Sanatan Dharma: भारत की पहचान है सनातन धर्म: विजयेन्द्र सरस्वती

Sanatan Dharma: बोले-शास्त्रीय तरीके से होना चाहिए अयोध्या धाम का विकास, सनातन धर्म भारत का व्यक्तित्व और भारत की पहचान है। हिन्दू सामाजिक व आध्यात्मिक होता है। हिन्दू धर्म का उद्देश्य विश्व में शांति स्थापित करना है। विकास का मूल कारण शांति है। शांति से विकास होता है।

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Published on: 7 Nov 2023 5:56 PM GMT
Sanatan Dharma is the identity of India: Vijayendra Saraswati
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   भारत की पहचान है सनातन धर्म: विजयेन्द्र सरस्वती: Photo- Newstrack

Sanatan Dharma: अयोध्या धाम का विकास शास्त्रीय तरीके से होना चाहिए। अयोध्या प्राचीन नगरी है। इसलिए अयोध्या नगर का विकास प्राचीन संस्कृति को ध्यान में रखकर करना चाहिए जिससे नगर की पौराणिकता कायम रहे। ये बातें श्री कांची कामकोटि पीठ के 70वें आचार्य जगद्गुरु श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामी ने यहां माधव सभागार निरालानगर में आयोजित कार्यक्रम में कही।

छोटे मंदिरों का भी जीणोद्धार होना चाहिए-

शंकराचार्य ने कहा कि अयोध्या के छोटे मंदिरों का भी जीणोद्धार होना चाहिए। अयोध्या नगर में होटलों व अन्य निर्माण के साथ ही साथ पुरानी धर्मशालाओं व भवनों का भी जीणोद्धार होना चाहिए। इसके साथ ही अयोध्या में शास्त्र विद्या, संगीत विद्या और शिल्प शास्त्र की शिक्षा की भी व्यवस्था होनी चाहिए।

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भारत की पहचान है सनातन धर्म-

जगद्गुरू शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म भारत का व्यक्तित्व और भारत की पहचान है। हिन्दू धर्म सामाजिक है। हिन्दू धर्म वैज्ञानिक है। हिन्दू सामाजिक व आध्यात्मिक होता है। हिन्दू धर्म का उद्देश्य विश्व में शांति स्थापित करना है। विकास का मूल कारण शांति है। शांति से विकास होता है।

वर्तमान समय में संयुक्त परिवार दुर्लभ और दुर्बल हो रहा है-

संयुक्त परिवार की टूटती परंपरा और नैतिक मूल्यों के विघटन पर चिंता जाहिर करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि वर्तमान समय में संयुक्त परिवार दुर्लभ और दुर्बल हो रहा है। हमें ऐसे प्रयास करने हैं कि दुर्लभ को सुलभ और दुर्बल को सबल बनाना है।

जगद्गुरू शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती: Photo- Newstrack

अब हमें प्रजा को बचाना है-

शंकराचार्य ने कहा कि 70 साल तक हमने प्रजातंत्र को बचाया है, अब हमें प्रजा को बचाना है। समाज के जो असमर्थ व गरीब हैं उनकी सहायता होनी चाहिए। मंदिरों के द्वारा धर्म और संस्कृति का प्रचार प्रसार होना चाहिए। देश की उन्नति के लिए धर्म संरक्षण करना है।

शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती ने कहा कि प्राचीन संस्कृति और नवीन विज्ञान के साथ भारत का विकास होना चाहिए। काशी के विकास के लिए बहुत सुंदर कार्य हो रहा है। अयोध्या में भी बहुत अच्छा काम हो रहा है। जनता सर्वोपरि पुस्तक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पुस्तक में इन्हीं सब कार्यों का उल्लेख किया गया है।

उत्तर प्रदेश का विकास उत्तर भारत का विकास है-

शंकराचार्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विकास उत्तर भारत का विकास है। उत्तर भारत का विकास भारत का विकास है। उत्तर प्रदेश भगवान् की जन्म स्थली है। आप भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ।

कांची पीठाधीश्वर ने कहा कि अयोध्या के लिए भक्तों का आग्रह, संतों का आशीर्वाद रहा। अयोध्या की भांति काशी और मथुरा के लिए भी भक्तों की ओर से प्रयास हो रहा है। जो भी होगा वो भगवान् ही करेंगे लेकिन प्रार्थना और प्रयास भक्त ही करेंगे। धर्म का कार्य भक्तों द्वारा ही हो सकता है।

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जगद्गुरू शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती ने पत्रकार बृजनन्दन राजू के द्वारा लिखित जनता सर्वोपरि का लोकार्पण किया। यह पुस्तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा जनहित में किये गये कार्यों पर आधारित है।

इस अवसर पर लखनऊ केन्द्र के स्वामीनाथन शास्त्री, काशी के सुब्रमण्यम शास्त्री और विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रवाल भी उपस्थित रहे।

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