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UP Election 2022: क्या योगी आदित्यनाथ अयोध्या से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे!
UP Election 2022: ऐसा कहा जा रहा है कि CM योगी आदित्यनाथ इस बार विधानसभा चुनाव गोरखपुर की बजाय अयोध्या से लड़ सकते हैं। देखा जाए तो इस बात का भी कम आधार नहीं है।
UP Election 2022: पूरे प्रदेश के लोगों में यह विश्वास है कि योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) ज़रूर लड़ेंगे। काफ़ी लोगों की नज़र इसके लिए गोरखपुर सदर सीट (Gorakhpur Sadar Seat) पर है। पर अयोध्या (Ayodhya) जाइये तो बहुत लोग यह कहते हुए मिल जायेंगी कि योगी आगामी विधानसभा चुनाव में अयोध्या से उतरेंगे। अयोध्या के लोग इसे इतने आत्म विश्वास से कहते मिल जायेंगे कि आप को लगेगा इन्हें किसी ने जानबूझकर यह इत्तिला दी हो। पर अयोध्या वासियों के इस कहे का भी कम आधार नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उत्तर प्रदेश में तीन शक्ति केंद्र- अयोध्या (Ayodhya), मथुरा (Mathura) व काशी (Kashi) हैं। योगी की सरकार ने इन तीनों शक्ति केंद्रों पर ख़ासा गौर फ़रमाया है। गोरखपुर के बाद योगी आदित्यनाथ ने अपने पूरे कार्यकाल में सबसे अधिक दौरे अयोध्या (Yogi Adityanath Ayodhya Visit) के ही किये हैं। अयोध्या में ही वह अपने दीपोत्सव (Ayodhya Deepotsav) जैसे अभिनव आयोजन लगातार करते आ रहे हैं।
इस आयोजन का आकर्षण इसी से समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसमें शिरकत करने की सहमति दे दी है। अयोध्या में उन्होंने विकास की गंगा बहा दी है। अयोध्या में ज़िलाधिकारी के रूप में अनुज झा (Anuj Kr Jha) सरीखे कुशल अधिकारी को लंबे समय से बनाये रखा गया है।
क्या हैं मायने व संदेश?
अयोध्या से योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने से और भी कई मायने व संदेश दिये जा सकेंगे। वैसे तो गोरखपुर सदर सीट भी योगी आदित्यनाथ के लिए कम मुफ़ीद नहीं है। पर वहां से न लड़ने का बड़ा कारण अयोध्या जैसे संदेश का न निकलना ही है। हालांकि कुछ लोग यह कहते सुने जा सकते हैं कि यहां से लंबे समय से राधा मोहन अग्रवाल (Radha Mohan Das Agarwal) विधायक हैं। उनकी ख़ास पकड़ है। उनका टिकट नहीं कट सकता।
पर हक़ीक़त यह है कि आज योगी आदित्यनाथ का जो क़द है उसमें उन्हें किसी सीट पर कहीं से चुनाव लड़ने में कोई दिक़्क़त पेश आने वाली नहीं है। गोरखपुर सदर तो योगी आदित्यनाथ की पारंपरिक लोक सभा में ही है। राधा मोहन अग्रवाल राजनीति में योगी आदित्यनाथ के मार्फ़त ही आये हैं। वैसे भी किसी भगवा धारी व हिंदुत्व की पॉलिटिक्स करने वाले के लिए अयोध्या से मुफ़ीद और कोई सीट हो ही कहाँ सकती है।
क्यों खास है अयोध्या सीट?
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में अगर कोई एक जिला और उसकी सभी सीटों पर देश के तमाम राजनीतिक पार्टियां, पॉलिटिकल पंडितों, मीडिया चाहे वो देश या विदेश की हो, की नज़र है तो वो है-अयोध्या। हिन्दुओं के आराध्य भगवान राम की जन्मस्थली और हजारों सालों के इतिहास को खुद में समेटे, अयोध्या। पहले इसे फैज़ाबाद जिले के नाम से जाना जाता था। लेकिन 6 नवंबर, 2018 को वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में इस जिले का नाम फैज़ाबाद से अयोध्या करने को मंजूरी दी।
अयोध्या सरयू नदी के तट पर बसा ऐतिहासिक और धार्मिक शहर है। अयोध्या को प्राचीनकाल में 'साकेत' नाम से जाना जाता था। तब यह कोसल राज्य की राजधानी थी। हजारों वर्षों से अयोध्या मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में हिन्दुओं की आस्था का केंद्र है। हिन्दुओं के पवित्र धर्मग्रन्थ रामायण की पृष्ठभूमि का केंद्र भी अयोध्या ही है।
जिले में 85 प्रतिशत आबादी हिन्दुओं की
अयोध्या जिले में विधानसभा की 5 सीटें हैं तथा लोकसभा की एक। जिले की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 24,70,996 है। जिले में कुल लिंगानुपात प्रति 1,000 पुरुष के मुकाबले 962 है। अयोध्या जिले का कुल साक्षरता प्रतिशत 68.73 है। जिसमें पुरुष साक्षरता दर 78.12 प्रतिशत तो महिलाओं की 59.03 फीसदी है। अयोध्या हिन्दू बहुल जिला है। यहां की जनसंख्या में हिन्दुओं की आबादी 84.75 प्रतिशत, मुसलमानों की 14.80 प्रतिशत तथा ईसाईयों की 0.13 फीसद है। इसके अलावा अघोषित आबादी 0.18 प्रतिशत है।
लोकसभा चुनाव में कब कौन जीता
बता दें कि फैजाबाद (अब अयोध्या) लोकसभा सीट पर पहला लोकसभा चुनाव 1957 में लड़ा गया था। इसके बाद इस सीट पर अब तक कुल 16 बार चुनाव हो चुके हैं। जिसमें सात बार कांग्रेस पार्टी जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि बीजेपी ने 5 बार जीत का परचम लहराया। इसके अलावा समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भारतीय लोकदल और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया ने भी एक-एक बार जीत दर्ज की है।
1988 से बदल गई राम नगरी की राजनीति
जिले की पांचों विधानसभा सीटें दरियाबाद, रुदौली, मिल्कीपुर, बीकापुर और अयोध्या हैं। अयोध्या या तब के फैज़ाबाद की राजनीति में बदलाव 1988 के करीब दिखना शुरू हो गया था। क्योंकि इसी साल भारतीय जनता पार्टी ने अपने एजेंडे में राम मंदिर का मुद्दा शामिल किया। तब तक राम जन्मभूमि का ताला खुल चुका था। बीजेपी इसे अपने सियासी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही थी। इसे देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अयोध्या से ही चुनावी अभियान की शुरुआत की। कमोबेश यही हालात साल 2021 में भी देखने को मिल रहा है।
1991 से 2007 तक बीजेपी का कब्जा
अब बात करते हैं विधानसभा चुनाव 1989 की। इस साल जनता दल के प्रत्याशी जयशंकर पांडेय ने कांग्रेस के सुरेंद्र प्रताप को चुनावी शिकस्त दी। इसके बाद 1991 में बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह मैदान में उतरे और जीत हासिल की। ये वही दौर था जब कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति में 'हिन्दू ह्रदय सम्राट' के तौर पर उभरे थे। लल्लू सिंह के जरिये बीजेपी यहां पहली बार खाता खोलने में सफल रही। इसके बाद वर्ष 2007 तक बीजेपी ही इस सीट को अपने नाम करती रही। 2012 में पहली बार सपा के तेज नारायण पांडेय ने इस सीट को अपने नाम किया। लेकिन 2017 में एक बार फिर बीजेपी ने इस सीट को अपने नाम किया। मोदी लहर पर सवार वेद प्रकाश गुप्ता ने मैदान मार लिया।
कब कौन बना सिकंदर, किसे दी पटकनी
1989---विजयी उम्मीदवार जयशंकर पांडेय (जनता दल) को 31,899 मत प्राप्त हुए थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के लल्लू सिंह को पराजित किया था। लल्लू सिंह को 22,826 मत प्राप्त हुए थे।
1991--बीजेपी के विजयी उम्मीदवार लल्लू सिंह को जहां 49,206 मत मिले थे, नजदीकी पराजित प्रत्याशी जनता दल के जयशंकर पांडेय को 18,806 मत प्राप्त हुए थे।
1993--बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह विजयी रहे, उन्हें 58,587 मत मिले थे। जबकि समाजवादी प्रत्याशी जयशंकर पांडेय को 49,349 मत मिले।
1996--लल्लू सिंह एक बार फिर विजय प्राप्त किए। उन्हें 59,658 वोट मिले। उनके निकटतम प्रत्याशी सपा के जयशंकर पांडेय को 38,463 मत मिले।
2002-- लल्लू सिंह इस बार 51,289 मत प्राप्त करने में सफल रहे। जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के अभय सिंह को 33,429 वोट मिले।
2007--लल्लू सिंह को फिर जीत मिली। इस बार उन्हें कुल 58,493 मत प्राप्त हुए। जबकि उनसे पराजित प्रत्याशी सपा के इंद्र प्रताप तिवारी को 52,752 मत मिले थे।
2012--सपा के तेज नारायण पांडेय 55,262 मतों के साथ विजयी रहे। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के लल्लू सिंह को 49857
2017--बीजेपी के वेद प्रकाश गुप्ता को रिकॉर्ड 1,07,014 मत मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के तेज नारायण पांडेय को 56,574 मत प्राप्त हुए थे।
परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने की कवायद
योगी सरकार ने अयोध्या में जो विकास की गंगा बहाई है, विकास कार्यों की वह खुद समीक्षा कर रहे हैं। वह भी अयोध्यावासियों के कहे को ही पुष्ट कर रहा है। अयोध्या राम की पैड़ी के पुनरुद्धार सहित अयोध्या के विकास से जुड़ी कई पूर्व परियोजनाओं को नवंबर के अंत तक पूरा किए जाने की कवायद बहुत तेज चल रही है। माना यह जा रहा है दीपोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण कराया जा सकता है। इसी कड़ी में अयोध्या रेलवे जंक्शन के पुनर्विकास, अयोध्या बस स्टेशन एयरपोर्ट शामिल है।
श्रीजन्मभूमि मंदिर अयोध्या धाम एवं उसके आसपास विकास कार्यो से सम्बंधित समग्र विकास, कार्यों में अयोध्या पुर्नगठन सीवरेज योजना, अयोध्या नगर की सीवर योजना फेज-2, अयोध्या पेयजल योजना, फैजाबाद नगर में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट योजना, अयोध्या में दशरथ महल सत्संग भवन, यात्री सहायता केन्द्र, क्वीन हो मेमोरियल पार्क, रामकथा पार्क विस्तारीकरण, रामकथा गैलरी, अयोध्या स्ट्रीट रेजुवेन्शन के अन्तर्गत फूड पाथ के नवीनीकरण कार्य, घाटों के सौन्दर्यीकरण, अयोध्या नगर के अन्तर्गत रामजन्मभूमि परिसर के पास पहुंचने वाले विभिन्न मार्गो का मरम्मत, विस्तारीकरण, अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला केन्द्र, थीम पार्क, अयोध्या भोजन संध्या स्थल, अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सेन्टर, अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला केन्द्र आदि प्रमुख कार्य शामिल है!
जानें अयोध्या के विकास का खाका
जानकारी के मुताबिक, अयोध्या के विकास का जो ख़ाका तैयार किया गया है, वह अगले 100 साल की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 30 साल का प्लान ही देखा। अयोध्या के लिए डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 20 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट तैयार किए हैं। इन्हीं प्रोजेक्ट पर पीएम मोदी अफसरों से चर्चा की। 26 जून, 2021 मण्डलायुक्त एमपी अग्रवाल ने अयोध्या से सम्बंधित विकास कार्यो की समीक्षा करते हुए कहा सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर काम किया जाए। अनावश्यक रूप से विलम्ब न किया जाये । इसकी प्रत्येक माह समीक्षा स्वयं कर रहे हैं।
अब तक रामकथा पार्क के विस्तारीकरण का का निर्माण स्वीकृत कार्य 275.35 लाख लागत से चल रहा है 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें दर्शक दीर्घा का विस्तारीकरण 210.11 लाख स्वीकृत हुआ है। 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण, ट्वायलेट ब्लाक 21.64 लाख स्वीकृति 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है।
रामायण सर्किट अयोध्या का निर्माण कार्य 70 फीसदी पूरा
भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के अन्तर्गत रामायण सर्किट अयोध्या का निर्माण कार्य स्वीकृति लागत 8412.3 लाख जिसमें 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। रामकथा गैलरी में पार्किंग का विकास के लिए स्वीकृति लागत 39.58 लाख जिसका कार्य प्रारम्भ हो चुका है। नया बस डिपो के लिए स्वीकृति लागत 704.64 लाख जिसमें 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। मल्टीलेबल कार पार्किंग का निर्माण में स्वीकृति लागत 1565.8 लाख रूपये में 574.75 लाख रूपये व्यय हो चुके है। इस पार्किंग में 84 कारों के पार्किंग की व्यवस्था की जायेगी । जिसमें 2 मंजिला भवन का प्राविधान है। स्ट्रक्चर कार्य पूर्ण। आन्तरिक पार्किंग का कार्य 70 प्रतिशत पूर्ण और बाउण्ड्रीवाल का कार्य पूर्ण तथा शेष कार्य प्रगति पर है।
पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर यात्री छादक का निर्माण स्वीकृति लागत 188.25 लाख रूपये तथा 56.78 लाख रूपये व्यय हुये है। टूरिस्ट शेल्टर का कार्य पूर्ण, 34 नग पर कार्य पर स्ट्रक्चर का कार्य चल रहा है। राम की पैड़ी में स्टोन प्लांटर के लिए स्वीकृति लागत 12.00 लाख रूपये में कार्य पिल्थि स्तर पर है। पब्लिक कन्वेंस (ट्वायलेट ब्लाक) 20 नग की स्वीकृति लागत 451.36 लाख, जिसमें 20 नग में से 01 नग पंचकोसी मार्ग पर, 08 नग चैदह कोसी मार्ग पर एवं 05 नग राम जन्मभूमि परिसर में बनाये जाने है, जिसमें 11 नग पर कार्य प्रगति पर है। पुलिस बूथ 08 नग की स्वीकृति लागत 13.46 लाख, जिसमें 06 नग का कार्य पूर्ण 01 नग के स्ट्रक्चर का कार्य प्रगति पर है।
अयोध्या स्ट्रीट रेजुवेन्शन के अन्तर्गत फुटपाथ के नवीनीकरण के कार्यों में कोबल स्टोन से रोड पटरी का निर्माण, के.सी.दासा मिर्जापुर स्टोन, स्टोन छतरी के साथ वाटर कियोस्क, टवायलेट 3 नग, साइन बोर्ड 20 नग तथा लैण्डस्कैपिंग का कार्य प्रगति पर है। चैक अयोध्या से हनुमानगढ़ी, कनक भवन, दशरथ महल में पैडस्ट्रियन स्ट्रीट के कार्यो में सड़क पर कोबल स्टोन/पिंक सैण्ड स्टोन का कार्य की स्वीकृति लागत 683.10 लाख रूपये में व्यय 317.00 लाख रूपये। जनपद अयोध्या में पुलिस विभाग के ट्राजिस्ट हास्टल (जी़12) का निर्माण कार्य में स्वीकृति लागत 2329.26 लाख, जिसमें प्रथम ब्लाक में पाइलिंग कार्य पूर्ण व 90 प्रतिशत राफ्ट की कास्टिंग की जा चुकी है। द्वितीय ब्लाक में पाइलिंग कार्य पूर्ण। फुटिंग के लिए सरिया बांधनें का कार्य प्रगति पर है।
अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय एवं कला गैलरी में डिटिजल इन्टरवेंसन के कार्य में अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय एवं कला गैलरी के लिए स्वीकृति लागत 1348.17 लाख, जिसमें केबिलिंग और कन्डूयिटिंग का कार्य 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण, एट्रियम का कार्य पूर्ण, सीसीटीवी वायरिंग का कार्य पूर्ण, कैमरा लगाने का कार्य प्रगति पर है।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा लक्ष्मण किला घाट के विकास एवं निर्माण कार्य की परियोजना की स्वीकृति लागत 973.41 लाख के सापेक्ष 776.25 लाख व्यय, जिसमें गुप्तचर घाट की स्वीकृति परियोजना की बचत धनराशि रूपये 452.73 लाख के सापेक्ष धनराशि 419.50 लाख की परियोजना तैयार कर स्वीकृति हेतु पर्यटन विभाग को प्रेषित की गयी है । जिसमें लक्ष्मण किला घाट के स्लोप पर वोल्डर पिचिंग/रिनोवेशन के कार्य कराने हेतु धनराशि 37.30 लाख का प्राक्कलन सम्मिलित है। स्वीकृति उपरान्त इस कार्य को कराया जाना प्रस्तावित है।
गुप्तारघाट के विकास एवं निर्माण कार्य की परियोजना में स्वीकृति लागत 3710.67 लाख के सापेक्ष व्यय राशि 3222.43 लाख, जिसमें कार्य प्रगति पर है और निविदा की कार्यवाही की जा चुकी है। लोक निर्माण विभाग द्वारा अयोध्या फैजाबाद मुख्य मार्ग गेट नम्बर 3 से श्रीराम जन्मभूमि पहुंच मार्ग का सुधार/मरम्मत कार्य में 0.525 किमी0 लम्बाई में 7 मीटर चैड़ाई में सुदृढ़ीकरण का कार्य एवं 0.125 किमी0 लम्बाई में 7 मीटर चैड़ाई में नवनिर्माण का कार्य, जिसमें अवशेष 0.125 किमी0 लम्बाई के निर्माण हेतु उच्च स्तर से निर्णय लिया जाना है शेष कार्य पूर्ण है।
पंचकोसी व चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के सुदृढ़ीकरण का कार्य। जिसमें पंचकोसी मार्ग के 7 किमी0 स्थित ब्रहमकुंड एवं दशरथ कुंड के पास 1.13 किमी0 लम्बाई 4600 वर्गमीटर मे मार्ग के किनारे पटरियों पर इंटरलाकिंग टाइल्स लगाने का कार्य स्वीकृति है । जिसके सापेक्ष लगभग 3650 वर्गमीटर में कार्य पूर्ण है। शेष कार्य प्रगति पर है। संस्कृति विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला केन्द्र में स्वीकृति लागत 347.86 लाख के सापेक्ष 227.95 लाख व्यय, जिसमें चहरदीवारी गेट सहित 1500 मीटर में 1200 मीटर का कार्य पूर्ण हो चुका है।
थीम पार्क में स्वीकृति लागत 358.33 लाख के सापेक्ष 468.52 लाख रूपये व्यय हो चुका है, जिसमें टायलेट ब्लाक एवं दर्शक दीर्घा का कार्य पूर्ण, ओपेन एयर थियेटर का कार्य पूर्ण, रिसेप्सन रूम का कार्य पूर्ण, इन्टर लाकिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। अयोध्या में 216 व्यक्तियों की क्षमता वाला सांस्कृतिक मंच (कल्चरल स्टेज) का निर्माण कार्य की स्वीकृति लागत 488.97 लाख के सापेक्ष 245.58 लाख व्यय हुआ है।
(साथ में नाथ बख्श सिंह और अमन कुमार)
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