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गरीबों के चेहरों पर मुस्कान दे गया कार से आया फरिश्ता, काम जानकर करेंगे तारीफ

कोरोना महामारी का जहां पूरे देश में आतंक है तो वहीं दूसरी ओर मेरठ में एक ऐसा फरिश्ता नजर आया जो घर से ही गरीबों की मदद करने के लिए निकला था।

Dharmendra kumar
Published on: 29 April 2020 1:42 PM IST
गरीबों के चेहरों पर मुस्कान दे गया कार से आया फरिश्ता, काम जानकर करेंगे तारीफ
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मेरठ: कोरोना महामारी का जहां पूरे देश में आतंक है तो वहीं दूसरी ओर मेरठ में एक ऐसा फरिश्ता नजर आया जो घर से ही गरीबों की मदद करने के लिए निकला था। जी हां लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीब और जरूरतमंदों को मदद का भले ही भरोसा दिलाया हो, लेकिन अभी भी काफी लोग इस मदद से वंचित हैं। शायद यही वजह है कि कुछ फरिश्ते इन लोगों की मदद के लिए सामने आने लगे हैं। एक ऐसे ही व्यक्ति ने सभी को हैरान कर दिया। वह गरीब परिवारों को रुपये बाट रहा था। खास बात यह रही कि उस व्यक्ति ने न तो अपना नाम बताया और न ही पता।

मामला मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय रोड पर बनी झुग्गी झोपड़ियों से जुड़ा है। एक कार झोपड़ी के बाहर आकर रुकी। कार से ड्राइवर के अलावा एक बुजुर्ग व्यक्ति नीचे उतरा और झोपड़ियों की ओर बढ़ गया। इस व्यक्ति के हाथ में एक बैग था। दूसरे ही पल सभी हैरान रह गए। उस व्यक्ति ने बैग से रुपए निकाले और वहां हर झोपड़ी में रहने वाले व्यक्ति को बांटने शुरू किए। काफी देर यहां रहने वाले लोग भी कुछ समझ नहीं पाए। लेकिन दूसरे ही पल उस व्यक्ति ने कहा कि संकट का समय है। यह पैसे उनके बहुत काम आएंगे। इसके बाद उस व्यक्ति ने धीरे-धीरे सभी झोपड़ियों में रुपए बांट दिए और आगे बढ़ गए। काफी देर लोग उस व्यक्ति के बारे में बात करते रहे। ऐसा लगा जैसे कोई फरिश्ता आया और उनके चेहरे पर मुस्कान देकर लौट गया।

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जब कार से एक व्यक्ति बेहद बुजुर्ग उतरे तो कुछ लोगों ने उनसे उनका नाम और पता जानने का प्रयास किया तो वह टाल गए। वह हसकर बोले भाई आप मेरा नाम जानकर क्या करोगे? मैं इस शहर का ही रहने वाला हूं। रिटायरमेंट के बाद मेरी पेंशन आती है, जिसको मैं खर्च नहीं कर पाता। अखबारों में खबर पढ़कर वह अपनी पेंशन से इन गरीब परिवारों की मदद करने निकले हैं। यह सुनकर वहां खड़े लोगों की आंखें भर आई। सभी ने बुजुर्ग को धन्यवाद दिया। इसके बाद वह अपनी कार में बैठकर वहां से चले गए।

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तो वहीं कार से उतरकर गरीब परिवारों की मदद करने वाले बुजुर्ग संपन्न परिवार से दिख रहे थे। कुछ लोगों ने उनकी वीडियो बनाई लेकिन उन्होंने किसी की ओर ध्यान नही दिया। जिससे पता चल रहा था कि वह दिखावा करने नही आये थे। उन्होंने हर परिवार को नकद एक हज़ार रुपये दिए। किसी परिवार को 500 के दो नोट दिए तो कुछ परिवारों को उन्होंने 200-200 के पांच नोट दिए। झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों के प्रति वह बुजुर्ग खासे उदार दिखे।

रिपोर्ट: सादिक खान

Dharmendra kumar

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