TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

औरैया: बच्चों को क्षेत्रीय भाषा से मानक भाषा की ओर लाएं- ARP संदीप गुप्ता

सोमवार को जूनियर स्कूल दिबियापुर में प्रशिक्षण दे रहे एआरपी संदीप गुप्ता ने बताया कि भाषा व गणित को क्रम के अनुसार पढ़ाना है। तभी बच्चों के अंदर सही ज्ञान का संचार होगा।

Roshni Khan
Published on: 15 Feb 2021 3:24 PM IST
औरैया: बच्चों को क्षेत्रीय भाषा से मानक भाषा की ओर लाएं- ARP संदीप गुप्ता
X
औरैया: बच्चों को क्षेत्रीय भाषा से मानक भाषा की ओर लाएं- ARP संदीप गुप्ता (PC: social media)

औरैया: मिशन प्रेरणा के तहत ब्लाक भाग्यनगर के शिक्षकों का आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका समृद्ध हस्तपुस्तिका, रिमिडियल टीचिंग प्लान को लेकर प्रिंट रिच मैटेरियल एवं गणित किट आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को मिशन प्रेरणा के तहत लक्ष्यों व विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई तीन हस्त पुस्तिकाओं आधार शिला, ध्यानाकर्षण व शिक्षण संग्रह के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

ये भी पढ़ें:कोरोनाकाल के बाद खुले कॉलेज, नेशनल कॉलेज में बड़ी संख्या में पहुंचे छात्र- छात्राएँ

भाषा व गणित को क्रम के अनुसार पढ़ाना है

सोमवार को जूनियर स्कूल दिबियापुर में प्रशिक्षण दे रहे एआरपी संदीप गुप्ता ने बताया कि भाषा व गणित को क्रम के अनुसार पढ़ाना है। तभी बच्चों के अंदर सही ज्ञान का संचार होगा। जैसे भाषा पढ़ाने के लिए ईआरएसी नियम के अनुसार व गणित को ईएलपीएस के अनुसार शिक्षण कार्य करते हुए यानी अनुभव से ज्ञान अथवा अमूर्त से मूर्त की ओर लाना है। वहीं बुनियादी कौशल विकसित करने के लिए क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग कर मानक भाषा की ओर लाना है। इसके अलावा उन्होंने कक्षा रूपांतरण और गणित किट के प्रयोग को समझाया व प्रिंट रिच मैटेरियल सहित प्रेरणा लक्ष्य, सूची व तालिका एवं समय सारिणी को कक्षा कक्ष में कैसे चस्पा करना है के बारे में बताया।

एआरपी शिवेंद्र कुशवाहा ने कक्षावार बच्चे को शून्य की अवधारणा, एक से दस गिनती, जोड़ व घटना, गुणा व भाग सहित संक्रियाओं को समझाने के लिए तकनीकी तौर पर चार्ट कोड का इस्तेमाल कर संख्या पूर्व अवधारणा सहित टू डी व थ्री डी टीएलएम का इस्तेमाल कर रोचक पूर्ण तरीके से प्रयोग कर समझाया।

ये भी पढ़ें:बदल रहे सैलरी से जुड़े नियम, सरकार ने की तैयारी, जानिए क्या पड़ेगा असर

परिवेश में बहुत सारी चीजें होती हैं

उन्होंने कहा कि परिवेश में बहुत सारी चीजें होती हैं जिन्हें टीचर लर्निंग मैटेरियल यानी टीएलएम के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। इस मौके पर एआरपी मनोज राठौर, आलोक मिश्रा व पूनम द्विवेदी ने भी शिक्षकों को प्रशिक्षित किया।

रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story