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कृषि बिल 2020: किसान विरोधी है नया विधेयक, लोग बोले- सरकार कर ही मनमानी

किसानों की जमीन लेकर खेती कराने से शोषण बढ़ेगा। कुछ किसानों ने इसे किसान विरोधी बताया तो कुछ प्रगतिशील किसानों ने हित में बताया।

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Published on: 22 Sep 2020 4:15 AM GMT
कृषि बिल 2020: किसान विरोधी है नया विधेयक, लोग बोले- सरकार कर ही मनमानी
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ज्यादातर किसानों का मानना है कि सरकार को सदन में कोई भी विधेयक लाने से पहले किसानों को विश्वास में लेना चाहिए। किसानों की जमीन लेकर खेती कराने से शोषण बढ़ेगा।

औरैया: कृषि क्षेत्र से संबंधित तीन विधेयकों को लेकर जिले के किसान किसी भी लाभ से आश्वस्त नहीं है। ज्यादातर किसानों का मानना है कि सरकार को सदन में कोई भी विधेयक लाने से पहले किसानों को विश्वास में लेना चाहिए। किसानों की जमीन लेकर खेती कराने से शोषण बढ़ेगा। कुछ किसानों ने इसे किसान विरोधी बताया तो कुछ प्रगतिशील किसानों ने हित में बताया। उपकृषि निदेशक टीपी विजय कुमार ने बताया कि उनके पास इस विषय में कोई जानकारी नहीं आई है। सरकार ने कोई कदम उठाया है तो वह कदम जनता के लिए हितकारी ही होगा।

किसानों के हित में नहीं यह बिल

सदर ब्लॉक के गांव कटघरा के प्रगतिशील किसान कवींद्र सिंह ने कहा कि यह बिल किसानों के हित में नहीं है। जो भी किसानों की जमीन लेकर खेती करेगा वह किसानों को गुलाम बना लेगा। इससे किसान उबर नहीं पाएंगे। सरकार किसानों के हित के लिए कुछ नहीं सोच रही। सरकार को उनके लाभ बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए।

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Kisan किसानों ने कृषि बिल को बताया किसान विरोधी (फाइल फोटो)

ब्लॉक अछल्दा के ग्राम पुर्वा पट्टी के प्रगतिशील किसान कैलाश राजपूत का कहना है यह विधेयक किसानों के हित में है। उसर व बीहड़ पट्टी का किसान अपनी जमीन कौडिय़ों के दाम बेंच रहा है। यदि कोई उसकी जमीन लेकर उसमें उपज करने के बदले हर साल किसानों को कुछ देगा तो इसमें किसानों का हित होगा।

ये विधेयक लाकर सरकार कर रही मनमानी

Kisan किसानों ने कृषि बिल को बताया किसान विरोधी (फाइल फोटो)

किसान यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर राजपूत कहा कि किसानों से विचार किए बिना विधेयक लाना सरकार की मनमानी है। यह विधेयक किसानों के हित में नहीं है। अगर सरकार किसानों को लाभ दिलाना चाहती है। तो उत्पादन किए गए मूल्य का 50 प्रतिशत लाभ दिलाने के लिए बिल पेश किया जाए।

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ब्लॉक अछल्दा के प्रगतिशील किसान रामसरन राजपूत का कहना है कि एफपीओ (किसान उत्पादन संगठन) किसानों का संगठन है, जो किसानों के साथ मिलकर खेती करेगा। इसलिए यह बिल किसानों के लिए हित में है। इससे किसानों को कोई नुकसान होने वाला नहीं है।

रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी

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