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इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में वार्षिक उत्सव फिएस्टा-19 के वेलेडिकरी फंक्शन का आयोजन
रविवार को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के वार्षिक उत्सव, फिएस्टा 19 का वेलेडिकरी फंक्शन तीन मार्च को मुख्य विश्वविद्यालय के लॉन में आयोजित हुआ। जिसमें शानदार इवेंट्स और परफॉर्मेंस में यूनिवर्सिटी के बच्चों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
लखनऊ: रविवार को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के वार्षिक उत्सव, फिएस्टा 19 का वेलेडिकरी फंक्शन तीन मार्च को मुख्य विश्वविद्यालय के लॉन में आयोजित हुआ। जिसमें शानदार इवेंट्स और परफॉर्मेंस में यूनिवर्सिटी के बच्चों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष अरुण सिन्हा ने की। यहां पर उन्होंने मौजूद बच्चों को अकादमिक सफलता और जीवन की चुनौतियों पर काबू पाने की बात कही। और आगे बात करते हुए कहा, 'हम सभी के जीवन का एक उद्देश्य होना चाहिए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारा पेशा क्या है, हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक दृष्टि हमेशा लाभदायक है।' उन्होंने खुद को भाग्यशाली बताया कि वे इस घटना के साक्षी बने और छात्रों के प्रतिभा की प्रशंसा की।
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आपको बता दे किफिएस्टा तीन दिवसीय उत्सव है, जिसमें हर साल सामाजिक,सांस्कृतिक, साहित्यिक और तकनीकी कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जहां पर अंदाज़-ए-अवध, बैत बाजी, तमसीली मुशायरा आदि ने सांस्कृतिक समृद्धि, भाषा की शक्ति, बुद्धि और मन की उपस्थिति की भावनाओं को सामने लाने का काम किया।
फेस-ऑफ डिबेट, मॉडल यूनाइटेड नेशंस, बिब्लियोफाइल, सेल्फ-कम्पोज्ड पोएट्री आदि ने युवा नेताओं और साहित्यकारों को अपनी राय रखने और राजनीतिक जागरूकता में लिप्त होने का अवसर दिया। और हैक आईयू, रोबो-वार, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट डिज़ाइन आदि ने मितानिकों, हसबिस, आइंस्टीन और ट्रेजर हंट, रश ऑवर, बेग-बॉरो-स्टेल को जन्म दिया, जिन्होंने युवा शर्लक को अपने उच्च क्षण दिए।
इस मौके पर यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. एसडब्ल्यू अख्तर ने कहा,' नाइजीरिया, अफगानिस्तान, यूक्रेन, बांग्लादेश, थाईलैंड, ब्रुनेई, आदि जगह से आए छात्रों को अनुकूलित किया गया इन्होंने भाषा और सांस्कृतिक अंतर के बावजूद, इतनी सक्रियता से घटनाओं में भाग लिया जो कि काबिल-ए-तारीफ है।
यहां पर हर किसी के चेहरे पर कविता और शायरों के लिए प्यार साफ झलक रहा था। प्रतिभागी मरिया, शेख मरियम, अशरफ और अबू नौमान ने अपनी बेहतरीन शायरियों के जरिये दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी।
इन्होंने यहाँ पर मिर्ज़ा ग़ालिब और जॉन आलिया की शायरियां ' हर इक बात पे कहते हो तुम, कि तू क्या है, तुम्हीं बताओ ये अंदाज-ए-गुफ्तगू क्या है।''शौक से भटकी हूँ, रस्ता न दिखाओ, बेतरतीब हूँ, खुश हूँ, तरीका ना सिखाओ, इश्क़ है खुदा से, महबूब ना मिलाओ,
सोच में वजन है, उसे ना हिलाओ' सुनाई।
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जिसके बाद मुख्य अतिथि और चांसलर द्वारा विभिन्न आयोजनों के विजेताओं को दर्शकों की तालियों के बीच पुरस्कार वितरित किया गया। जिसने उनका उत्साह बढ़ाया और आगे बेहतर प्रदर्शन करने का संकल्प दिलाया।
इंटीग्रल में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों ने अंदाज़-ए-अवध में उत्साह बढ़ाया जो इस वर्ष अभूतपूर्व सफलता के रूप में सामने आया। इस घटना ने "बियॉन्ड बॉर्डर्स" विषय को चित्रित किया और यह संदेश दिखाते हुए कि लोगों का जाति, पंथ, रंग, नस्ल, धर्म आदि के आधार पर न्याय नहीं किया जाना चाहिए।
साबिउ मुस्तफा (भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए) और खदीजा (नाइजीरिया का प्रतिनिधित्व करते हुए) मिस्टर और मिस इंटीग्रल बने जिन्हें शान-ए-अवध और नाज़-ए-अवध के रूप में जाना जाता है, जबकि अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाले शारिक और मेघा गोस्वामी उपविजेता थे।
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