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उत्तर प्रदेश: बेसिक शिक्षा विभाग का एक और कारनामा

विभाग को सुधारने के लिए प्रभावी मानीटरिंग के लिए महानिदेशालय बनाया गया, शिक्षकों की सेल्फी उपस्थिति लागू करने से लेकर प्रेरणा ऐप जैसे तमाम प्रयास किए, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण विभाग और इसके विद्यालय मीडिया की सुर्खियों में लगातार बने रहते है।

Shivakant Shukla
Published on: 2 Dec 2019 8:27 PM IST
उत्तर प्रदेश: बेसिक शिक्षा विभाग का एक और कारनामा
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लखनऊ: योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग को सुधारने के लिए तमाम कवायदें कर रही है। विभाग को सुधारने के लिए प्रभावी मानीटरिंग के लिए महानिदेशालय बनाया गया, शिक्षकों की सेल्फी उपस्थिति लागू करने से लेकर प्रेरणा ऐप जैसे तमाम प्रयास किए, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण विभाग और इसके विद्यालय मीडिया की सुर्खियों में लगातार बने रहते है।

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ताजा मामला राजधानी लखनऊ के प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की यूनिफार्म वितरण का है। जिसमे आपूर्तिकर्ता फर्माें ने मानक से कम गुणवत्ता की यूनिफार्म का वितरण किया और विभाग ने इन फर्मों का भुगतान रोक दिया लेकिन कुछ ही समय के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इन फर्माें के भुगतान में महज एक प्रतिशत की कटौती के साथ भुगतान किए जाने का आदेश कर दिया।

महज 1% की कटौती कर अधोमानक यूनिफार्म के रूके भुगतान को मिली मंजूरी

सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश की सभी सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को दो सेट निशुल्क यूनिफार्म वितरित की जाती है। इस काम के लिए विभाग ने मानक तय कर रखे है, जो कि मुम्बई टैक्सटाइल कमेटी द्वारा तय किए गए है। आपूर्ति करने वाली फर्मों को इन मानकों के अनुरूप ही यूनिफार्म देनी होती है। पर, लखनऊ में मेसर्स गुप्ता वस्त्रालय, सादातगंज तथा प्रेम वस्त्रालय मिर्जागंज मलिहाबाद, लखनऊ ने यूनिफार्म की आपूर्ति की लेकिन इन फर्मों द्वारा आपूर्ति की गई यूनिफार्म मानक पर खरी नहीं उतरी लिहाजा बीती 30 सितम्बर को बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इन फर्मों का भुगतान रोक दिया गया।

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इसके बाद इन फर्म के नुमाइन्दों ने बेसिक शिक्षा विभाग में भागदौड़ शुरू कर दी। कुछ ही समय बाद बीती 22 नवंबर को बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ अमरकांत सिंह ने इन फर्मों का भुगतान महज एक प्रतिशत की कटौती के साथ किए जाने की मंजूरी दे दी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ का कहना है कि इन फर्माें द्वारा आपूर्ति की गई यूनिफार्म मानक से 98 से 99 प्रतिशत कम थी, इसलिए इनके भुगतान में एक प्रतिशत की कटौती के साथ भुगतान करने की मंजूरी दी गई है।



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Shivakant Shukla

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