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Atiq Ahmed Case: क्या अरुण मौर्य और असद एक दूसरे को जानते थे? व्हाट्सऐप ग्रुप में मिला अतीक के हत्यारे का नाम
Atiq Ahmed Case: यूपी एसटीएफ के पास अतीक अहमद के तीसरे बेटे असद का मोबाइल फोन है। जिसमें'शेर-ए-अतीक' नामक व्हाट्सऐप ग्रुप के बारे में पता चला है, जिससे करीब 200 लोग जुड़े हुए थे।
Atiq Ahmed Case: उमेश पाल हत्याकांड के लगभग दो महीने होने को हैं लेकिन अभी तक इनके सभी आरोपी पकड़े नहीं जा सके हैं। इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी यूपी पुलिस के सामने एक ऐसा तथ्य आया है, जो हैरान कर देने वाला है। दरअसल, यूपी एसटीएफ के पास अतीक अहमद के तीसरे बेटे असद का मोबाइल फोन है। जिसमें'शेर-ए-अतीक' नामक व्हाट्सऐप ग्रुप के बारे में पता चला है, जिससे करीब 200 लोग जुड़े हुए थे। इस व्हाट्सऐप ग्रुप का एडमिन असद अहमद खुद था।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल 200 लोगों की सूची में एक नाम शूटर अरूण मौर्य का भी है। जिसने 15 अप्रैल की रात अपने दो अन्य साथियों के साथ प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मौत के घाट उतार दिया था। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या अरूण मौर्य और असद एक दूसरे को जानते थे ? क्या मौर्य असद के संपर्क में था ? जानकारी के मुताबिक, पुलिस अब इस बिंदु पर भी तीनों हमलावरों से पूछताछ करेगी।
उमेश पाल की हत्या से पहले डिलीट कर दिया गया था ग्रुप
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल असद अहमद को यूपी एसटीएफ ने 13 अप्रैल को झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया था। इस हत्याकांड में शामिल एक अन्य शूटर गुलाम मोहम्मद भी असद के साथ मारा गया था। एसटीएफ ने मौके से असद का मोबाइल जब्त कर लिया था। असद के मोबाइल फोन के जरिए उसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को खंगालना शुरू किया गया तो पुलिस को 'शेर-ए-अतीक' नामक एक व्हाट्सऐप ग्रुप के बारे में पता चला, जिसका एडमिन वह खुद था।
इस व्हाट्सऐप ग्रुप में असद अहमद अपने पिता अतीक अहमद और अपने भाई अली के वीडियो रील्स और फोटो शेयर करता रहता था। अली का मजीदिया कॉलेज में दिया गया भाषण भी इसमें शेयर किया गया था। असद इसमें अपनी खुद की भी रील्स डाला करता था। इसमें ग्रुप में 200 लोग जुड़े हुए थे, जो प्रयागराज के अलावा कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों से संबंध रखते थे। उमेश पाल के मर्डर से ऐन पहले इस व्हाट्सऐप ग्रुप को डिलीट कर दिया था।
पुलिस को लगता है कि 'शेर-ए-अतीक' व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल मेंबर का कनेक्शन फरार चल रहे उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों और शाइस्ता परवीन के मददगारों से हैं। लिहाजा पुलिस और एसटीएफ इस बात की जांच शुरू कर दी है कि आखिर उमेश पाल मर्डर से पहले इस ग्रुप को बंद क्यों कर दिया गया। व्हाट्सऐप ग्रुप में शामि नंबरों को ट्रेस करने की कोशिश जारी है। जांच टीम को लगता है कि उसे इससे कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लग सकते हैं।
24 फरवरी को हुई थी पाल की हत्या
बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड के अहम गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई थी। उमेश के साथ उनके दो सरकारी गनर भी मारे गए थे। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, बेटों, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पाल पर हमला करने वालों में शामिल मुस्लिम, साबिर और अरमान अब भी फरार हैं। इन तीनों पर 5-5 लाख का इनाम घोषित है।