×

गिरफ्तार कांग्रेस अध्यक्ष: उम्भा काँड को लेकर देने जा रहे थे श्राद्धंजली, हुए नजरबंद

यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वाला सोनभद्र कांड एक बार फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है।

Newstrack
Published on: 16 July 2020 8:28 AM GMT
गिरफ्तार कांग्रेस अध्यक्ष: उम्भा काँड को लेकर देने जा रहे थे श्राद्धंजली, हुए नजरबंद
X

मिर्ज़ापुर: यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वाला सोनभद्र कांड एक बार फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बार चर्चा का विषय बनने का कारण 17 जुलाई 2019 का कालिख आदिवासियों के लिए अभिशाप बन गया था। सोनभद्र का उम्भा गाँव जी हाँ जहाँ पर एक वर्ष पहले गाँव के ही प्रधान से जमीनी विवाद को लेकर दस आदिवासियों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। यह मंजर इतना दर्दनाक और खौफनाक था। जिसको लेकर 17 जुलाई का वो दिन रूह कपा देता है। रोंगटे कर देता है। सोनभद्र के उम्भा कांड 17 जुलाई को एक वर्ष पूरे होने जा रहा है। जिस पर कांग्रेस द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसको लेकर जिला और मिर्ज़ापुर प्रशासन ने कांग्रेस के नेताओ को बरसी के ठीक एक दिन पहले ही उम्भा गाँव नही जाने को लेकर पाबन्द कर दिया है।

ये भी पढ़ें:सरकार की खुली पोल: कोरोना वारियर को भी हुआ कोरोना, स्वाथ्य विभाग में हड़कंप

सोनभद्र कांड की वजह बनी थी यह

सोनभद्र जिले के घोरावल तहसील में 17 जुलाई का दिन कंलक के रूप में दर्ज हो गया। यहां की मूर्तिया ग्रामसभा के उभ्भा गांव में 112 बीघा जमीन पर कब्जा करने को लेकर 10 आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया गया। मूर्तिया ग्रामसभा के प्रधान व उभ्भा के पड़ोसी गांव सपही निवासी यज्ञदत्त अपने भाइयों और सहयोगियों के साथ जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुंचें थे। जब यहां पर विरोध हुआ, तो उन लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग कर 10 आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया था। यही नहीं इस कांड में 21 लोग घायल भी हुए थे।

क्या थी सोनभद्र कांड की जड‍़

सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के मूर्तियां ग्रामसभा के उभ्भा गांव में जमीन को लेकर विवाद की वजह से 100 बीघा जमीन थी। इस जमीन पर गांव के लोग पुश्तैनी रूप से खेती कर रहे थे, लेकिन गांव का बड़ा हिस्सा प्रधान के नाम था। गांव के प्रधान ने आदर्श सोसाइटी के नाम से चल रही जमीन में से 100 बीघा खरीदी थी। इस जमीन पर कब्जा करने के लिए ग्राम प्रधान यज्ञदत्त पहुंचें थे कि तभी यह हादसा हुआ। ग्राम प्रधान ने यह जमीन आईएएस अधिकारी से खरीदी थी। बताया जाता है कि आदर्श सोसाइटी के नाम पर दर्ज जमीन कांग्रेस नेता के थी। उन्होंने आदर्श सोसाइटी नाम से फंड कम्पनी बनाई थी। यह सोसाइटी बिहार से राज्य सभा के सांसद रहे महेश्वर नारायण सिंह ने बनाई थी। महेश्वर के चाचा चंद्रेश्वर नारायण सिंह यूपी के गवर्नर थे। वे 1980 से लेकर 1985 तक राज्य के राज्यपाल रहे। इस जमीन को महेश्वर नारायण सिंह ने राजा आनंद शाह से लेकर सोसाइटी बनाई थी। बाद में यह जमीन 1989 में कुछ जमीन एक आईएएस अफसर और उनके रिश्तेदारों के नाम कर दी गई। आईएएस अधिकारी ने उनसे जमीन खरीदी थी और कब्जा करने के लिए पहुंचें थे।

प्रियंका गांधी ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

उम्भा नरसंहार ने सभी दलों के नेताओ को अंदर से झकझोर दिया था। जिसको लेकर पीड़ित परिवारों से मिलने प्रियंका गांधी वाड्रा सोनभद्र पहुंच गई। इस हत्याकांड की वजह से उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई थी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ितों से मिलने के लिए सोनभद्र पहुंच गई। लेकिन वह उम्भा गांव पहुंच पातीं कि प्रशासन ने उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया। लेकिन प्रियंका गांधी भी वहीं धरने पर बैठ गई। फिर उन्हें चुनार गेस्ट हाउस लाया गया जहां वह पूरे 48 घंटे तक धरने पर बैठी रहीं. लेकिन उन्हें पीड़ितों से नहीं मिलने दिया गया। प्रशासन का कहना था कि उनके उम्भा गांव से माहौल और बिगड़ सकता है। लेकिन बाद में पीड़ितों की ओर से दो लोगों ने चुनार गेस्ट हाउस पहुंचकर मुलाकात करके प्रियंका गांधी ने उनसे मिलकर मदद का आश्वासन दिया और कांग्रेस पार्टी की ओर से भी आर्थिक मदद का ऐलान किया गया। हालांकि बाद में प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी , अजय राय, गौरव कपुर समेत सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने 10- 10 लाख का चेक वितरित किया था।

ये भी पढ़ें:दिल्ली: महिला कॉन्स्टेबल हत्या मामले में BSF कॉन्स्टेबल नरेश यादव गिरफ्तार

कोविड 19 संक्रमण फैलने के डर से शासन ने कांग्रेस के नेताओ को उम्भा कांड की बरसी के एक दिन पहले से ही पाबन्द कर दिया है। जिसको लेकर कांग्रेस के नेता एकदम आक्रामक हो गए है। प्रदेश उपाध्यक्ष के घर पहुचकर मड़िहान थाना प्रभारी ने उम्भा गाँव न जाने को लेकर नोटिस देकर पाबन्द कर दिया है। जिसपर ललितेश पति त्रिपाठी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहाकि डरपोक योगी आदित्यनाथ सरकार! दुर्भाग्यपूर्ण उंभा कांड की पहली बरसी पर हम कांग्रेसजन पीड़ितों से मिलकर उनका कुशलक्षेम पूछने के लिए जाना चाहते थे पर प्रशासन ने भयभीत हो कर तड़के ही एक नोटिस पकड़ा दिया और अब स्थानीय प्रशासन व पुलिस के दस्ते ने घर पर अघोषित नज़रबंदी जैसे कर रखी है। वही दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को भदोही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

रिपोर्ट: बृजेन्द्र दुबे

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story