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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से पहले विश्व हिंदू परिषद करने जा रहा ये बड़ा काम
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से पहले विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने एक बड़े कार्यक्रम का ऐलान किया है । विश्व हिंदू परिषद देश के 2.75 लाख गांवों में भगवान राम की प्रतिमा लगाएगा।
लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से पहले विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने एक बड़े कार्यक्रम का ऐलान किया है । विश्व हिंदू परिषद देश के 2.75 लाख गांवों में भगवान राम की प्रतिमा लगाएगा। रामोत्सव नाम से चलने वाला यह कार्यक्रम 25 मार्च को शुरू होगा और 8 अप्रैल को इसका समापन होगा । साल 1989 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान इन्हीं गांवों से मंदिर निर्णाण के लिए ईंटें आईं थीं ।
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए VHP काफी सक्रिय रही है और अब निर्माण से पहले उसने एक बड़े कार्यक्रम की घोषणा की है । वहीं VHP की नजर राम मंदिर के लिए पुजारियों पर भी है। वह मंदिर के लिए दलित पुजारी भी चाहती है । VHP का मानना है कि दलित पुजारी की नियुक्ति के जरिए सामाजिक समरसता का बड़ा संदेश दिया जा सकता है । विहिप का यह भी कहना है कि मंदिर का निर्माण सरकार नहीं समाज के पैसे से होगा ।
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सरकार भी एक्शन में
उधर, राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार भी एक्शन में है। सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के करीब दो महीने बाद मोदी सरकार ने इससे संबंधित सभी मामले को देखने के लिए एक अलग से डेस्क बनाई है। इसकी अध्यक्षता अडिशनल सेक्रटरी स्तर के अधिकारी करेंगे. गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि अयोध्या मामले और कोर्ट के फैसलों से जुड़े मामले को तीन अधिकारी देखेंगे. इस टीम का नेतृत्व अडिशनल सेक्रटरी करेंगे ।
ट्रस्ट बनाने में जुटी सरकार
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाना है । सरकार फिलहाल अभी इसी काम में जुटी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, तीन महीने यानी नौ फरवरी तक केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण का ट्रस्ट बनाना है।
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'पहली ईंट दलित के हाथों रखवाई गई'
विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि ट्रस्ट का काम सरकार को करना है । इसमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं होग। । यदि दलित पुजारी की नियुक्ति होती है तो स्वागत है।
विहिप दलित पुजारियों को तैयार करने में लंबे समय से जुटा हुआ है। विहिप में धर्माचार्य संपर्क विभाग और अर्चक पुरोहित विभाग बनाकर काफी समय से अनुसूचित वर्ग के लोगों को पूजा-पाठ के लिए प्रशिक्षित कर पुजारी बनाने का अभियान चलाया जा रहा है।
अतीत की बात करें तो राम मंदिर आंदोलन से दलितों को जोड़ने के लिए संघ, विहिप जैसे संगठन शुरुआत से ही लगे हैं। 9 नवंबर, 1989 को जब राम मंदिर का शिलान्यास हो रहा था तब पहली ईंट बिहार के दलित कार्यकर्ता कामेश्वर चौपाल के हाथों रखवाई गई थी । इसके जरिए राम मंदिर आंदोलन के पीछे संपूर्ण हिंदू समाज के खड़ा होने का संदेश दिया गया था ।
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