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Atiq Ahmed: राजू पाल हत्या केस से उमेश पाल की हत्या तक, जानिए, कब क्या-क्या हुआ

Atiq Ahmed: अतीक को एमपी-एमएलए कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने अतीक को उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी करार दिया है।

Ashish Pandey
Published on: 28 March 2023 1:30 PM GMT (Updated on: 28 March 2023 1:44 PM GMT)
Atiq Ahmed: राजू पाल हत्या केस से उमेश पाल की हत्या तक, जानिए, कब क्या-क्या हुआ
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Atiq Ahmed (photo: social media )

Atiq Ahmed: प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट में मंगलवार को अतीक और उसके भाई अशरफ को पेश किया गया। वहीं मंगलवार को ही अतीक अहमद को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का रुख कीजिए। अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी था, जिसमें खुद की जान को खतरा बताया था। अतीक अहमद की मुश्किलें अब बढ़ती जा रही हैं। कोर्ट 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में दोषी करार दिया है।

उमेश राजू पाल मर्डर केस में मुख्य गवाह थे। आरोप है कि अतीक ने उमेश पाल का अपहरण कर उसके साथ मारपीट की थी और उस पर बयान बदलने का दबाव डाला था। इस मामले में अतीक और उसके भाई समेत 11 आरोपी हैं, लेकिन इस फैसले से पहले चौकाने वाली बात ये है कि उमेश पाल की एक महीने पहले ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। इस जानते हैं इस मामले के बारे में-

25 जनवरी 2005- बसपा विधायक राजूपाल की हत्या-

वर्ष 2005 की बात है, जब बसपा विधायक राजू पाल की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। उस समय राजू पाल, उनकी पत्नी पूजा पाल और उमेश पाल बहुजन समाज पार्टी में थे। जबकि अतीक और उसका भाई अशरफ समाजवादी पार्टी में थे। 2004 में अतीक अहमद यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत कर सांसद बन गया था। इससे पहले अतीक इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक था, उनके सांसद बन जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। कुछ दिनों बाद उपचुनाव की घोषणा हुई। इस सीट पर सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को उम्मीदवार बनाया। वहीं बसपा से राजू पाल को टिकट मिला और राजू पाल अशरफ के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए। चुनाव में राजू पाल अशरफ को हरा कर विधायक बन गए। इस उप चुनाव में मिली हार को अतीक और उसका परिवार पचा नहीं पा रहा था। 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजूपाल की हत्या कर दी गई।

28 फरवरी 2006: गवाह उमेश पाल का अपहरण-

राजू पाल की हत्या के मामले में अतीक, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे, जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह थे। उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था। इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था।

5 जुलाई 2007 अतीक और उसके भाई पर अपहरण का केस-

एक साल बाद उमेश पाल की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। उमेश के मुताबिक, जब उसने अतीक के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की नोक पर उसका अपहरण कर लिया गया। इस मामले में 11 आरोपी बनाए गए थे।

मामले में कौन-कौन हैं आरोपी?

अतीक अहमद के अलावा इस मामले में अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक मल्ली और एजाज अख्तर आरोपी हैं। एक आरोपी अंसार अहमद की मौत हो चुकी है। अतीक अहमद, अशरफ और फरहान जेल में है। बाकी आरोपी जमानत पर हैं।

24 फरवरी 2023ः उमेश पाल की हत्या-

प्रयागराज में 24 फरवरी को दिनदहाड़े राजूपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। हत्या उस समय की गई जब उमेश पाल कोर्ट से अपने घर जा रहे थे, उसी समय गली के बाहर कार से निकलते समय उन पर शूटरों ने फायरिंग कर दी थी। इस दौरान बम भी फेंके गए थे। हमले में उमेश पाल और उनके दो गनर की मौत हो गई थी। उमेश पाल की पत्नी ने इस मामले में अतीक, उसके भाई अशरफ समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज कराया है। पुलिस इस मामले में असद समेत 5 शूटरों की तलाश में जुटी है।

26 मार्च 2023: अतीक को साबरमती से प्रयागराज लाया गया-

एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश के बाद यूपी पुलिस की टीम अतीक अहमद को 26 मार्च को अहमदाबाद के साबरमती जेल से लेकर निकली। टीम में 45 पुलिसकर्मी थे। अतीक को 27 मार्च को शाम 6 बजे प्रयागराज लाया गया। उसके भाई अशरफ को भी बरेली से प्रयागराज लाया गया। दोनों को नैनी जेल में रखा गया। 28 मार्च 2023- उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है।

Ashish Pandey

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