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मथुरा महापंचायत: मोदी के बयान पर बोले जयंत चौधरी, 'देर आये दुरुस्त आये
'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों से सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है' पर मीडिया के सवाल पर जयंत ने जबाब देते हुए कहा कि 'देर आये दुरुस्त आये' उन्होंने कहा कि किसान नाराज भी जल्दी होता है और गले भी जल्दी लगाता है और माफ भी करता है।
मथुरा: शनिवार को नौहझील कस्बे के बाजना मोरकी मैदान पर रालोद और भारतीयों की महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी मुख्य रूप से मौजूद रहे। वहीं समाजवादी पार्टी के एमएलपी संजय लाठर भी मौजूद रहे । इस दौरान हजारों किसानों की भीड़ मोरकी मैदान में मौजूद रही। भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के सैकड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारी महापंचायत में मौजूद रहे।
किसान मासूम होता है- जयंत चौधरी
इस दौरान महापंचायत में पहुंचे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसान मासूम होता है और जब किसानों पर अत्याचार होता है तो किसान उग्र हो जाता है। अगर किसानों के हित में बिल को खत्म नहीं किया गया तो आंदोलन जारी रहेगा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने किसानों को गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन में शामिल होने की अपील की। इस दौरान सैकड़ों किसान बिल के विरोध में नारेबाजी करते नजर आए। वही हाथों में तिरंगा लिए किसान भारत माता की जय के नारे लगाते भी नजर आए ।
'देर आये दुरुस्त आये' -जयंत
जब 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों से सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है' पर मीडिया के सवाल पर जयंत ने जबाब देते हुए कहा कि 'देर आये दुरुस्त आये' उन्होंने कहा कि किसान नाराज भी जल्दी होता है और गले भी जल्दी लगाता है और माफ भी करता है। उन्होंने साफ किया कि सरकार तीनो अनैतिक बिल वापस ले, किसान संगठन धरने पर बैठे है अपनी बात रखेंगे वार्ता करेंगे और फैसला लेंगे की आगे क्या निर्णय रहेगा।
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उन्होंने अब तक की वार्ता विफल होने के पीछे प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार बताया और कहा कि यह कानून वापस नही होंगे, यही उन्होंने कृषि मंत्री को समझा रखा है तो वह कृषि मंत्री क्या कर पाएंगे। और आज यदि खुद प्रधानमंत्री बात करने के लिए तैयार है तो उन्हें यह ठानना पड़ेगा कि पहले उन्हें कानून वापस लेने पड़ेंगे।
कानून का फायदा बताने में भी सरकार विफल रही- जयंत
जयन्त ने यह भी कहा कि वार्ता के दौरान लचीला पन बना रहना चाहिए। सरकार को बड़ा दिल दिखाना पड़ेगा । सरकार पर हमेशा अधिकार होता है कानून लाने का प्रस्ताव लाने का पारित कराने का। आज सरकार को समझना चाहिए कि जब इस कानून की स्वीकार्यता नही है तो इसे हटा लें, सरकार इस बात को बताने में भी विफल रही कि इस कानून में क्या गुण है । सरकार ने इस बिल के माध्यम से पूरे देश को अंधकार में धकेल दिया है।
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जयन्त ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और स्मृति ईरानी के उस बयान पर भी चुटकी ली और निशाना साधते हुए बोले कि पता नही कौन सी tv देखते है यह लोग जिन्हें पुलिस पर हमले की निदा सुनाई ही नही देती।
रिपोर्ट- नितिन गौतम, मथुरा
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