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Atiq Ahmed: माफिया अतीक को मिली कैदियों वाली ड्रेस, झाड़ू लगाने और भैंस नहलाने का काम मिला, 25 रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी
Atiq Ahmed: अतीक अहमद को झाड़ू लगाने, भैंस नहलाने और बढ़ई का काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए माफिया अतीक अहमद को प्रतिदिन 25 रुपए पारिश्रमिक के तौर पर दिया जाएगा।
Atiq Ahmed: उमेश पाल अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद माफिया अतीक अहमद को अब साबरमती सेंट्रल जेल में काम भी करना होगा। अतीक अहमद को झाड़ू लगाने, भैंस नहलाने और बढ़ई का काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए माफिया अतीक अहमद को प्रतिदिन 25 रुपए पारिश्रमिक के तौर पर दिया जाएगा। अतीक को कैदियों वाले दो जोड़ी कपड़े भी दिए गए हैं।
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उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद यूपी पुलिस ने अतीक अहमद को फिर साबरमती जेल पहुंचा दिया था। साबरमती जेल में अतीक अहमद को कैदी नंबर पहले ही जारी किया जा चुका है। अतीक को अब कैदी नंबर 17052 के रूप में जाना जाएगा।
उमेश अपहरण केस में मिली थी उम्रकैद की सजा
माफिया अतीक अहमद 2019 से ही गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उसे उत्तर प्रदेश से गुजरात की साबरमती जेल पहुंचाया गया था। अतीक को पिछले दिनों साबरमती जेल से लाकर प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया था। एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से अतीक अहमद को राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अतीक के साथ ही उसके दो और साथियों दिनेश पासी व हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अदालत ने सबूतों के अभाव में अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया था।
उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद अतीक को फिर से साबरमती जेल में दाखिल करा दिया गया है। अतीक को साबरमती जेल लेकर पहुंची पुलिस टीम ने जेल प्रशासन को अतीक अहमद को सुनाई गई उम्रकैद की सजा के संबंध में प्रपत्र सौंपे थे।
अतीक को मिलेगी 25 रुपए प्रतिदिन की दिहाड़ी
सजायाफ्ता कैदी होने के कारण अतीक अहमद को जेल मैनुअल के मुताबिक विभिन्न कामों की सूची सौंपी गई थी। अतीक को अपने मनमुताबिक काम चुनने को कहा गया था। अब जेल प्रशासन की ओर से अतीक अहमद को काम का आवंटन भी किया जा चुका है। उसे झाड़ू लगाने के साथ ही भैंस नहलाने का काम सौंपा गया है। इसके साथ ही उसे बढ़ई का काम भी करना होगा। अतीक को अन्य मवेशियों का ध्यान रखने के साथ ही खेती भी करनी होगी।
इसके लिए अतीक को पारिश्रमिक के तौर पर प्रतिदिन 25 रुपए दिए जाएंगे। अतीक को दिहाड़ी के तौर पर दी जाने वाली रकम जमा कराने के लिए अतीक का बैंक खाता भी खोला जा चुका है। वैसे अतीक को अकुशल कारीगरों की श्रेणी में रखा गया है। कुशल कारीगर की श्रेणी में प्रतिदिन चालीस रुपए की दिहाड़ी मिलती है। सजायाफ्ता कैदी होने के कारण अतीक को जेल का ही खाना भी दिया जा रहा है।
माफिया को पहननी होगी कैदियों वाली ड्रेस
यूपी पुलिस की ओर से उम्रकैद की सजा का प्रपत्र सौंपे पर जाने के बाद साबरमती जेल में कैदी को 17052 नंबर का बिल्ला दिया गया था। अब साबरमती जेल में अतीक अहमद को कैदी नंबर 17052 के रूप में जाना जाएगा। अतीक को अब कैदियों वाले दो जोड़ी कपड़े भी पहनने के लिए दिए गए हैं। इसमें सफेद कुर्ता, पैजामा, टोपी और गमछा शामिल है।
अपराधिक गतिविधियों से सैकड़ों करोड़ की संपत्ति जुटाने वाले अतीक अहमद को सजायाफ्ता कैदी बनने के बाद नई बैरक का भी आवंटन किया जा चुका है। पांच बार के विधायक और एक बार संसद सदस्य रह चुके अतीक अहमद के बुरे दिनों की अब शुरुआत हो चुकी है।
अतीक और उसके गुर्गों पर कसा शिकंजा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले दिनों विधानसभा में माफिया को मिट्टी में मिला देने की चेतावनी दी थी। प्रयागराज में गत दिनों राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी पुलिस और एसटीएफ ने अतीक और उसके गिरोह के खिलाफ शिकंजा कस दिया है। अतीक और उसके गुर्गों के कई संपत्तियों पर बुलडोजर चल चुका है। कई संपत्तियां कुर्क भी की गई हैं।
वैसे पुलिस अभी तक उमेश पाल मर्डर केस में शामिल कई शूटरों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। शूटरों पर इनामी राशि बढ़ाए जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। हालांकि यूपी पुलिस और एसटीएफ की ओर से शूटरों को पकड़ने के लिए अभी भी जोरदार अभियान चलाया जा रहा है।