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राम मंदिर भूमिपूजन के लिए भेजी गई यहां से मिट्टी, उज्जैन की भस्म और ये पवित्र जल

भव्य और पावन राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर से मिट्टी लाइ जा रही हैं। अलकनंदा का पवित्र जल भूमि पूजन के लिए लाया जा रहा है। उज्जैन के महाकाल की भष्म लाई जा रही हैं।

Shivani
Published on: 27 July 2020 3:00 PM GMT
राम मंदिर भूमिपूजन के लिए भेजी गई यहां से मिट्टी, उज्जैन की भस्म और ये पवित्र जल
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अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमिपूजन होना है। तैयारियां शुरू हो गयीं है। भव्य और पावन राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर से मिट्टी लाइ जा रही हैं। अलकनंदा का पवित्र जल भूमि पूजन के लिए लाया जा रहा है। उज्जैन के महाकाल की भष्म लाई जा रही हैं।बता दें कि बद्रीनाथ धाम की मिट्टी के अलावा सीतामढ़ी के पांच मंदिरों से राम मंदिर के लिए मिट्टी भेजी गयी है।

सीतामढ़ी के 5 मंदिरों से भूमि पूजन के लिए भेजी गई मिट्टी

अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के लिए माता सीता की प्राकट्य स्थली सीतामढ़ी से मिट्टी भेजी गई है। सीतामढ़ी के प्रमुख पांच मंदिरों से मिट्टी भूमि पूजन के लिए लाई जा रही हैं। इसमें जानकी मंदिर, पुनौरा मंदिर, हलेस्वरस्थान मंदिर, पंथपाकड़ स्थित सीता मंदिर और बगही धाम का नाम शामिल है। इन मंदिरों से मिट्टी इकट्ठा कर जानकी मंदिर में विधिवत पूजा की जायेगी। जिसके बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज और महासचिव चंपत राय को मिट्टी सौंपी जाएगी।

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राम जन्मभूमि आंदोलन में शिला पूजन की शुरुआत सीतामढ़ी से

बता दें कि राम जन्मभूमि के आंदोलन में शिला पूजन की शुरुआत सीतामढ़ी से ही हुई थी। इस दौरान 1990 और 1992 में राम मंदिर आंदोलन में सीतामढ़ी से कार सेवक बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंचे थे। आंदोलन में शामिल कई लोग जेल भेजे गए थे। इसी कड़ी में सीतामढ़ी में लोग राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर काफी उत्सुक हैं। जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति ने अयोध्या में शिलान्यास के दिन सीतामढ़ी में अपने-अपने घरों में महाआरती और दीप जलाने की अपील भी की है।

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उज्जैन से भेजी गयी मिट्टी और महाकाल की भस्म:

मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से भी राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के लिए महाकाल वन की मिट्टी भेजी गयी। इसके साथ ही शिप्रा नदी का का जल और बाबा महाकाल की भस्म अयोध्या भेज दिया गया है। शिलान्यास में महाकाल वन की मिट्टी, शिप्रा जल और भस्म का उपयोग किया जाएगा। सभी सामग्री विश्व हिन्दू परिषद के मंत्री को सौंप दी गयी है।

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बद्रीनाथ धाम की मिट्टी, अलकनंदा का पवित्र जल भेजा

इतना ही नहीं उत्तराखंड के चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम से राम मंदिर के शिलान्यास के लिए मिट्टी भेजी गयी है। वहीं पवित्र अलकनंदा नदी का पावन जल भी अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया है।

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