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Ambedkar Jayanti 2023: युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक सोच से ही समाज का विकास और बाबा साहेब की असमानता की सोच दूर होगी
Ambedkar Jayanti 2023: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के अध्यक्ष डॉ.विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि “ डॉ. अम्बेडकर द्वारा सबसे अधिक कार्य जेंडर जस्टिस के क्षेत्र में किए गए। एक पुस्तक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोग बाबा साहेब, ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज को जाति विशेष से जोड़ते हैं, जो पूर्णतः असत्य है।
Ambedkar Jayanti 2023: बाबा साहेब आजीवन समानता के लिए लड़ते रहे। उन्होने विज्ञान को एक लोकतान्त्रिक शक्ति के रूप में देखा। उनका मानना था अस्पृश्यता को खत्म किए बिना भारत के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। वह युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक सोच विकसित करने का निरंतर प्रयास करते रहे। बाबा साहेब का मानना था कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही तर्क किया जाना चाहिए। जो समाज के लिए सही है उसी का पालन होना चाहिए। देश को आगे बढ़ाने के लिए पूरे समाज को एक जुट होने की आवश्यकता है। यह बात आज यहाँ भीमराव अम्बेडकर के 132 जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में सिक्किम के राज्यपाल व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने बीबीएयू विश्वविद्यालय के दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कही।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के अध्यक्ष डॉ.विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि “ डॉ. अम्बेडकर द्वारा सबसे अधिक कार्य जेंडर जस्टिस के क्षेत्र में किए गए। एक पुस्तक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोग बाबा साहेब, ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज को जाति विशेष से जोड़ते हैं, जो पूर्णतः असत्य है।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस बीबीएयू लखनऊ के छात्र संगठन और अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रातःकाल भीम उत्सव यात्रा और प्रभात फेरी निकाली गयी। प्रभात फेरी के उपरांत अन्य कार्यक्रम जैसे निबंध प्रतियोगिता, क्विज कॉम्पटीशन, पोस्टर मेकिंग, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पुस्तकों पर आधारित एक पुस्तक मेला आदि आयोजित किए गए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुफिया अहमद ने किया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला, चांसलर प्रकाश सी बरतुनिया मौजूद रहे। कुलसचिव अश्वनी कुमार सिंह, के.एल. महावर, मनोज डढ़वाल, डॉ. राजश्री, सुनील गोरिया, रवि वर्मा, वीर सिंह भदौरिया, प्रीति सक्सेना, राम चंद्रा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए आचार्य संजय सिंह ने सभी के समक्ष विश्वविद्यालय के उपलब्धियों को गिनाया।