Atiq-Ashraf Murder Case: ...तो तीन नहीं पांच ने उतारा माफिया ब्रदर्स को मौत के घाट, दो पर्दे के पीछे दे रहे थे कमांड

Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया ब्रदर्स की हत्या के बाद कुछ ऐसी बातें सामने आईं थीं, जिससे शुरू से ही अंदेशा जताया जा रहा था कि हत्याकांड में तीन से अधिक लोग शामिल थे।

Ashish Pandey
Published on: 23 April 2023 5:01 AM IST (Updated on: 23 April 2023 3:37 PM IST)
Atiq-Ashraf Murder Case: ...तो तीन नहीं पांच ने उतारा माफिया ब्रदर्स को मौत के घाट, दो पर्दे के पीछे दे रहे थे कमांड
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माफिया ब्रदर्स हत्याकांड: Photo- Social Media

Atiq Ashraf Murder Case: माफिया ब्रदर्स हत्याकांड के बाद एक से एक नए खुलासे हो रहे हैं। जैसे-जैसे अतीक और अशरफ की हत्या की जांच आगे बढ़ रही है। कुछ न कुछ नई चीजें सामने आती जा रही हैं। अब इसी क्रम में यह जानकारी सामने आई है कि माफिया ब्रदर्स हत्याकांड में केवल तीन शूटर ही नहीं बल्कि दो अन्य लोग भी शामिल थे। यह वह लोग थे जो मौके पर ही मौजूद थे और शूटरों को कमांड दे रहे थे। बताया जा रहा है कि इनमें से एक लोकल था और उसने ही शूटरों के ठहरने, खाने से लेकर उन्हें अतीक और अशरफ की लोकेशन देने तक का काम सटीक ढंग से किया था।

बता दें माफिया ब्रदर्स की हत्या के बाद कुछ ऐसी बातें सामने आईं थीं, जिससे शुरू से ही अंदेशा जताया जा रहा था कि हत्याकांड में तीन से अधिक लोग शामिल थे। इसका इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जैसे शूटरों का एकदम सही टाइम से मौके पर पहुंचना, उनसे मोबाइल या रुपये बरामद न होना, तीनों का अलग-अलग जनपदों का होना, प्रयागराज से कोई पुराना कनेक्शन न होना, जैसी कई ऐसी बातें थीं जो कुछ और ही इशारा कर रही थीं। सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने रिमांड पर लिए गए तीनों शूटरों से इन्हीं के संबंध में सवाल पूछे। कहा कि जब उनके पास मोबाइल नहीं था तो आखिर कैसे पता चला कि माफिया ब्रदर्स कितने बजे अस्पताल पहुंचेंगे।
यह बात इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ़ने के दौरान सामने आई कि घटनास्थल पर शूटरों के दो मददगार भी मौजूद थे। हालांकि, यह लोग कॉल्विन अस्पताल के अंदर नहीं गए थे बल्कि, बाहर ही रहकर शूटरों को लोकेशन दे रहे थे। वहीं यह बात भी सामने आई कि इन दोनों में से एक लोकल था जिसे शहर के बारे में चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। उसने ही शूटरों के ठहरने, खाने से लेकर अन्य व्यवस्था किया था। फिलहाल पुलिस इन दोनों के बारे में जानकारी जुटा रही है।

शूटरों ने नहीं बताया किसके कहने पर कर रहे थे मदद-

शूटरों से पूछताछ में यह पता चला है कि उन्हें इन दोनों हैंडलरों के ही संपर्क में रखा गया था, लेकिन यह नहीं बताया गया कि दोनों हैंडलर किसके कहने पर उनकी सहायता कर रहे हैं। वह किसी से पहले फोन पर बातें करते थे और फिर उसके अनुसार ही उन्हें कमांड देते थे। कहा जा रहा है कि हैंडलरों के पकड़े जाने के बाद ही यह पता चल सकेगा कि उनका बाॅस कौन है, जिसके कहने पर वह शूटरों की सहायता कर रहे थे।

एक दिन पहले भी थे शूटरों के साथ-

एक दिन पहले भी दोनों हैंडलर शूटरों के साथ ही थे। वह उस दिन भी कॉल्विन अस्पताल के पास मौजूद थे जब अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए लाया गया था। हालांकि तब मीडियाकर्मियों की भीड़ ज्यादा होने के कारण उन्हें अपनी योजना बदलनी पड़ी थी। इसके बाद वह बिना वारदात को अंजाम दिए ही वापस चले आए थे।

कस्टडी रिमांड के बाद आए थे शहर-

शूटरों के बारे में यह भी पता चला है कि वह अतीक-अशरफ की कस्टडी रिमांड मंजूर होने के बाद प्रयागराज पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने धूमनगंज थाने के आसपास भी रेकी की थी। 14 अप्रैल को भी वह धूमनगंज क्षेत्र में ही घूमते रहे। रात में जब अतीक और अशरफ को लेकर धूमनगंज पुलिस कौशाम्बी के महगांव की ओर गई थी तो उन्होंने भी वहां जाने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस के अचानक लौटने से उनकी योजना फेल हो गई थी। इसके बाद जब दोनों को लेकर पुलिस मेडिकल के लिए कॉल्विन अस्पताल पहुंची तो भी वह नाकाम रह गए। इसके बाद फिर वह मौके की तलाश में लग गए।

शूटरों को खतरा, पुलिस लाइन में ही मेडिकल-

सूत्रों का कहना है कि में माफिया ब्रदर्स की हत्या के बाद पुलिस फूंक-फूंककर कदम रख रही है। इसी क्रम में शूटरों की सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां तक कि उन्हें मेडिकल के लिए भी बाहर नहीं ले जाया जा रहा है। मेडिकल के लिए डॉक्टरों की टीम पुलिस लाइन में ही बुलाकर जांच कराई जा रही है।

पुलिस अभी तक शूटरों से कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है। शूटर किसके कहने पर इस घटना को अंजाम दिए, उन्हें कौन गाइड कर रहा था, उन्हें कैसे माफिया ब्रदर्स की लोकेशन मिली, वह प्रयागराज में कितने दिन से थे।

Ashish Pandey

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