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गूगल पर एक पोस्ट ने ताजा कर दी चंद्रशेखर की याद, बर्थडे होता है इस दिन
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती को लेकर विकिपीडिया के गूगल पर किये गए एक गलत पोस्ट को लेकर आज देश मे उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में विविध कार्यक्रमों की धूम रही । आज तड़के से ही पूर्व प्रधानमंत्री को नमन व विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बहुतेरे पोस्ट किये गए ।
बलिया । पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती गूगल पर विकिपीडिया के एक पोस्ट को लेकर उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है । शैक्षिक अभिलेखों के आधार पर विकिपीडिया ने पूर्व प्रधानमंत्री का जन्म 1 जुलाई को प्रदर्शित कर दिया है । विकिपीडिया के पोस्ट को देखकर आजदेश के विभिन्न हिस्सों में देश के समाजवादी विचारधारा के पुरोधा की जयंती मनाने की धूम रही ।
पूर्व प्रधानमंत्री को नमन व विनम्र श्रद्धांजलि दी
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती को लेकर विकिपीडिया के गूगल पर किये गए एक गलत पोस्ट को लेकर आज देश मे उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में विविध कार्यक्रमों की धूम रही । आज तड़के से ही पूर्व प्रधानमंत्री को नमन व विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बहुतेरे पोस्ट किये गए । दरअसल विकिपीडिया ने अपने पोस्ट में चंद्रशेखर की जयंती 1 जुलाई प्रदर्शित किया है । विकिपीडिया पर किये गए पोस्ट में चंद्रशेखर का जन्म स्थान भी इब्राहिमपट्टी प्रदर्शित किया गया है । हालांकि विकिपीडिया ने अपने एक अन्य पोस्ट में चंद्रशेखर की जन्म तिथि 17 अप्रैल 1927 अंकित किया है ।
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1 जुलाई को चंद्रशेखर की जन्मतिथि अंकित कर दिया
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र विधान परिषद सदस्य रविशंकर सिंह पप्पू ने न्यूजट्रैक से बातचीत में कहा कि विकिपीडिया ने शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधार पर 1 जुलाई को चंद्रशेखर की जन्मतिथि अंकित कर दिया है । हकीकत में उनका जन्म 17 अप्रैल को ननिहाल कचुअरा में हुआ था । उल्लेखनीय है कि बलिया जिले के बिल्थरारोड तहसील के भीमपुरा थाना क्षेत्र के इब्राहिमपट्टी ग्राम के मूल निवासी चंद्रशेखर की गणना क्रांतिकारी व समाजवादी विचारधारा को लेकर देश के समाजवादी योद्धा के रूप में की जाती है ।
युवा तुर्क की पहचान से जाने जाने वाले चन्द्रशेखर वह देश के ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिनके पास प्रधानमंत्री बनने के पहले तक केंद्र व राज्य सरकार में मंत्री का अनुभव नही रहा था । यानि उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी । ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर एक प्रखर वक्ता, लोकप्रिय राजनेता, विद्वान लेखक और बेबाक समीक्षक थे । वे अपने तीखे तेवरों और बेलौस बातचीत के लिये जाने जाते थे ।
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बलिया से लगातार आठ बार सांसद रहे
चंद्रशेखर वर्ष 1962 से 1977 तक देश के ऊपरी सदन राज्यसभा तथा वर्ष 1977 से मृत्यु के समय तक वर्ष 1984 के चुनाव को छोड़कर बलिया से लगातार आठ बार सांसद रहे । 10 नवंबर, 1990 से 21 जून, 1991 तक की बेहद अल्प अवधि में देश के नौंवे प्रधानमंत्री रहे चंद्रशेखर के बारे में यह भी कहा जाता है कि वह देश के समाजवादी आंदोलन से निकली इकलौती ऐसी शख्सियत हैं, जिसे प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । देशवासियों से मिलने एवं उनकी महत्वपूर्ण समस्याओं को समझने के लिए चंद्रशेखर ने 6 जनवरी, 1983 से 25 जून, 1983 तक ‘भारत यात्रा’ किया था । इस दौरान उन्होंने कन्याकुमारी से नई दिल्ली में राजघाट तक तकरीबन 4,260 किलोमीटर की पदयात्रा की थी ।
जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे
चंद्रशेखर समाजवाद के मनीषी आचार्य नरेंद्रदेव के शिष्य थे और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अपने छात्र जीवन में ही समाजवादी आंदोलन से जुड़ गए थे । युवा तुर्क’ के ही रूप में उन्होंने 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध के बावजूद कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति का चुनाव लड़ा था और वह यह चुनाव जीते थे । वर्ष 1974 में उन्होंने इंदिरा गांधी की नीतियों की पुरजोर मुखालफत करते हुए लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन का समर्थन किया था तथा वर्ष 1975 में कांग्रेस में रहते हुए इमरजेंसी के विरोध में आवाज उठाई थी । वह जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे ।
रिपोर्टर- अनूप कुमार हेमकर, बलिया
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