TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

यही है BJP और कांग्रेस में अंतर! स्मृति ईरानी ने किया कुछ ऐसा कि बन गई मिसाल

बरसों से गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ अमेठी में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को पांच साल के अंदर चारों खाने चित कर दिया। इसके पीछे स्मृति का संस्कार और कांग्रेस का अहंकार बड़ा कारण है।

Roshni Khan
Published on: 30 Jan 2020 2:05 PM IST
यही है BJP और कांग्रेस में अंतर! स्मृति ईरानी ने किया कुछ ऐसा कि बन गई मिसाल
X

असगर नकवी

अमेठी: बरसों से गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ अमेठी में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को पांच साल के अंदर चारों खाने चित कर दिया। इसके पीछे स्मृति का संस्कार और कांग्रेस का अहंकार बड़ा कारण है। सप्ताह भर के अंदर दोनो ही किरदार सामने आया है। सड़क हादसे में अमेठी के भरेथा गांव समेत आधा दर्जन लोगों की मौत में शोक संवेदना में पहुंची स्मृति ईरानी ने जहां चप्पल उतार कर गरीब की चादर पर पांव रखें वही सप्ताह भर पहले कांग्रेसियों ने गरीब की चादर को जूतों से रौंद डाला था।

ये भी पढ़ें:Realme का ये नया स्मार्टफोन: जल्द भारत में हो रहा लॉन्च, हैं कमाल के फीचर्स

एक दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंची स्मृति ईरानी भरेथा गांव पहुंची

गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंची स्मृति ईरानी भरेथा गांव पहुंची। इस गांव के 6 लोगों की पिछले 20 जनवरी को एक साथ सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। आज स्मृति ईरानी ने पहुंचकर वहां परिजनों के दुख को साझा करते हुए हर संभव मदद दिलाने का पूरा भरोसा दिलाया। साथ ही उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आशीर्वाद से चल रही बीमा योजना के अंतर्गत प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच लाख रुपए दिलवाने की कार्यवाही भी स्थानीय प्रशासन ने की है। स्मृति के दौरे से पूर्व सपा तथा कांग्रेस के नेताओं ने यहां पहुंचकर राजनीतिक रोटियां सेंकी थी।

ये भी पढ़ें:महात्मा गांधी पुण्यतिथि: राजधानी लखनऊ में मौन रख दी गई श्रद्धांजलि

आपको बता दें कि 23 जनवरी को सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी पीड़ित परिवारों के बीच पहुंची थीं। उनके साथ कांग्रेस नेता और विधायक अनुराधा मिश्रा उर्फ मोना मिश्रा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल और दीगर कांग्रेस नेता मौजूद थे। चिंताजनक पहलू ये था के पीड़ित गरीब परिवार जिस चादर पर बैठा था उसे कांग्रेसियों ने अपने जूते से रौंद डाला था।

लेकिन नेतृत्व की निगाह इस पर नही गई थी। आज जब स्मृति ईरानी वहां पहुंची तो उसी दिन की तरह पीड़ित परिवार की महिलाएं चादर बिछाकर बैठीं थीं। स्मृति ईरानी ने संस्कार स्वरूप पहले चप्पल किनारे उतारी उसके बाद पीड़ितों के बीच जाकर बैठीं। बता दें कि कांग्रेस और सपा ने सूखे हाथ पीड़ितों के आंसू पोंछे थे, जबकि बीजेपी की ओर से 26 जनवरी को बीजेपी नेता राजेश अग्रहरि उर्फ राजेश मसाला ने पीड़ित परिवार को 50-50 लाख की अपने पास से मदद दी थी।



\
Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story