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आयुष एसोसिएशन ने कोरोना वारियर्स को दी श्रद्धाजंलि, परिवार के लिए नौकरी की मांग
मुरादाबाद के असालपुरा में रहने वाले डा. निजामुद्दीन बतौर यूनानी चिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ताजपुर माफी पर तैनात थे। विभाग में उनकी भर्ती 2012 से हुई थी। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग की आयुष विंग में तैनाती थी।
लखनऊ: मुरादाबाद में कोरोना रोगियों की सेवा करते हुए कोरोना संक्रमित हुए आयुष चिकित्सक डा. निजामुद्दीन की सोमवार को उपचार के दौरान हुई मृत्यु के बाद मंगलवार को आयुष डाक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मंगलवार को दो मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी तथा प्रदेश सरकार से मृतक आश्रित को नौकरी तथा सरकार द्वारा घोषित 50 लाख रुपये की बीमा राशि का तुरंत भुगतान करने की मांग की है।
मुरादाबाद के असालपुरा में रहने वाले डा. निजामुद्दीन बतौर यूनानी चिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ताजपुर माफी पर तैनात थे। विभाग में उनकी भर्ती 2012 से हुई थी। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग की आयुष विंग में तैनाती थी।
10 अप्रैल को जमातियों का सर्वे करके लौटे तो सीने में संक्रमण की शिकायत होने पर चिकित्सकों को बताया। तत्काल ही उनकी प्रारंभिक जांच व एक्सरे करवाया गया। रिपोर्ट में एक ही फेफड़ा दिखाई दिया, दूसरे में पानी की आशंका के चलते बेहतर उपचार के लिए टीएमयू भेज दिया था।
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हार्ट अटैक से मौत
11 अप्रैल को उन्हे आइसीयू में भर्ती कराया, रात को हालत खराब हुई तो वेंटीलेटर पर रखा गया और नमूना जांच के लिए भेजा गया। 14 अप्रैल को रिपोर्ट आ गई और कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। पांच दिन तक डा. निजामुद्दीन को कोई सुधार नहीं हुआ और बीती रविवार रात में कार्डियेक अटैक पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई।
डा. निजामुद्दीन के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी के बाद उनके परिवार के नौ लोगों को भी क्वारंटइन कर दिया गया। मूल रूप से असालतपुरा के रहने वाले चिकित्सक के भाई, उसका बेटा और पत्नी, दूसरा भाई उसके दो बच्चे और पत्नी, एक छोटा भाई और सबसे बड़े भाई का बेटा क्वारंटाइन किया गया है। सभी नौ लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे हैं। पत्नी अफ्सा परवीन लॉकडाउन से पहले अपने मायके चांदपुर गई हैं। उनके अभी कोई बच्चा नहीं हैं।
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