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अयोध्या SSP की सलाहः स्टूडेंट न बने किताबी कीड़ा, इनसे बनाएं संतुलन
विद्यार्थियों को केवल किताबी कीड़े ही नहीं बनना है बल्कि संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक पाठ्यक्रम और सह-पाठयक्रम गतिविधियों के बीच सही संतुलन बनाना भी है। विश्वविद्यालय एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ नई चीजें सीखने, नया ज्ञान प्राप्त करने, नए कौशल विकसित करने का अवसर प्रदान करता है।
अयोध्या: विद्यार्थियों को केवल किताबी कीड़े ही नहीं बनना है बल्कि संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक पाठ्यक्रम और सह-पाठयक्रम गतिविधियों के बीच सही संतुलन बनाना भी है। विश्वविद्यालय एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ नई चीजें सीखने, नया ज्ञान प्राप्त करने, नए कौशल विकसित करने का अवसर प्रदान करता है।
अध्ययन की योजना विकसित करना चाहिए
उक्त बातें संत कबीर सभागार में बीएससी पाठ्यक्रम के अंतर्गत नवागंतुक स्नातक शिक्षार्थियों के लिए आज उन्मुखीकरण कार्यक्रम , को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने कहा । भारत पूर्व काल में विज्ञान व गणित के क्षेत्र में अग्रणी होने की वजह से विकास के शीर्ष पर रहा हैं। उन्होंने अमेरिका के जॉर्ज केनेडी का उदाहारण देते हुए बताया कि सिस्टम ने हमे क्या दिया ये सोचने के बजाय हम देश और विश्वविद्यालय को क्या दिया है। इस पर सोचने की जरूरत है। इस उद्देश्य को मंत्र मानकर अमेरिका विज्ञान व तकनीकी सहित अन्य क्षेत्रों में अग्रणी है। इसी ध्येय के साथ आपको एक जिम्मेदार विद्यार्थी के रूप में असाइनमेंट और आपके व्याख्याताओं द्वारा सुझाई गई सामग्री को पढना चाहिए।
उन्होंने छात्रों से कहा कि अध्ययन की योजना विकसित करना चाहिए। पुस्तकालय का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के साथ ऑनलाइन अध्ययन करें। देश में कोविड महामारी ने अध्ययन-अध्यापन के लिए एक नया अवसर प्रदान किया है इसके कारण ऑनलाइन क्लास और स्टडी मटेरियल की महत्ता बढ़ी है। विश्वविद्यालय के शिक्षक ऑनलाइन मैटेरियल्स के लिए प्रयासरत है। अनुशासन में रहते हुए विद्यार्थी ज्ञानार्जन करके देश के विकास में अहम् भूमिका निभा सकते हैं।
छात्रों से किया ऑनलाइन इंटरेक्शन
कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि फ्लोरिडा पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय की श्रीमती शेनन ब्रांड, एसोसिएट डायरेक्टर स्टूडेंट सक्सेस एंड रिटेंशन और डॉ0 शेषा श्रीनिवासन, चेयर नेचुरल साइंस ने भी छात्रों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए शोध केंद्रित अध्ययन करने की ओर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। डॉ0 शेषा श्रीनिवासन ने बताया कि वैज्ञानिक एपीजेअब्दुल कलाम के जीवन चरित्र से सीखते हुए विज्ञान व तकनीकी की दिशा में अध्ययनरत होना ही विद्यार्थियों का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए व तकनीकि विकास के बुरे प्रभावों से खुद को बचाये रखने की सलाह दी। इसी क्रम में बीएससी समन्वयक प्रो के0के0 वर्मा ने सभी मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया व लघु कथाओं के माध्यम से गुरु शिष्य परंपराए उनके पारस्परिक संबंधों व कथनी-करनी में एकरसता का मार्मिक चित्रण करते हुए छात्रों का प्रोत्साहित किया।
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सीखने व सफलता के लिए निरंतर प्रयास करें
प्रो0 वर्मा ने बताया कि बीएससी कंप्यूटर साइंस के अतिथि प्रवक्ताओं व छात्रों ने पुस्तकालय व विभाग का वेब पेज निर्मित करके रचनात्मकता व उत्साह का परिचय दिया है। इसी क्रम में विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो0 सी0के0 मिश्रा ने छात्रों को असफलता का सामना करने, उससे सीखने व सफलता के लिए निरंतर प्रयास करते रहने को कहा। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर रविशंकर सिंह छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो0 नीलम पाठक, सहायक कुलसचिव मोहम्मद साहिल, सहायक कुलसचिव डॉ0 रीना श्रीवास्तव, लाइब्रेरियन प्रो0 आर0 के0 सिंह, डॉ0 गीतिका श्रीवास्तव व डॉ0 नीलम यादव ने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्रदान की।
इसी क्रम में बीएससी के विभिन्न पाठ्यक्रमों के विभागाध्यक्ष डॉ0 शैलेन्द्र कुमार, डॉ0 सिद्धार्थ शुक्ल ने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की उच्च शिक्षण व्यवस्था से लाभान्वित होकर जीवन उद्देश्यों की दिशा में बढ़ने के लिए उत्साह वर्धन किया। इसी क्रम में बीएससी के अतिथि प्रवक्ताओं डॉ0 अरविन्द बाजपेयी, डॉ0 अश्विनी कुमार, डॉ0 मिथिलेश तिवारी डाॅ0 जीतेन्द्र कौशल श्रीवास्तव, डॉ0 संजीव कुमार सिंहए डॉ0 ज्ञानेश्वर कुमार गुप्ता, डॉ0 गया प्रसाद तिवारी डॉ0 अमित मिश्रा, डॉ0 संजीव श्रीवास्तव डॉ0 शिव प्रकाश मिश्रा, इंजीनियर रजत चैरसिया व शिक्षिका इंजीनियर निधि अस्थाना ने विद्यार्थियों को पठन-पाठन से सम्बंधित जानकारी देते हुए सभी का उत्साह वर्धन किया।
नाथ बख्श सिंह
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