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बलिया: राज्य मंत्री का बेतुका बयान, शिवा जी-महाराणा प्रताप पर कही ऐसी बात

राज्य मंत्री शुक्ल ने कल यहां जननायक चंद्रशेखर विश्विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ अबुल कलाम आजाद के हृदय में भारत व भारतीयता के प्रति स्थान नही था।

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Published on: 23 Dec 2020 4:43 PM IST
बलिया: राज्य मंत्री का बेतुका बयान, शिवा जी-महाराणा प्रताप पर कही ऐसी बात
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बलिया: राज्य मंत्री का बेतुका बयान, शिवा जी-महाराणा प्रताप पर कही ऐसी बात (PC: social media)

बलिया: सूबे के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ अबुल कलाम आजाद को लेकर बेतुका टिप्पणी की है। उन्होंने भारतीय इतिहास में भारतीय नायकों शिवा जी व महाराणा प्रताप की उपेक्षा का आरोप भी लगाया है।

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इतिहास में गुरु तेग बहादुर का कोई उल्लेख नही मिलता

राज्य मंत्री शुक्ल ने कल यहां जननायक चंद्रशेखर विश्विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ अबुल कलाम आजाद के हृदय में भारत व भारतीयता के प्रति स्थान नही था। उन्होंने भारतीय इतिहास में भारतीय नायकों शिवा जी व महाराणा प्रताप की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि इतिहास में गुरु तेग बहादुर का कोई उल्लेख नही मिलता। संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने जब गुरु तेग बहादुर जी से आग्रह किया कि आइए हमारी रक्षा कीजिये, औरंगजेब की सेना हम पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बना रही है।

उन्हें गिरफ्तार कर उनका सिर कलम कर दिया

गुरु तेग बहादुर गए तो औरंगजेब की सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर उनका सिर कलम कर दिया। उन चीजों को इतिहास से हटा दिया गया। केवल जो चीजें दिखाई गईं, उनमें अकबर महान शामिल है, जबकि आईने अकबरी में और अकबर के समकालीन इस्लामी इतिहासकारों ने भी उसे कभी महान नहीं कहा। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत को अखंड रखना चाहते थे, जिनके हृदय में पीड़ा थी कि भारत का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला जो अफगानिस्तान में है वह हमारा है और हमारा होना चाहिए, उन सारे लोगों को सांप्रदायिक कहा गया।

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उन्होंने भारत के विभाजन को लेकर भी प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू पर निशाना साधा है ।उन्होंने आरोप लगाया कि जहां के लोग पाकिस्तान नहीं बनाना चाहते थे वहां पाकिस्तान बना और जहां के लोगों ने पाकिस्तान के गठन के लिए ज्यादा वोट किया था, वे देश में ही रह गए। शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के बाद भी एमसी छागला, नूरुल हसन और हुमायूं कबीर जैसे लोगों ने भारत की शिक्षा पद्धति को नुकसान पहुंचाया ।

रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर

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