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बर्खास्त हों किसान आंदोलन पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मंत्री: राम गोविंद चौधरी

सपा के वरिष्ठ नेता चौधरी ने जिले के बाँसडीह विधानसभा के मनियर ब्लाक के बड़ागांव में आज समाजवादी पार्टी के किसान घेरा चौपाल को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेती-बारी और किसानी की रक्षा के लिए इस देश के एक करोड़ से अधिक किसान सड़क पर सत्याग्रह कर रहे हैं।

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Published on: 25 Dec 2020 10:33 AM GMT
बर्खास्त हों किसान आंदोलन पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मंत्री: राम गोविंद चौधरी
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बर्खास्त हों किसान आंदोलन पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मंत्री: राम गोविंद चौधरी (PC: social media)

बलिया: उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने नये कृषि कानून के विरोध में हो रहे किसानों के आंदोलन को लेकर अभद्र टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को सरकार से बर्खास्त करने की मांग की है।

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देश के एक करोड़ से अधिक किसान सड़क पर सत्याग्रह कर रहे हैं

सपा के वरिष्ठ नेता चौधरी ने जिले के बाँसडीह विधानसभा के मनियर ब्लाक के बड़ागांव में आज समाजवादी पार्टी के किसान घेरा चौपाल को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेती-बारी और किसानी की रक्षा के लिए इस देश के एक करोड़ से अधिक किसान सड़क पर सत्याग्रह कर रहे हैं।

किसानों के इस शांतिपूर्ण आंदोलन ने सम्पूर्ण विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि हर संवेदनशील व्यक्ति इस सत्याग्रह का समर्थन कर रहा है और मोदी सरकार के मंत्री इस आन्दोलन के खिलाफ लगातार अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने अभद्र टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को सरकार से तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा है कि मोदी सरकार इन तीनों विवादस्पद कृषि कानूनों को वापस लेकर सत्याग्रह कर रहे किसान संगठनों से अविलम्ब बातचीत करे , यही सम्पूर्ण देश के हित में है।

मोदी सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा लेने से बाज आए

उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा लेने से बाज आए। इस मामले में शीघ्र गम्भीर पहल करे। ऐसा नहीं करने पर यह शांतिपूर्ण आंदोलन उग्र हो सकता है। ऐसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से मोदी सरकार की होगी। उन्होंने मांग की है कि गेहूँ, धान, दलहन, तिलहन और आलू के न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण बाजार में बिक रहे पैक आंटा, पैक चावल, पैक दाल, पैक तेल और पैक चिप्स आदि के मूल्य के आधार पर हो। इसी तरह प्याज और सब्जी का भी अनुपातिक मूल्य निर्धारित हो। उन्होंने कहा कि इस निर्धारण में सरकारें यह सुनिश्चित करें कि गेहूँ, धान, दलहन, तिलहन, आलू प्याज और सब्जी के न्यूनतम समर्थन मूल्य और पैक आंटा, पैक चावल, पैक दाल, पैक तेल, पैक चिप्स तथा आलू और सब्जी के बाजार खेत मूल्य में अंतर किसी भी हाल में दस फीसदी से अधिक का नहीं हो।

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चौधरी ने कहा कि भारत किसानों का देश है

चौधरी ने कहा कि भारत किसानों का देश है। होना यह चाहिए कि किसान उत्पादित सामानों का मूल्य निर्धारण किसान खुद करे , लेकिन हो रहा है ठीक उलट। यहाँ किसान के हाथ में केवल लाचारी है। कोई भी सामान जब किसान पैदा करता है तो उसका बाजार मूल्य लागत से भी कम पर आ जाता है। वही सामान जब अम्बानी अडानी या इनके जैसे बड़े व्यापारियों के हाथ में होता है तो उसका मूल्य आसमान छूने लगता है। उन्होंने कहा कि इस उल्टी व्यवस्था से किसानों के देश में किसान एक लाचार व्यक्ति के रूप में जी रहा है। किसानों की यह लाचार स्थिति किसी भी हाल में समाप्त होनी चाहिए।

रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर

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