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Ballia News: अयोध्या में बन रहा राम मंदिर देश के सम्मान का प्रतीक हैः चंपत राय

Ballia News: बोले- राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा दिसंबर या जनवरी के महीने में किसी दिन मुहूर्त देखकर किया जाएगा।

Karuna Sindhu Singh
Published on: 7 Jun 2023 7:20 PM GMT (Updated on: 7 Jun 2023 8:06 PM GMT)
Ballia News: अयोध्या में बन रहा राम मंदिर देश के सम्मान का प्रतीक हैः चंपत राय
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Champat Rai

Ballia News: श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में बन रहा राममंदिर देश के सम्मान का प्रतीक है। राममंदिर का उद्घाटन देश का कोई भी व्यक्ति कर सकता है।

बलिया के नागा जी सरस्वती विद्या मंदिर में विश्व हिन्दू परिषद के काशी व गोरक्ष प्रान्त के सादी दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग को सम्बोधित करने आये विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर कि प्राण प्रतिष्ठा दिसंबर या जनवरी के महीने में किसी दिन मुहूर्त देखकर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर का उद्घाटन देश का कोई भी व्यक्ति कर सकता है, साधु संत भी कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह उस मंदिर का निर्माण है जिसे विदेशी आक्रमणकारियों ने हिंदुस्तान की सेनाओं को कमजोर समझ कर तोड़ दिया था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पाण्डेय व चित्तू पांडेय का जिक्र करते हुए कहा कि ये दोनों बलिया के लिए सिर्फ आदमी नहीं हैं। ये हिंदुस्तान के सौ करोड़ लोगों के सम्मान की रक्षा करने वाले सपूत हैं। इनकी गणना इतिहास में है। कारगिल पर गेहूं पैदा नहीं होता। इसकी रक्षा करना हिंदुस्तान का सम्मान है। 1528 में एक विदेशी हमलावर आया था। जिसने मंदिर तोड़ा और जनता पर राज किया। राम इस देश की आत्मा में बसते हैं। उसने इस देश की आत्मा को आहत करने का काम किया था।

प्रभु श्रीराम इस देश की आत्मा में बसे हैं। इसलिए इस मंदिर का निर्माण राष्ट्र के सम्मान का निर्माण है। यह कोई सामान्य मंदिर नहीं है। इससे जुड़े सारे विषय गौड़ हैं। जिस प्रकार से गरीब के लिए रोजगार और रोटी से भी बढ़कर सम्मान होता है। वह अपने सम्मान से कभी समझौता नहीं कर सकता। उसी प्रकार यह मंदिर भी सम्मान का द्योतक है। मंदिर बहुत भव्य बन रहा है। तीन मंजिला है। 392 खम्भे हैं। लंबाई लगभग साढ़े तीन सौ फीट है। चैड़ाई 250 फीट है। गर्भगृह के शिखर की ऊंचाई 161 फीट है। यह जमीन से लगभग 21 फीट ऊंचे चबूतरे पर बनाया जा रहा है। इसमें लोहा नहीं है। पत्थरों को जोड़ने के लिए ताम्बे का प्रयोग किया जा रहा है। ईंट गारे का काम नहीं है। खम्बे, बीम व छत पत्थर के हैं। ये पत्थर हल्के गुलाबी रंग का है। राजस्थान के धर्मपुर जिले का है।

गर्भगृह में राजस्थान के मकराना के सफेद रंग के पत्थर लगाए गए हैं। भगवान राम के पांच वर्ष की आयु का स्वरूप की मूर्ति बनाया जा रहा है। जिसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। रामलला के पांच वर्ष का स्वरूप वाल्मीकि रामायण में वर्णित घटनाओं से लिया गया है। भगवान राम विष्णु के अवतार थे। इसी आधार पर राम के पांच वर्ष की आयु के स्वरूप को बनाया जा रहा है। राम की मूर्ति के अलावा चारों ओर सूर्य देवता का मंदिर भी बनेगा। भगवती, गणपति और शंकर जी का भी मंदिर बनेगा। अन्नपूर्णा और हनुमानजी का भी मंदिर बन रहा है। यही नहीं महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य मुनि, निषादराज, सबरी, अहिल्या व जटायु की भी प्रतिमाएं बनेंगी। इन सभी मंदिर में सम्मानजनक स्थान दिया जाएगा। राम मंदिर के उद्घाटन में अयोध्या लोगों से पट जाएगी। वहां तिल रखने की भी जगह नहीं होगी। दुनिया भर से लोग आएंगे। लेकिन विदेशी लोग सोच समझ कर ही आएं। पाकिस्तान से भी हिन्दू आ सकते हैं।

अयोध्या में राम मंदिर बन जाने के बाद काशी और मथुरा को लेकर पूछे गए सवाल पर चंपत राय ने कहा कि हम जिम्मेदार संगठन हैं। एक काम पूरा कर लेने के बाद ही कोई अगला कदम उठाएंगे। एक कार्य हाथ में लिया था। जिसके लिए समाज साढ़े चार सौ साल से और संगठन 37 वर्ष से लगा था। इसके सम्पन्न होने के बाद ही सोचेंगे। वैसे समाज में सबको खुली छूट है। साठ साल पहले विश्व हिंदू परिषद का काम शुरू हुआ था। देश के सत्तर हजार गांवों-कस्बों में चल रहा है। और लोग विहिप से जुड़ें, इसके लिए प्रशिक्षण वर्ग चल रहा है। बृजभूषण सिंह को लेकर कहा कि उनसे अयोध्या के सन्तों से पुराना नाता है। इसलिए उनसे संतों की सहानुभूति हो सकती है।

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