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महिलाओं पर टिप्पणी: सभी दलों में हैं बदजुबान नेता, बयान से मचा चुके हैं घमासान
मंच से महिला सम्मान की बात अक्सर हर नेता करता है। महिलाओं के सम्मान की लड़ाई हर पार्टी लड़ती है। बावजूद इसके महिलाओं के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने वाले नेताओं की जमात हर दल में हैं।
राघवेंद्र प्रसाद मिश्र (Raghvendr Prasad Mishra)
लखनऊ। मंच से महिला सम्मान की बात अक्सर हर नेता करता है। महिलाओं के सम्मान की लड़ाई हर पार्टी लड़ती है। बावजूद इसके महिलाओं के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने वाले नेताओं की जमात हर दल में हैं। हालांकि कुछ नेताओ का बयान भारतीय संस्कृति के परिप्रेक्ष्य से जुड़े होने के बावजूद भी समय के अनुकूल नहीं बैठता, जिसके चलते हंगामा शुरू हो जाता है। इसी तरह के बयानों के लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत इस समय चौतरफा घिर गए हैं। उन्होंने महिलाओं के फटी जींस और कट वाले कपड़े पहनने को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह सभ्यता के खिलाफ है। अपने इसी बयान को लेकर वह न सिर्फ महिलाओं के निशान पर आ गए है बल्कि विपक्षी दल भी उनकी मानसिकता को लेकर सवाल खड़े कर रहे है। विरोध लाजिमी है, क्योंकि जब हम पश्चिमी सभ्यता को अपना चुके हैं, तो भारतीय सभ्यता की बात करना कैसे सही माना जा सकता है।
50 करोड़ की गर्लफ्रेंड
महिलाओं को लेकर टिप्पणी करना कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2012 में नरेंद्र मोदी ने भी एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर को लेकर अशोभनीय टिप्पणी करते हुए कहा था— 'वाह क्या गर्लफ्रेंड है। आप लोगों ने कभी देखी है 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड।' हालांकि नरेंद्र मोदी के इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए शशि थरूर ने लिखा था कि मोदी जी मेरी पत्नी 50 करोड़ की नहीं बल्कि मेरे लिए अनमोल है। लेकिन यह बात आपको समझ में नहीं आएगी क्योंकि आप किसी के प्यार के लायक ही नहीं हैं।
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सजी—संवरी महिलाएं बलात्कार का विरोध करती हैं
नेताओं की मानसिकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुष्कर्म की घटनाओं पर भी वह अभद्र टिपपणी करने से बाज नहीं आते। वर्ष 2012 में गैंगरेप के विरोध में दिल्ली में बड़ी संख्या में महिलाओं का विरोध प्रदर्शन चल रहा था। लेकिन राजनेताओं को यह बात भी हजम नहीं हुई और पश्चिम बंगाल के जंगीपुर से कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी ने प्रदर्शनकारी महिलाओं पर सवाल उठाते हुए कहा था कि 23 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म के विरोध में शामिल छात्राएं सजी—संवरी महिलाएं हैं, जिन्हें असलियत के बारे में कुछ नहीं पता है। वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा हाथ में मोमबत्ती लेकर सड़कों पर आना फैशन बन गया है। हालांकि बयान पर विवाद बढ़ने पर बाद में उन्होंने माफी मांग ली थी।
बच्चे हैं गलती हो जाती है
नेताओं की नजरों में महलाओं को कितना सम्मान है यह उनके बयानों से पता चल जाता है। इसी तरह सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी दुष्कर्म की घटनाओं पर बोलते हुए यह कह बैठे थे, बच्चे हैं गलती हो जाती है, इसलिए उन्हें फांसी की सजा नहीं होनी चाहिए। हालांकि बाद में यह तर्क दिया गया कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया।
अंग प्रदर्शन से बढ़ीं बलात्कार की घटनाएं
इसी क्रम में अपने बड़बोलेपन को लेकर चर्चा में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता रामशंकर विद्यार्थी ने बलात्कार के लिए लड़कियों के पहनावे को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि अंग प्रदर्शन की वजह से देश में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं। साथ ही उन्होंने सुझाव देते हुए कहा था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नाबालिग लड़के—लड़कियों मोबाइल फोन और इंटरनेट से दूर रखना चाहिए। साथ ही लड़के—लड़कियों में भाई—बहन की भावना जगानी चाहिए।
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पैसे लेकर ठुमके लगाती थीं अब राजनीति सिखा रहीं
वर्ष 2012 में गुजरात चुनावों के नतीजों को लेकर एक टीवी चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद संजय निरुपम ने स्मृति ईरानी पर अशोभनीय टिप्पणी कर डाली थी। उन्होंने कहा था कि कल तक आप पैसों के लिए ठुमके लगाती थीं, आज आप राजनीति सिखा रही हैं। हालांकि आलोचना होने पर बाद में उन्होंने सफाई देते हुए पूरा कार्यक्रम देखने की बात कही थी।
बलात्कार के लिए कितना पैसा लेंगी
चुनाव प्रचार के दौरान गड़े मुर्दे उखाड़ना आम बात है। वर्ष 2012 में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सीपीआईएम नेता अनिसुर रहमान ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों को लेकर ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रताड़ित महिलाओं को यहां इंसाफ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि मुख्यमंत्री ने बलात्कार की कीमत तय कर रखी है। उन्होंने ममता बनर्जी से सवाल पूछते हुए कहा था कितना मुआवजा चाहिए। बलात्कार के लिए कितना पैसा लेंगी?
गौरतलब है महिलाओं पर विवादित देने वाले नेताओं की फेहरिस्त लंबी है। सपा नेता आजम खान, भाजपा नेता नरेश अग्रवाल, साक्षी महाराज जैसे कई नेता है जिनके बयानों से यह साफ हो गया है कि महिलाओं के प्रति उनका कैसा नजरिया है।
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