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Ambedkarnagar News: बच्चों के ‘क्लब फुट’ का कराएं समय पर इलाज, देरी से जीवन भर की दिव्यांगता का खतरा

Ambedkarnagar News: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संयुक्त जिला चिकित्सालय आंबेडकरनगर में क्लब फुट क्लीनिक की शुरूआत की गई है।

Anant kushwaha
Published on: 8 Aug 2023 4:01 PM GMT
Ambedkarnagar News: बच्चों के ‘क्लब फुट’ का कराएं समय पर इलाज, देरी से जीवन भर की दिव्यांगता का खतरा
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बच्चों के ‘क्लब फुट’ का समय पर करें इलाज: Photo- Newstrack

Ambedkarnagar News: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संयुक्त जिला चिकित्सालय आंबेडकरनगर में क्लब फुट क्लीनिक की शुरूआत की गई है। जिसमें प्रत्येक मंगलवार को पांच बच्चों के टेढ़े-मेढ़े पंजे की निःशुल्क कास्टिंग कराई जाती है। यह क्लीनिक अनुष्का फाउंडेशन संस्था के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।

जागरूकता से आ सकती है शिशु मृत्युदर में कमी

इस मंगलवार को यहां बच्चों के पैरों की सफल सर्जरी आर्थोपैडिक सर्जन डा. पुरेंद्र ने की। मरीजों को आरबीएसके टीम या सीएचसी ने चयनित कर जिला चिकित्सालय आंबेडकरनगर में संदर्भित किया था। काउंसलिंग के दौरान बताया गया कि दो वर्ष से छोटे बच्चे जो क्लब फुट (टेढ़े-मेढ़े पंजे) से पीड़ित हैं, संयुक्त जिला चिकित्सालय आंबेडकरनगर में निःशुल्क इलाज करा सकते हैं। क्लब फुट का यदि सही समय पर इलाज न कराया गया तो दिव्यांगता का रूप ले लेता है। उन्होंने बताया कि इसकी पहचान जन्म के समय कर ली जाए तो क्लब फुट जैसी कई अन्य जन्मजात बीमारियों का न सिर्फ इलाज संभव है बल्कि इससे शिशु मृत्युदर और दिव्यांगता में कमी लाई जा सकती है।

प्राइवेट अस्पतालों में इलाज होता है महंगा, सरकारी में निशुल्क

डीईआईसी मैनेजर ने बताया कि अनुष्का फाउंडेशन संस्था द्वारा इस वर्ष ऐसे 40 बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है। इस अवसर पर नोडल आकारी डा पीके बादल ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल में क्लब फुट से ग्रसित बच्चों के आपरेशन का खर्च करीब दस हजार रूपये से बीस हजार रूपये तक लगता है। जबकि जिला अस्पताल के क्लब फुट क्लीनिक में ऐसे बच्चों का निःशुल्क इलाज किया जाता है। अनुष्का फाउंडेशन संस्था के प्रोग्राम एडजेक्टिव अंजली राव ने बताया कि अनुष्का फाउंडेशन संस्था निःशुल्क प्लास्टर एवं ब्रेस कराती है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत जिला अस्पताल में उपचार कराने वाले बच्चों के परिजन रोशन, आशाराम, मालती, सुजाता देवी को इसकी जानकारी गांव की आशा के द्वारा जानकारी दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने सरकारी अस्पताल में बच्चों का इलाज करवाया। ऑपरेशन के छह सप्ताह के अन्दर नवजात बच्चों के जन्म से टेढे़ पंजे सही हो जाते हैं।

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