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Rss News: आरएसएस ने याद किया डॉ. भीमराव आंबेडकर को, बताए मार्ग पर चलने का लिया संकल्प
Rss News: कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व क्षेत्रीय संयोजक तपन ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक प्रतिदिन शाखा में आकर जो शारीरिक और बौद्धिक कार्यक्रम करते हुए संस्कारों को ग्रहण करते हैं, उसका प्रदर्शन वह वार्षिक उत्सव के दिन समाज के सम्मुख करते हैं।
Moradabad News: आरएसएस की साप्ताहिक शाखा के तहत रविवार को शहनाई मंडप में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें विमर्श का केंद्र डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों को रखा गया। जिसपर आरएसएस (RSS) से जुड़े तमाम बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए।
संघ की शाखा करती है सज्जन शक्तियों का संरक्षण
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व क्षेत्रीय संयोजक तपन ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक प्रतिदिन शाखा में आकर जो शारीरिक और बौद्धिक कार्यक्रम करते हुए संस्कारों को ग्रहण करते हैं, उसका प्रदर्शन वह वार्षिक उत्सव के दिन समाज के सम्मुख करते हैं। उन्होंने कहा कि संघ की शाखा मात्र खेल खेलने का स्थान या परेड करने का स्थान नहीं बल्कि संघ की शाखा सज्जन शक्तियों के संरक्षण हेतु है। संघ की शाखाएं समाज और राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। स्वयंसेवक जिन महापुरुषों की जीवन चरित्र से प्रेरणा लेते हैं। उनमें से प्रमुख डॉ. भीमराव आंबेडकर हैं, जिनके नाम पर इस शाखा का नाम रखा गया है।
बाबासाहब की विचारधारा अपनाता है संघ
मुख्य वक्ता ने कहा कि समाज में समरसता और समता स्थापित करने के लिए सवर्ण समाज को कुछ बदलाव लाने होंगे, ताकि राष्ट्र विरोधी ताकतें हमें कमजोर न कर सकें। उन्होंने दलित समाज से भी अपनी कुरीतियों, दुर्व्यसनों को त्यागकर शिक्षित और संस्कारवान बन समाज की मुख्य धारा में आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब के विचारों को संघ स्थापना के पहले दिन से ही अपनाता रहा है, जिसपर स्वयंसेवक चलते हैं और संघ के कार्यक्रमों में इसका प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है। संघ और अन्य सामाजिक संगठनों के प्रयत्नों द्वारा समाज के अंदर सामाजिक भेद-भाव धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं, किन्तु राजनीतिक स्वार्थवश अनेक संस्थाओं द्वारा इन्हें भड़का दिया जाता है। जिससे सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
डॉ. आंबेडकर ने नहीं किया था इस्लाम स्वीकार
कार्यक्रम में अपने वक्तव्य के दौरान मुख्य वक्ता श्री तपन ने बताया कि बाबासाहेब ने अपने जीवन काल में संघ कार्य को तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया था। बाबासाहेब ने अनेक प्रलोभनों के बाद भी ईसाई और इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं किया था। बल्कि बौद्ध धर्म अपनाया क्योंकि भगवान बुद्ध नाग वंश से थे और बाबा साहब भी नागवंशी थे। कार्यक्रम अध्यक्ष निवर्तमान सेनानायक आरपीएफ बसंत सिंह ने कहा कि बाबा साहब का पूरा जीवन अनुकरणीय है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए तभी उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में बाबासाहेब के जीवनी का प्रस्तुतीकरण खेत्रपाल सिंह द्वारा किया गया। सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त मोहन राम द्वारा मुक्तक पाठ के द्वारा बाबासाहेब को भावांजलि भेंट की गई। इस अवसर पर विभाग संघचालक ओमप्रकाश शास्त्री, महानगर संयोजक प्रौढ़ वर्ग गोपाल टंडन, विभाग सेवा प्रमुख कमल कांत राय, प्रभात गोयल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र शर्मा, तुलसी सिंह, अभिनंदन जैन चन्द्र नगर संघचालक सुभाष कत्याल, मयंक, रूपचंद्र मित्तल, अनिल चौधरी, राहुल जैन, अनिल सिक्का, उम्मेदराज पुरोहित, विवेक गुप्ता, धवल दीक्षित, संजीव चौधरी आदि शाखा के स्वयंसेवक एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।