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Ballia News: छह साल की मेहनत के बाद UPSC में हासिल किया ऊंचा मुकाम, 16वीं रैंक लाकर छात्रों के लिए बन रहे प्रेरणास्रोत
Ballia News: जिले से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले शिशिर कुमार सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में 16 वां स्थान प्राप्त कर जनपद का नाम रोशन किया है। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद परिजनों सहित माता पिता बेहद प्रफुल्लित हैं। शिशिर कुमार सिंह वर्तमान समय में पीसीएस अधिकारी हैं।
Ballia News: जिले से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले शिशिर कुमार सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में 16 वां स्थान प्राप्त कर जनपद का नाम रोशन किया है। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद परिजनों सहित माता पिता बेहद प्रफुल्लित हैं। शिशिर कुमार सिंह वर्तमान समय में पीसीएस अधिकारी हैं।
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पिता हैं मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव
बिहार के छपरा जिले के रहने वाले शिशिर का परिवार मूलरूप से बलिया का रहने वाला है। उनके पिता सिंहासन सिंह एक दवा कंपनी मे मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं और बलिया में ही कार्यरत हैं। बेटे की इस सफलता से वो फूले नहीं समां रहे हैं। शिशिर वर्तमान समय में वाराणसी में बतौर उप जिलाधिकारी कार्यरत हैं। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद परिजनों में खुशी की लहर है, जिले में भी उल्लास का माहौल है। परिणाम की जानकारी मिलते ही बधाई देने वालों का तांता लग गया।
केंद्रीय विद्यालय बलिया के रहे हैं स्टूडेंट
शिशिर के पिता सिंहासन सिंह ने बताया कि शिशिर ने अपनी प्रारम्भिक से लेकर हाईस्कूल तक की शिक्षा केंद्रीय विद्यालय बलिया से हासिल की है। शिशिर ने डीपीएस बोकारो से 12वीं और धनबाद से आईआईटी किया। फोटोग्राफी, ड्रामा सीरीज देखने और क्रांतिकारी शैली की हिंदी कविताएं पढ़ने का शौक रखने वाले शिशिर आईआईटी करने के बाद बेंगलुरु में नौकरी करने लगे। नौकरी के दौरान 2016 में शिशिर और उनके तीन दोस्तों ने तय किया कि उन्हें लोकसेवा आयोग की परीक्षा क्वालीफाई करना है। इसके बाद शिशिर ने वर्ष 2020 में यूपीपीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण की तथा चौथी रैंक प्राप्त की थी।
कड़ी मेहनत के बाद मिली यूपीएससी में सफलता
सिंहासन सिंह बताते हैं कि शिशिर 2016 से संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। दो बार इंटरव्यू तक भी पहुंचे। इस बार वो सफल हुए और उन्हें सोलहवीं रैंक प्राप्त हुई। सिंहासन सिंह बताते हैं वह बहुत खुश व गर्व की अनुभूति कर रहे हैं। शिशिर की माता कमलेश सिंह ने बताया कि शिशिर को बचपन से ही पढ़ने का बहुत शौक़ था। वह हमेशा पढ़ते रहते थे। आज शिशिर ने देश की सबसे सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में ऊंची रैंक हासिल की, जिसे देख निश्चित रूप से जिले के प्रतिभावान युवाओं में नई आशा का संचार होगा। उनके दोस्तों का कहना है कि तैयारी करे रहे छात्रों के लिए शिशिर किसी प्रेरणास्रोत से कम नहीं साबित होंगे। उन्हें पता चलेगा कि किस तरह हार नहीं मानने का जज्बा देश की सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा तक पहुंचा सकता है।