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लॉकडाउन का निवाला बन रहे प्रवासी मजदूर, घर पहुंचने से पहले ही तोड़ रहे दम

एक बीमार पुत्र ने अपने पिता को देखने की चाहत दिखाई तो उसकी यह तमन्ना पूरी नहीं हो सकी और सैकड़ों किलोमीटर सफर दूर करने के बाद भी वह घर जीवित नहीं पहुंच सका और उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

Aditya Mishra
Published on: 20 May 2020 6:02 AM GMT
लॉकडाउन का निवाला बन रहे प्रवासी मजदूर, घर पहुंचने से पहले ही तोड़ रहे दम
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औरैया: एक बीमार पुत्र ने अपने पिता को देखने की चाहत दिखाई तो उसकी यह तमन्ना पूरी नहीं हो सकी और सैकड़ों किलोमीटर सफर दूर करने के बाद भी वह घर जीवित नहीं पहुंच सका और उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

ऐसा ही एक मामला बुधवार को सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत जनपद औरैया में देखने को मिला। अहमदाबाद से चलकर आए दो भाई मऊ जाने के लिए निकले थे मगर औरैया पहुंचते ही उनकी हसरत टूट गई और छोटे भाई ने दम तोड़ दिया।

सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत बुधवार की सुबह एक प्रवासी मजदूर ने दम तोड़ दिया। उसके भाई ने युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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ये है पूरा मामला

जनपद मऊ के हेवदपुर निवासी नीरज एवं राजन पुत्र वीरेंद्र राजभर एक साथ अहमदाबाद में प्लास्टिक की फैक्ट्री में काम करते थे। लॉक डाउन हो जाने के कारण उनकी फैक्ट्री बंद हो गई और उसी दौरान नीरज की तबीयत भी खराब हो गई। राजन ने बताया कि नीरज की हालत में जब कोई सुधार नहीं हुआ तो उसने अपने घर जाने का विचार किया।

इस पर वह लोग महाराष्ट्र से 35 सो रुपए प्रति सवारी देकर अपने जनपद मऊ जाने के लिए रवाना हुए। मगर औरैया जनपद की सीमा में पहुंचते ही नीरज की हालत बिगड़ने लगी तो उसे ड्राइवर द्वारा इंडियन चौकी के समीप उतार दिया गया।

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नीरज का भाई राजन उसे किसी तरह से जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक नीरज के भाई राजन ने बताया कि वह इसलिए अपने भाई को गांव लौट कर जा रहा था कि उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था तो उसने सोचा वह अपने गांव ही वापस चला जाए और वहीं पर इलाज कराएगा।

घटना की जानकारी अस्पताल प्रशासन ने कोतवाली पुलिस को दी सूचना पर पहुंची पुलिस ने जानकारी हासिल करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

इसमें सबसे खास बात यह देखने को मिली की सरकारों द्वारा प्रवासी मजदूरों को भेजे जाने के लिए मुक्त बसें उपलब्ध कराई जा रही हैं। मगर निजी बसों के संचालक अभी भी लोगों से मोटा किराया वसूल कर रहे हैं। अहमदाबाद से मऊ जाने के लिए बस संचालकों द्वारा दो भाइयों से 3500 रुपए प्रति व्यक्ति किराया वसूला गया।

रिपोर्ट: प्रवेश चतुर्वेदी

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Aditya Mishra

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