×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

मेहरबान योगीः 47 मुकदमे, पर नहीं है इनका नाम एसटीएफ की लिस्ट में

विपक्षियों की माने तो राजा भैया के ऊपर यह मेहरबानी इसीलिए है क्योंकि आजकल वह बीजेपी के कुछ ज्यादा ही करीब आ पहुंचे हैं और मौके पर दोनों लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं।

Newstrack
Published on: 28 July 2020 1:34 PM IST
मेहरबान योगीः 47 मुकदमे, पर नहीं है इनका नाम एसटीएफ की लिस्ट में
X

एक तरफ जहां विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद योगी सरकार ने माफिया और टॉप के क्रिमिनल्स को खत्म करने का फैसला लिया है वहीं दूसरी तरफ उनकी इस लिस्ट में कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का नाम शामिल ना होने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यह सवाल इसलिए उठाए जा रहे हैं क्योंकि 47 आपराधिक मुकदमे के बावजूद उनका नाम इस लिस्ट में आखिर शामिल क्यों नहीं है।

वहीं विपक्षी लोगों की माने तो उन्होंने यह आरोप लगाया है कि लंबी चौड़ी क्रिमिनल हिस्ट्रीशीटर और पोटा व गैंगस्टर के तहत कार्यवाही होने के बावजूद राजा भैया पर सरकार कुछ ज्यादा ही मेहरबान है।

राजा भैया का नाम टॉप क्रिमिनल्स की लिस्ट में क्यों नहीं रखा

विपक्षियों की माने तो राजा भैया के ऊपर यह मेहरबानी इसीलिए है क्योंकि आजकल वह बीजेपी के कुछ ज्यादा ही करीब आ पहुंचे हैं और मौके पर दोनों लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं।

लिस्ट पर सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर राजा भैया का नाम टॉप क्रिमिनल्स की लिस्ट में क्यों नहीं रखा गया जबकि कम मुक़दमे वालों को भी टॉप क्रिमिनल्स की लिस्ट में रखा गया है। राजा भैया पर हत्या -हत्या के प्रयास, डकैती, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और आतंकवाद निरोधक क़ानून पोटा के साथ ही गैंगस्टर के तहत भी मुक़दमे दर्ज हैं, लेकिन उन पर सबसे गंभीर आरोप अपने तालाब में मगरमच्छ पालकर लोगों को उसमे ज़िंदा डालने का है।

प्रियंका चोपड़ा के घर आया नन्हा मेहमान, बेटी को दिया जन्म!

लगातार छह बार राजा भैया विधायक रह चुके

आपको बता दें कि प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा सीट से लगातार छह बार राजा भैया विधायक रह चुके हैं। यही नहीं वह समाजवादी सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। आपको यह जानकर और भी आश्चर्य होगा कि वह कभी किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हुए और हर बार निर्दलीय चुनाव भी लड़ते रहे।

राजा भैया लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले चुनाव से ही विधायक चुने जाते हैं, लेकिन शायद यह कम लोग को ही पता होगा कि राजा भैया चुनाव के दौरान भी ना तो किसी वोटर के दरवाजे जाते हैं और ना ही हाथ जोड़कर उससे वोट मांगते हैं ‌।

पूरे चुनाव में वह 5-6 जनसभाएं करते हैं और वहीं से शक्ति प्रदर्शन कर वोटरों को रिझाते हैं ।

रक्षा बंधन पर बहनों को सरकार का तोहफा, किया ये बड़ा एलान

राजा भैया के खिलाफ सैंतालीस मुकदमे दर्ज

मायावती राज में राजा भैया और उनके पिता उदय प्रताप को गैंगस्टर और पोटा के तहत जेल भेजा गया था।राजा भैया के खिलाफ सैंतालीस मुकदमे दर्ज हैं। डिप्टी एसपी जियाउल हक़ की हत्या का आरोप राजा भैया पर लगा था।जिसके बाद उनको कैबिनेट मंत्री की कुर्सी भी छोड़नी पड़ी थी। हालांकि इस चर्चित मर्डर केस में सीबीआई ने बाद में उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।अब सवाल उठ रहे है कि इतनी लम्बी चौड़ी क्रिमिनल हिस्ट्री होने के बावजूद राजा भैया का नाम एसटीएफ द्वारा तैयार की गई टॉप क्रिमिनल्स की लिस्ट में क्यों नहीं है।

विपक्षियों का कहना है कि विपक्षी पार्टियों से जुड़े लोगों को बेवजह अपराधी घोषित किया जा रहा है साथ ही लिस्ट तैयार करने में भेदभाव किया जा रहा है। जबकि सियासी फायदे के मद्देनजर तमाम लोगों पर कृपा बरसाई गई है। बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि योगी राज में अपराधी को अपराधी की नज़र से देखा जाता है और उससे कोई सहानुभूति नहीं बरती जाती है।भेदभाव के आरोप गलत है।सरकारी अमला क़ानून की जद में अपना काम कर रहा है।

एसटीएफ की लिस्ट में राजा भैया का नाम न होना कई सवाल खड़े कर रहा है।जबकि अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे बाहुबलियों के नाम लिस्ट में शामिल है। उनके खिलाफ पिछले कुछ दिनों से कार्रवाई भी की जा रही है।

राजस्थान: कैबिनेट बैठक खत्म, मंत्री ने कहा- हमें बहुमत सिद्ध करने की जरूरत नहीं

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story