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बलिया से बड़ी खबर: बहुचर्चित नीरज हत्याकांड में तीन आरोपियों को उम्रकैद

धारा 498 ए , 302 ,504 व 506 में नामजद मुकदमा दर्ज कराया । रूमी का विवाह गाजीपुर जिले के भावरकोल थाना क्षेत्र के कुंडेसर ग्राम के धर्मराज से वर्ष 2011 में हुआ था । रूमी 4 अगस्त 2017 को धर्मराज के साथ अपने मायके आयी थी ।

suman
Published on: 30 Jan 2021 5:45 PM IST
बलिया से बड़ी खबर: बहुचर्चित नीरज हत्याकांड में तीन आरोपियों को उम्रकैद
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बलिया: बलिया की एक स्थानीय न्यायालय ने एक दलित युवक नीरज की हत्या के साढ़े पांच साल पुराने बहुचर्चित मामले में कल तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । उधर एक स्थानीय न्यायालय ने एक विवाहिता की दहेज हत्या के साढ़े तीन साल पुराने मामले में आज विवाहिता के पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व दस हजार रुपये के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है ।

बच्चों के विवाद

जानकारी के अनुसार उभांव थाना क्षेत्र के बिल्थरारोड कस्बे में गत 3 अगस्त 2005 की शाम को बच्चों के विवाद में नीरज नामक दलित युवक 22 वर्ष का अपहरण कर उसकी चाकू से गोंदकर हत्या कर दिया गया तथा शव को कस्बे के बीबीपुर मुहल्ले में झाड़ी में फेंक दिया गया । इस मामले में घटना के अगले दिन मृतक के पिता बैजनाथ ने छह लोगों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 364 , 302 , 120 बी व 201 तथा एस सी / एस टी एक्ट की सुसंगत धारा में नामजद मुकदमा दर्ज कराया ।

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अपर जिला जज दिनेश कुमार मिश्र के न्यायालय ने दोनों पक्षों व साक्ष्यों के परिशीलन के बाद कल एजाज अहमद , अजहर व गोल्डेन उर्फ अमीर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व बीस - बीस हजार रुपये के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है । न्यायालय ने एजाजुद्दीन शेख व सद्दाम को संदेह का लाभ देकर निर्दोष करार दिया है । इस मामले में एक आरोपी कमरान का मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है । उल्लेखनीय है कि दलित युवक की हत्या के बाद बिल्थरारोड कस्बे में साम्प्रदायिक तनाव की घटना हुई थी ।

दहेज हत्या के साढ़े तीन साल

उधर बलिया की एक स्थानीय न्यायालय ने एक विवाहिता की दहेज हत्या के साढ़े तीन साल पुराने मामले में आज विवाहिता के पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व दस हजार रुपये के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है । जानकारी के अनुसार रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के मुस्तफाबाद ग्राम में गत 6 अगस्त 2017 को धर्मराज ने अपनी पत्नी रूमी की मायके में ही कुल्हाड़ी से प्रहार कर हत्या कर दिया । विवाहिता के पिता मोहन राम ने रसड़ा कोतवाली में धर्मराज के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की।

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धारा 498 ए , 302 ,504 व 506 में नामजद मुकदमा दर्ज कराया । रूमी का विवाह गाजीपुर जिले के भावरकोल थाना क्षेत्र के कुंडेसर ग्राम के धर्मराज से वर्ष 2011 में हुआ था । रूमी 4 अगस्त 2017 को धर्मराज के साथ अपने मायके आयी थी । विशेष न्यायाधीश रणविजय सिंह के न्यायालय ने आज दोनों पक्षों की सुनवाई तथा साक्ष्यों का परिशीलन करने के बाद आज आरोपी धर्मराज को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व दस हजार रुपये के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है ।

रिपोर्टर अनूप कुमार हेमकर



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