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Up News: बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं: मेडिकल कॉलेज दूर, इस जिले में 25 लाख की आबादी पर एक भी ICU तक नहीं
Up News: जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को ढर्रे पर लाने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो माह पूर्व ही जिला अस्पताल में आईसीयू व अन्य सीएचसी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती का निर्देश दिया था, जो ठंडे बस्ते में चला गया।
Up News: लगभग 25 लाख आबादी वाले जनपद बलरामपुर के किसी भी सरकारी और ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू की व्यवस्था नहीं है। जिससे गंभीर मरीज लखनऊ रेफर होते हैं। बदहाली यहीं खत्म नहीं होती। जिला अस्पताल में सृजित 32 में से सिर्फ पांच चिकित्सक ही तैनात हैं। जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो गई हैं।
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प्राइवेट अस्पतालों के दावे भी खोखले
योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कितना भी दावा कर ले, किंतु देश के अति पिछड़े आठ जनपदों में शुमार जनपद बलरामपुर मुख्यमंत्री के दावों की हवा निकल रहा है। एक तरफ जिले की स्वास्थ्य सेवा अच्छी होने की योगी सरकार आएदिन कागजी दावे कर रही है, वहीं बलरामपुर के सरकारी व ज्यादातर गैर-सरकारी अस्पतालों में एक भी आईसीयू नहीं है। हालांकि कुछ प्राइवेट अस्पतालों ने बाहर आइसीयू सुविधा का बोर्ड टांग रखा है, लेकिन अंदर जाने पर यही पता चलता है कि वहां समुचित ढंग से ये सुविधा उपलब्ध नहीं है।
जिला अस्पताल में मरीजों की बाढ़, डॉक्टरों की कमी
जिला अस्पताल में सृजित 32 विशेषज्ञ चिकित्सकों की अपेक्षा मात्र पांच ही विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात हैं। जबकि बलरामपुर सरकार के आकांक्षा जनपदों में आता है। हालत यह है कि बलरामपुर में किसी भी सरकारी अस्पताल में आईसीयू की व्यवस्था नहीं है। ना ही सृजित पदों की अपेक्षा चिकित्सक हैं, जिस कारण जिले की स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ रही हैं। यही हाल जनपद के सभी विकासखंडों का भी है।
दो माह पूर्व आईसीयू के लिए सीएम ने दिए थे निर्देश
जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को ढर्रे पर लाने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो माह पूर्व ही जिला अस्पताल में आईसीयू व अन्य सीएचसी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती का निर्देश दिया था लेकिन अब तक जिला संयुक्त अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में न आईसीयू और न ही विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए गए हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि कैसे जिले की लगभग 25 लाख आबादी की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर होंगी।
गंभीर स्थिति में जान बचाता है आइसीयू
मालूम हो कि गंभीर मरीज को आईसीयू में भर्ती किया जाना आवश्यक होता है। लेकिन बलरामपुर के बदनसीब मरीजों को ऐसी स्थिति में इलाज के लिए बाहर ही जाना पड़ता है। चिकित्सक गंभीर मरीजों को लखनऊ रेफर करते हैं, चूंकि रास्ते में भी लखनऊ से पहले जल्दी किसी जनपद में आईसीयू वाले मरीज का इलाज नहीं मिल पाता। कई बार ऐसा देखा गया है कि गंभीर मरीजों को जब तक उसके तीमारदार लखनऊ पहुंचते हैं, तब तक मरीज रास्ते में दम तोड़ देते है। लंबे समय से जिले में यह स्थिति बनी हुई है। बता दें कि आकांक्षी जनपद होने के कारण बलरामपुर देश के आठ जिलों में शामिल है। हालांकि, नीति आयोग भी जिले की चिकित्सा स्वास्थ्य सुधारने का दावा कर रही है। परंतु प्रयास कागज तक ही सीमित हैं।
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सीएमएस ने कहा- भेजा गया है पत्र
इस संबंध में जिला अस्पताल के सीएमएस का कहना है कि जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के लिए शासन को लगातार पत्र भेजा गया है। एक्सपर्ट चिकित्सकों तैनाती के प्रयास जारी हैं। उम्मीद है कि सरकार जल्दी तैनाती करेगी।