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Ayodhya Ram Temple: राम मंदिर के 3 साल , भूमि पूजन से भव्य निर्माण तक का सफर
Ayodhya Ram Temple:5 अगस्त 2020 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर का भूमि पूजन किया था। पूरी दुनिया ने इस ऐतिहासिक लम्हे को देखा।
Ayodhya Ram Temple: ठीक तीन साल पहले 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में भगवान श्रीराम के नए और भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया था। अब तीन साल में मंदिर निर्माण 40 फीसदी से ज्यादा पूरा हो चुका है।
5 अगस्त 2020 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर का भूमि पूजन किया था। पूरी दुनिया ने इस ऐतिहासिक लम्हे को देखा। लोग भाव विभोर हो गए। बहुत लंबा इंतजार खत्म हुआ था, एक सपना साकार होने जा रहा था।
3 साल में क्या क्या हुआ
बीते तीन साल से राम मंदिर निर्माण कार्य लगातार जारी है। श्रमिकों, कारीगरों की सतत मेहनत के परिणामस्वरूप मंदिर के भूतल का ढांचा बनकर तैयार है। नक्काशीदार स्तम्भ, मूर्तियां आदि उकेरी जा चुकी हैं। अब पहले तल का काम तेजी से जारी है।
मंदिर का उद्घाटन
राम मंदिर के उद्घाटन के लिए अगले साल 15 से 24 जनवरी के बीच की तारीख तय की जाएगी। मंदिर में राम लला की प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में होगी। मंदिर के भूतल पर ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक आमंत्रण भेज दिया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राम मंदिर ट्रस्ट करीब 10 हजार लोगों को न्यौता भेजेगा।
अब तक क्या क्या हुआ
- राम मंदिर का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। पहला चरण का काम 30 दिसंबर 2023 को पूरा होगा। इस दौरान भगवान श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित हो जाएँगे। दूसरा चरण 30 दिसंबर 2024 को पूरा होगा। इसमें मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल का काम पूरा हो जाएगा। अंतिम चरण में साल 2025 में मंदिर के पूरे 71 एकड़ का काम पूरा हो जाएगा।
- श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के लिए 21 फुट ऊंचा ग्रेनाइट पत्थर वाला चबूतरा तैयार करने का काम चल रहा है। इसमें 17000 पत्थर लगाए जाएंगे और करीब 5000 पत्थर अब तक लगाए जा चुके हैं।
- मंदिर की नींव का निर्माण 50 फुट गहरे से किया गया है। इसके लिए 50 फिट गहरी मिट्टी हटाकर इस तरह नींव बनाई गई है, ताकि एक हजार साल तक वह ज्यों कि त्यों रहे।
- भव्य मंदिर के भूतल के निर्माण में राजस्थान के पिंक सैंड स्टोन का इस्तेमाल किया गया है। इस तल में कुल 166 खंभे हैं। मंदिर के गर्भगृह में स्फेफ संगमरमर के खंभे व नक्काशीदार दीवार बनाई गई है।
- भूतल के ढांचे के निर्माण के बाद अब उसके खंभों पर देवताओं की मूर्तियों को उकेरने के साथ फर्श और बिजली की सजावट का काम किया जा रहा है।
- मंदिर के पहले तल का पर राम दरबार की स्थापना होनी है। दूसरे तल को ऊंचाई के लिए अभी बनाया जाएगा। इस पर किसी देवता की मूर्ति की स्थापना का निर्णय अभी नहीं किया गया है।
- मंदिर का मुख्य भवन 8 एकड़ में होगा। इसकी लंबाई 360 फुट और चौड़ाई 235 फुट होगी। मंदिर का शिखर 161 फुट ऊँचा होगा। यह शिखर गर्भगृह के ठीक ऊपर स्थित होगा।
- तीन मंजिल वाले इस मंदिर पर कुल 366 स्तंभ होंगे। प्रत्येक स्तंभ पर धर्मग्रंथों पर आधारित चित्र उकेरे जाएँगे।
- मंदिर के पूर्व दिशा में सिंहद्वार स्थित होगा यही मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार होगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण
- अयोध्या शहर में 32,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
- अयोध्या में रेलवे स्टेशन की री डिजाइनिंग का काम पूरी रफ्तार से जारी है। इसके अलावा एयरपोर्ट निर्माण का काम भी जारी है। एयरपोर्ट सितंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
- मंदिर पूरा हो जाने पर अयोध्या शहर में रोजाना करीब पांच लाख लोगों के आने की उम्मीद है, सो सड़कों को चौड़ा करने से लेकर आतिथ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, पानी की आपूर्ति को उन्नत करने तक कई बड़े पैमाने पर परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं।