांव की आशा बहू के पास गए।
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सीएचसी पर भर्ती से पूर्व मांगा गया सुविधा शुल्क
आरोप है कि वह व्यस्तता की बात करते हुए सहयोग करने में आनाकानी करने लगी। इधर स्वास्थ्य सेवा की आपातकालीन डायल 102 एंबुलेंस के लिए फोन किया गया तो वह भी नहीं पहुंची। दिक्कत बढ़ती देख परेशान परिजन प्रसव पीड़िता को ठेले पर लादकर अस्पताल ले जाने लगे। इसी दौरान रास्ते में ही प्रसव हो गया।बाकी के इलाज के लिए जब परिजन सीएचसी पहुंचे तो मौके पर मौजूद महिला स्वास्थ्य कर्मी सहित एक अन्य स्वास्थ्य कर्मी ने भर्ती व दवा के नाम पैसे की मांग करना शुरू कर दिया।गरीबी व परेशानी का हवाला देते हुए परिजनों ने मांग के अनुरूप आंशिक भुगतान किया तब जाकर प्रसूता को भर्ती किया गया।
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जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग
इधर सूचना के बाद डायल 112 पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। उसके हस्तक्षेप के बाद आरोपी महिला स्वास्थ्य कर्मी ने लिया गया पैसा वापस कर दिया और प्रसूता का इलाज शुरू हो सका। मामले में सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक सहित सीएमओ व थाने पर प्रसूता के भाई कुलदीप द्वारा प्रार्थना पत्र देकर सरकारी सेवाओं का माखौल उड़ाने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।
थानाध्यक्ष नागेंद्र सरोज ने बताया कि उन्हें कोई प्रार्थना पत्र नहीं मिला है । डायल 112 पुलिस टीम गई होगी उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उधर चिकित्सा अधीक्षक उदयचंद यादव ने बताया कि कहीं व्यस्त रहने के कारण एंबुलेंस नहीं जा सकी होगी,परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मी द्वारा पैसा लेने की नहीं मांगे जाने का आरोप लगाया है उसकी जांच कराकर कार्रवाई तय की जाएगी।
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