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औरैया: 329 किसानों के खातों में नहीं आए पैसे, विभागों के चक्कर काटने को मजबूर
केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए चाहे जितने भी प्रयास करें मगर उनके अधीनस्थ उनकी मंशा को पूरा नहीं होने दे रहे हैं। ऐसा ही मामला जनपद औरैया में देखने को मिला जिसमें 329 किसानों के खातों में बेची गई धान की कीमत अभी तक नहीं आ सकी है।
औरैया: केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए चाहे जितने भी प्रयास करें मगर उनके अधीनस्थ उनकी मंशा को पूरा नहीं होने दे रहे हैं। ऐसा ही मामला जनपद औरैया में देखने को मिला जिसमें 329 किसानों के खातों में बेची गई धान की कीमत अभी तक नहीं आ सकी है। वह सिर्फ विभागों के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं।
भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे
क्रय केंद्रों पर किसी तरह से जिन किसानों का धान बिक गया अब उन्हें भुगतान के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर लगाना पड़ रहा है। ब्लॉक अछल्दा की ग्राम पंचायत हरचंदपुर के किसान के यहां पर फरवरी के अंतिम सप्ताह में शादी है। धान बेंचे दो माह का अधिक समय हो चुका है लेकिन अभी तक उन्हें इसका भुगतान नहीं मिला है। किसानों की परेशानी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिले के 329 किसानों का धान की बिक्री का 266.82 लाख रुपया अभी तक बकाया है।
दो माह पहले बेचा था धान
हरचंदपुर के बुजुर्ग किसान आदित्य कुमार द्विवेदी की 27 फरवरी को पुत्री की शादी है। करीब दो माह पहले नैफेड के केंद्र पर अपना धान बेंचा था लेकिन अभी तक भुगतान के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। सदर ब्लॉक की ग्राम पंचायत जैतपुर के किसान रघुपति सिंह ने बताया कि तीन दिसंबर को 63 क्विंटल तथा किसान पवन सिंह ने 45 क्विंटल धान बेंचा था लेकिन अभी तक धान का भुगतान नहीं हुआ है। शासन स्तर से धान खरीद की अंतिम तिथि 28 फरवरी निर्धारित की गई है। इस बीच काफी संख्या में किसान धान बेंचने के बाद भुगतान के लिए भटक रहे हैं।
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दो करोड़ 66 लाख 82 हजार रुपये बकाया
तमाम किसान पंजीकरण के बाद धान बेंचने की प्रतीक्षा में है। खास बात यह है कि जिले के 329 किसानों का धान की बिक्री का दो करोड़ 66 लाख 82 हजार रुपये विभाग पर बकाया है। उधर डीएम सुनील कुमार वर्मा ने लंबित भुगतान के बारे में कारण सहित रिपोर्ट तलब कर लिया है।
जिले में 50 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य है। इस बार मौसम ने किसानों का पूरा साथ दिया। परिणाम स्वरूप धान की पैदावार अच्छी हुई। हर बार जहां किसान धान का लक्ष्य पूरा करने में पीछे रह जाते थे वहीं इस बार लक्ष्य से अधिक खरीद हो चुकी है। अब तक करीब 60 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है।
सबसे ज्यादा धान का बकाया नैफेड का है। नैफेड के ब्रांच मैनेजर को कड़ा पत्र लिखकर तथा मौखिक रूप से अवगत करा दिया गया है। उन्होंने एक सप्ताह के अंदर सभी किसानों का भुगतान कराए जाने का आश्वासन दिया है।
रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी
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