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औरैया: धोखाधड़ी मामले में अमीन को सात साल की जेल, किया था ये बड़ा फर्जीवाड़ा
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जीवक कुमार सिंह ने थाना बिधुना क्षेत्र के संग्रह अमीन होरीलाल सविता को सरकारी अभिलेख अनाधिकृत रूप से अपनें पास रखने व उच्च न्यायालय में फर्जी कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने के आरोप में सात वर्ष के कठोर कारावास एंव पांच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया हैं।
औरैया: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जीवक कुमार सिंह ने थाना बिधुना क्षेत्र के संग्रह अमीन होरीलाल सविता को सरकारी अभिलेख अनाधिकृत रूप से अपने पास रखने व उच्च न्यायालय में फर्जी कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने के आरोप में सात वर्ष के कठोर कारावास एंव पांच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया हैं।
अभिलेख तहसील कार्यालय में जमा नहीं
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहें ए.पी.ओ. नागेन्द्र कुमार ने बताया कि थाना विधूना में 18 वर्ष पूर्व वादी ओंकारनाथ वर्मा ने रिपोर्ट लिखाई कि होरीलाल संग्रह अमीन पद पर तहसील बिधुना में कार्यरत थें। इनका स्थानातरण जिलाधिकारी के आदेश दिनांक 3 फरवरी 2003 के द्वारा तहसील बिधुना से तहसील औरैया के लिये हुआ था। जिस पर तहसीलदार बिधूना ने उक्त संग्रह अमीन को कार्ययुक्त कर दिया था। परन्तु उक्त संग्रह अमीन ने उस समय अपने पास उपलब्ध संग्रह संबन्धी तमाम अभिलेख आज तक तहसील कार्यालय में जमा नहीं किया।
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अभियुक्त को कठोर दण्ड देने की बहस
इसके अलावा उस पर उच्च न्यायालय में फर्जी कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने का भी आरोप है। आरोप पत्र के बाद यह मुकदमा मुख्य न्यायिक मजिस्टेट जीवक कुमार सिंह की कोर्ट में चला। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी नागेन्द्र कुमार ने अभियुक्त को कठोर दण्ड देने की बहस की। वहीं वचाव पक्ष ने उसे निर्दाेष बताया। दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्त होरीलाल सविता को धारा 409 का दोषी मानते हुए उसे सात वर्ष के कठोर कारावास एंव पांच हजार रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पडे़गा।
अभियुक्त द्वारा इस मामले में जेल में वितायी गयी अवधि सजा की अवधि में समायोजित करने का भी आदेश दिया गया। अधिवक्ता शिवम शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने धारा 420 के आरोप से होरीलाल को दोष मुक्त कर दिया।
रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी
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