अयोध्या: पीएम मोदी लगाएंगे पारिजात का पौधा, जानिए क्या है इससे जुड़ी मान्यताएं

पीएम मोदी अयोध्या में करीब तीन घंटे रहेंगे। इस दौरान वह राम मंदिर के प्रांगण में पारिजात का पौधा भी लगायेंगे। रामलला से कुछ कदमों की दूरी पर ही पीएम अपराह्न् 12.10 बजे पारिजात के पौधे को रोपित किया जाना है उसके बाद वे भूमिपूजन समारोह के लिए रवाना होंगे।

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Published on: 5 Aug 2020 5:37 AM GMT
अयोध्या: पीएम मोदी लगाएंगे पारिजात का पौधा, जानिए क्या है इससे जुड़ी मान्यताएं
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अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर अयोध्या की धरती पर अपना कदम रखेंगे। लेकिन इस बार वे कोई चुनावी कार्यक्रम में नहीं बल्कि श्री राम जन्म भूमि पूजन और राम मंदिर का शिलान्यास करने के लिए यहां पर आ रहे हैं।

इसके पहले भी पीएम मोदी कई बार अयोध्या आ चुके हैं लेकिन राम लला के दर्शन नहीं कर पाए थे। आज मंदिर के शिलान्यास के बाद वे राम लला के दर्शन करेंगे।

पीएम मोदी अयोध्या में करीब तीन घंटे रहेंगे। इस दौरान वह राम मंदिर के प्रांगण में पारिजात का पौधा भी लगायेंगे। रामलला से कुछ कदमों की दूरी पर ही पीएम अपराह्न् 12.10 बजे पारिजात के पौधे को रोपित किया जाना है उसके बाद वे भूमिपूजन समारोह के लिए रवाना होंगे।

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क्या है पारिजात वृक्ष से जुड़ी मान्यताएं

पारिजात से जुड़ी अनेकों मान्यताएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि इसे भगवान श्री कृष्ण स्वर्ग से धरती पर लाए और गुजरात राज्य के द्वारका में रोपित किया। इसके बाद अर्जुन द्वारका से पूरा का पूरा पारिजात वृक्ष ही उठा लाए और उसे किंतूर गांव में स्थापित कर दिया।

यह वृक्ष 10 से 30 फीट तक की ऊंचाई वाला होता है। खासतौर से हिमालय की तराईवाले क्षेत्रों में ज्यादा संख्या में मिलता है। इसके फूल, पत्तों और तने की छाल का उपयोग औषधियां बनाने में किया जाता है। इस वृक्ष को देखने के लिए दूर-दूर से श्रृद्धालु आते हैं। इसके संरक्षण के लिए भी विभिन्न स्तरों पर काम चल रहा है।

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देवराज इंद्र ने इस वृक्ष को स्वर्ग में स्थापित किया था

ऐसा कहा कहा जाता है कि पारिजात वृक्ष को देवराज इंद्र ने स्वर्ग में स्थापित किया था। इस पौधे को पारिजात और हरश्रृंगार के अलावा शेफाली, प्राजक्ता और शिउली नाम से भी जाना जाता है। यह फूल पश्चिम बंगाल का राजकीय पुष्प है।

इसके फूल सफेद रंग के और छोटे होते हैं। फूलों का निचला भाग चटख नारंगी रंग का होता है। ये फूल रात में खिलते हैं और सुबह पेड़ से स्वत: ही झड़ जाते हैं। इनकी खुशबू मोहक होती है और पेड़ सारे भारत में पैदा होता है।

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