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नई शिक्षा नीति: एकेडमी बैंक ऑफ़ क्रेडिट की स्थापना, बहुविषयक शिक्षा का लक्ष्य

नई शिक्षा नीति ज्ञान, कौशल एवं सामाजिक मूल्यों को विकसित करने की आधारशिला बनेगी। नई शिक्षा नीति के प्रमुख विन्दुओं में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को बहुविषयक संस्थान बनाने पर जोर दिया गया है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 10 Sept 2020 8:02 PM IST
नई शिक्षा नीति: एकेडमी बैंक ऑफ़ क्रेडिट की स्थापना, बहुविषयक शिक्षा का लक्ष्य
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नई शिक्षा नीति ज्ञान, कौशल एवं सामाजिक मूल्यों को विकसित करने की आधारशिला बनेगी। नई शिक्षा नीति के प्रमुख विन्दुओं में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को बहुविषयक संस्थान बनाने पर जोर दिया गया है।

अयोध्या: राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर देशव्यापी जन जागरूकता अभियान के क्रम में डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति ज्ञान, कौशल एवं सामाजिक मूल्यों को विकसित करने की आधारशिला बनेगी। नई शिक्षा नीति के प्रमुख विन्दुओं में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को बहुविषयक संस्थान बनाने पर जोर दिया गया है।

इसके तहत लगभग प्रत्येक जिले में 2030 तक एक बड़ी बहुविषयक संस्था स्थापित की जायेगी। इसमें प्रत्येक का लक्ष्य तीन हजार या उससे अधिक छात्र होगें। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारत को ज्ञान का केन्द्र बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। इससे लाखो के जीवन में बदलाव संभव हो सकेगा। इस शिक्षा नीति में नवाचार, सीखना एवं अनुसंधान जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को केन्द्रित किया गया है।

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व्यवासायिक शिक्षा

कुलपति प्रो सिंह ने बताया कि वर्ष 2035 तक व्यवासायिक शिक्षा सहित उच्च शिक्षा में सकल नामाकंन अनुपात 26.3 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। एकल स्ट्रीम उच्च शिक्षण संस्थानों को समय के साथ चरणबद्ध किया जायेगा और सभी संस्थान बहुविषयक बनने की ओर बढ़ेगे। यहां तक कि विश्वविद्यालयों को भी बहुविषयक संस्थान बनना होगा। आईआईटी जैसे संस्थान कला और मानविकी के साथ समग्र और बहुविषयक शिक्षा की ओर बढ़ेगे।

कला और मानविकी के साथ छात्र विज्ञान सीखने का लक्ष्य रखेंगे। कुलपति ने बताया कि नई शिक्षा नीति में भाषा, साहित्य, संगीत, दर्शन, कला, रंगमंच, शिक्षा, गणित, सांख्यिकी, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, खेलकूद, अनुवाद, व्याख्या आदि विभागो में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में स्थापित और मजबूत किया जायेगा। नई शिक्षा नीति 2020 में स्नातक की डिग्री तीन या चार वर्ष की होगी।

इसमें कई निकास के विकल्प होंगे। व्यवसायिक या गैर व्यवसायिक क्षेत्रों में दो वर्ष के अध्ययन के बाद डिप्लोमा या तीन वर्ष के अध्ययन के उपरांत स्नातक डिग्री एक वर्ष का पाठ्यक्रम पूर्ण करने का प्रमाण दिया जायेगा। चार वर्षीय बहुविषयक बैचलर प्रोग्राम वैकल्पिक विषय के रूप में होगा।

AYODHYA CITY सोशल मीडिया से

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क्रेडिट को डिजीटल रूप में संग्रहित

कुलपति ने बताया कि एक एकेडमी बैक फ के्रडिट(ए0बी0सी0) स्थापित किया जायेगा जो अर्जित किये गये एकेडमिक क्रेडिट को डिजीटल रूप में संग्रहित करेगा। देश को सस्ती लागत पर प्रिमियम शिक्षा प्रदान करने वाले वैश्विक अध्ययन गंतव्य के रूप में बढ़ावा दिया जायेगा। विदेशी छात्रों की मेजबानी करने वाले प्रत्येक संस्थान में एक अन्तरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। प्रो सिंह ने बताया कि उच्च प्रदर्शन करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों को अन्य देशों के परिसर में स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

दुनियां के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में से चयनित विश्वविद्यालयों को देश में शिक्षण कार्य की सुविधा प्रदान की जायेगी। प्रत्येक शिक्षण संस्थान में तनाव व भावनात्मक समायोजन से निपटने के लिए परामर्श प्रणाली विकसित की जायेगी। अगले दशक में व्यवसायिक शिक्षा को चरणबद्ध तरीके से सभी स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानों को एकीकृत किया जायेगा। लोक विद्या अर्थात भारत में विकसित महत्वपूर्ण व्यवसायिक ज्ञान छात्रों के लिए सुलभ बनाया जायेगा।

रिपोर्टर- नाथ बख्श सिंह



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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