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Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया भाईयों की हत्या के बाद फरार हुए सहयोगी व रिश्तेदार, सर्विलांस पर रखे फोन नंबर भी बंद

Atiq-Ashraf Murder Case: पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन लोगों के नंबर बंद हुए हैं, वे माफिया अतीक अहमद के साथ जमीन के सौदे के काम में जुड़े हुए थे।

Krishna Chaudhary
Published on: 21 April 2023 2:57 PM GMT
Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया भाईयों की हत्या के बाद फरार हुए सहयोगी व रिश्तेदार, सर्विलांस पर रखे फोन नंबर भी बंद
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Atiq-Ashraf Murder (photo: social media )

Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच जोर शोर से चल रही है। पुलिस कार्रवाई की डर अतीक के अधिकांश रिश्तेदार और उसके गुर्गे अंडरग्राउंड हो चुके हैं। उमेश पाल के मर्डर के बाद पुलिस ने शूटर्स का पता लगाने के लिए माफिया के कई सगे संबंधियों और दोस्तों के फोन नंबर पर सर्विलांस पर डाले थे। जिनमें से 800 नंबर 15 अप्रैल की घटना के बाद अचानक बंद हो गए। फोन नंबर के बंद होने का सिलसिला अभी भी जारी है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन लोगों के नंबर बंद हुए हैं, वे माफिया अतीक अहमद के साथ जमीन के सौदे के काम में जुड़े हुए थे। अचानक इन नंबरों के बंद होने से पुलिस भी हैरान है। बंद हए नंबरों की डिटेल खंगाली जा रही है। उक्त सिम कार्ड जिनके नाम से लिए गए थे, उन्हें खोजा जा रहा है। पुलिस ने बताया कि उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर्स की दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद हमलावर फरार हो गए थे।

हमलावरों के तार अतीक के गैंग से जुड़ने के बाद उनसे जुड़े सैंकड़ों लोगों के फोन सर्विलांस पर रख दिए गए थे ताकि फरार आरोपियों के बारे में कुछ सुराग मिल सके। अब तक की जांच में सामने आया है कि अब तक जो मोबाइल नंबर बंद हुए हैं, उनमें से अधिकांश 22 जिलों के हैं।

इनमें से कई अतीक के दूर के रिश्तेदारों के पहचान के बिल्डर और अतीक के गुर्गों के करीबियों के नंबर हैं। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने ऐसे 3 हजार नंबर सर्विलांस पर रखे थे। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकांश नंबर आगे चलकर बंद हो सकते हैं। क्योंकि अतीक से जुड़े लोगों में पुलिस का खौफ बढ़ गया है। माफिया भाईयों की हत्या के बाद से वे पुलिस की गिरफ्त में नहीं आना चाहते।

अतीक के अधिकांश सहयोगी व रिश्तेदार

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के जिंदा रहते हुए खूब मलाई खाने वाले रिश्तेदार अब पुलिस के डर से मारे-मारे फिर रहे हैं। पुलिस ने माफिया के सगे संबंधियों और रिश्तेदारों की एक पूरी सूची तैयार कर रखी है, जिनसे उन्हें पूछताछ करनी है। लेकिन संबंधित लोगों के घर पर पहुंचने पर उन्हें पता चलता है कि उक्त शख्स फरार हो गया है।

दुकानों से डीवीआर लेने का हो रहा विरोध

प्रयागराज के जिस कॉल्विन अस्पताल के बाहर माफिया बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या हुई थी, उसके आसपास कई दुकानें मौजूद हैं। जहां लगे सीसीटीवी कैमरों में पूरी घटना कैद हो चुकी है। इस हत्याकांड़ की जांच कर रही टीम इलाक़े की दुकानों से 24 DVR ज़ब्त किए हैं। जिन दुकानों से ये डीवीआर जब्त किए गए हैं, उनके मालिक इसपर विरोध जता रहे हैं।

दुकानदारों का कहना है कि पुलिस को केवल फुटेज लेनी चाहिए थी। DVR लेनें से हमें आगे परेशानी हो सकती है। एक तो हमारा सामान ज़ब्त हो गया, दूसरा हमारे पास अब कोई सबूत नही। बताया जा रहा है कि घटना के दो घंटे के बाद से ही पुलिस ने डीवीआर जब्त करना शुरू कर दिया था। दुकानदारों ने सवाल उठाते हुए कहा कि आमतौर पर पुलिस सीसीटीवी फुटेज की कॉपी लेती है, उन्हें डीवीआर क्यों लेना पड़ा है? कहीं ये सबूत मिटाने की कवायद तो नहीं? DVR जब्त कर रहे पुलिसकर्मी से जब इस बारे में पूछा गया तो उसने बस इतना कहा कि इस बारे में केवल इंजीनियर ही बता सकते हैं।

अतीक की बहन और भाई की पत्नी भी फरार

पूर्वांचल में आतंक और खौफ का लंबे समय तक पर्याय रहा कुख्यात बाहुबली नेता अतीक अहमद का परिवार आज अर्श से फर्श पर पहुंच चुका है। परिवार के तीन सदस्य जहां मारे जा चुके हैं। वहीं, बचे कुछ जेल में हैं तो बाकी फरार चल रहे हैं। अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के बाद अब उनकी ननद और अशरफ की पत्नी भी फरार चल रही है। अतीक की बहन आयशा नूरी और अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा को पुलिस ने पिछले दिनों ही उमेश पाल मर्डर में आरोपी बनाया था। वहीं, 50 हजार की इनामी अपराधी शाइस्ता के बारे में अभी तक कोई सुराग पुलिस या एसटीएफ को हाथ नहीं लगा है।

Krishna Chaudhary

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